गंगा के बाद यमुना का रौद्र रूप, खतरे के निशान के पार बह रही.... जानिए कहां कैसा संकट, क्‍या है तैयारी?

Yamuna Flood: यमुना की बाढ़ का असर सिर्फ दिल्ली तक सीमित नहीं है, बल्कि उत्तर प्रदेश में भी इसके व्यापक प्रभाव देखने को मिल रहे हैं.

विज्ञापन
Read Time: 5 mins
फटाफट पढ़ें
Summary is AI-generated, newsroom-reviewed
  • यमुना नदी का जलस्तर दिल्ली रेलवे ब्रिज पर खतरे के निशान से ऊपर बढ़ रहा है, जिससे बाढ़ का खतरा गहरा गया है
  • हथिनीकुंड, वजीराबाद और ओखला बैराज से छोड़े जा रहे पानी की भारी मात्रा यमुना का जलस्तर बढ़ा रही है.
  • पुराने रेलवे ब्रिज पर ट्रैफिक बंद है. बाढ़ प्रभावित इलाकों से लोगों को सुरक्षित जगहों पर भेजा जा रहा है.
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।

गंगा के बाद अब यमुना उफान पर है. खतरे का निशान पार कर चुकी है. दिल्‍ली से लेकर आगरा, मथुरा तक शहरों के कई-कई मुहल्‍ले डूबने को हैं. लोग घर-बार छोड़कर जाने को मजबूर हैं. दिल्ली में यमुना नदी एक बार फिर अपने उफान पर है और पुराने रेलवे ब्रिज के पास हालात बेहद गंभीर हो चुके हैं. केंद्रीय जल आयोग के आधिकारिक पूर्वानुमान के अनुसार, दिल्ली रेलवे ब्रिज (नॉर्थ डिस्ट्रिक्ट) पर यमुना नदी का जलस्तर लगातार खतरनाक स्थिति में बना हुआ है और 206.36 मीटर तक पहुंच गया है, जो कि खतरे के निशान 205.33 मीटर से 1.03 मीटर ऊपर है. जलस्तर में अभी भी बढ़ोतरी का रुझान है जिससे शहर में कई इलाकों में बाढ़ आ गई है और खतरा और गहरा गया है.

ऑल टाइम हाई के करीब यमुना

यमुना का जलस्तर मंगलवार रात के दौरान 208.36 मीटर तक पहुंचा था, जो ऐतिहासिक ऑल टाइम हाई 208.66 मीटर (13 जुलाई 2023 को दर्ज) से मात्र 0.30 मीटर कम रहा. पीटीआई के अनुसार, हरियाणा से लगातार भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने के कारण दिल्ली प्रशासन हाई अलर्ट पर है. फरीदाबाद के 8 गांव, गौतमबुद्ध नगर के याकूबपुर छपरौली और वाजिदपुर समेत कई स्थानों में स्कूलों को बंद करा दिया गया है. यमुना के खतरे के निशान से ऊपर बहने के कारण नदी के किनारे बसे इलाकों में बाढ़ का खतरा लगातार बना हुआ है.

बैराजों से बड़ा डिस्चार्ज, स्थिति भयावह

बैराजों से ज्‍यादा मात्रा में पानी छोड़े जाने के चलते यमुना का जलस्‍तर बढ़ता जा रहा है. हथिनीकुंड बैराज से डिस्चार्ज 1,76,307 क्यूसेक, वज़ीराबाद बैराज से 93,260 क्यूसेक, और ओखला बैराज से 1,15,352 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. केंद्रीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष के एक अधिकारी के मुताबिक, वजीराबाद और हथिनीकुंड बैराज से हर घंटे छोड़े जा रहे पानी की भारी मात्रा ही जलस्तर बढ़ने का मुख्य कारण है. आमतौर पर इन बैराजों से छोड़े गए पानी को दिल्ली पहुंचने में 48 से 50 घंटे लगते हैं.

प्रशासन की तैयारी और सावधानियां

दिल्ली में पुराने रेलवे ब्रिज पर ट्रैफिक बंद कर दिया गया है, ट्रेनों को धीमी गति से निकाला जा रहा है और कुछ ईएमयू गाड़ियों को रद्द भी कर दिया गया है. निचले इलाकों की ओर पानी फैलने की आशंका को लेकर कई कॉलोनियों और क्षेत्रों जैसे मयूर विहार खादर आदि से लोगों को सुरक्षित जगहों पर जाने की सलाह दी गई है.

दिल्ली सरकार ने फ्लड रिस्पांस एक्शन प्लान लागू किया है, जिसमें 58 नावें, 675 लाइफ जैकेट, 82 पंप, और अधिकारी व इंजीनियरों की 24 घंटे की ड्यूटी सुनिश्चित की गई है. मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने सार्वजनिक तौर पर कहा है कि सरकार ऐसी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है. उन्‍होंने कुछ बाढ़ प्रभावित मुहल्‍लों का दौरा भी किया.

खाली कराए जा रहे निचले इलाके

जिला प्रशासन ने निचले इलाकों का खाली कराने का काम शुरू कर दिया है और लोगों को लगातार सतर्क रहने की सलाह दी है. मंत्री प्रवेश वर्मा ने बताया कि प्रशासन युद्धस्तर पर काम कर रहा है और निकासी व राहत कार्यों में कोई कमी नहीं रहने दी जाएगी.

Advertisement

हरियाणा के फरीदाबाद जिले में नदी किनारे बसे 8 गांवों के स्कूल भी बंद करा दिए गए हैं. गौतमबुद्ध नगर और अन्य प्रभावित गांवों में भी स्कूल बंद हैं. बड़खल झील का जलस्तर बढ़ने और नमो घाट की रेलिंग के पानी में डूबने जैसे संकेत बाढ़ के खतरे को और बढ़ा रहे हैं. बावजूद इसके, नदी तलहटी के बहुत सारे लोग अपने घर छोड़ने को तैयार नहीं हैं, जिससे संभावित खतरा बना हुआ है.

यूपी के आगरा, मथुरा में भी अलर्ट

यमुना की बाढ़ का असर सिर्फ दिल्ली तक सीमित नहीं है, बल्कि उत्तर प्रदेश में भी इसके व्यापक प्रभाव देखने को मिल रहे हैं. यूपी में वर्तमान में 22 जिले बाढ़ प्रभावित हैं, जिसमें 607 गांव और शहरी क्षेत्र के 22 वार्ड शामिल हैं. यहां कुल प्रभावित जनसंख्या 1,41,000 तक पहुंच गई है और कई जिले, जैसे आगरा, मथुरा, गंभीर स्थिति का सामना कर रहे हैं. मथुरा (प्रयाग घाट) पर यमुना 166.41 मीटर के जलस्तर पर बह रही है, जो खतरे के निशान 166.0 मीटर से 0.41 मीटर ऊपर है. प्रभावित जिलों में लोगों की निकासी, स्कूल बंद, राहत कार्य और बचाव में नावें, शरणालय, मेडिकल टीम व अन्य संसाधन तैनात किए गए हैं.

Advertisement

यमुना का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है, जिससे निचले इलाकों में रह रहे हजारों लोगों के लिए खतरा बढ़ गया है. प्रशासन और सरकार की ओर से सतत निगरानी, बचाव व राहत कार्यों को पूरी तत्परता के साथ लागू किया जा रहा है, लेकिन पानी की बढ़ती धार के आगे शहर और गांवों के रहवासियों की मुश्किलें लगातार बढ़ रही हैं. बाढ़ के इस संकट से प्रभावित लोगों के जीवन को सामान्य करने के लिए प्रशासन की कार्रवाई लगातार जारी है.

Featured Video Of The Day
Assam में बेदखली पर बवाल...Madani vs Himanta Biswa | Bharat Ki Baat Batata Hoon | Syed Suhail