भारतीय कुश्ती संघ (WHF) के पूर्व अध्यक्ष और बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह (Brij Bhushan Sharan Singh) पहलवानों के यौन उत्पीड़न मामले में मंगलवार को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश हुए. कोर्ट ने उन्हें दो दिन की अंतरिम जमानत दे दी है. कुश्ती संघ के सेक्रेटरी विनोद तोमर को भी अंतरिम जमानत मिली है. अब इस मामले पर 20 जुलाई को अगली सुनवाई होगी. वहीं, कैसरगंज सांसद बृजभूषण शरण सिंह की नियमित जमानत पर बहस बुधवार को होगा. इससे पहले 7 जुलाई को कोर्ट ने समन जारी कर दोनों आरोपियों को 18 जुलाई को हाजिर होने का आदेश दिया था.
अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटिन मजिस्ट्रेट हरजीत सिंह ने बृजभूषण शरण सिंह को 25000 रुपये के निजी मुचलके पर अंतरिम जमानत दी है. दिल्ली पुलिस ने छह बार के सांसद के खिलाफ 15 जून को भारतीय दंड संहिता की धारा 354 (महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने के इरादे से हमला या आपराधिक बल प्रयोग), 354 ए (यौन उत्पीड़न), 354 डी (पीछा करना) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत चार्जशीट दायर की थी. कुश्ती संघ के सेक्रेटरी विनोद तोमर पर भारतीय दंड संहिता की धारा 109 (किसी अपराध के लिए उकसाना), 354, 354ए और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत आरोप लगाया गया था.
सिंह के वकील ने ‘मीडिया ट्रायल' का आरोप लगाया, जिस पर जज ने कहा कि वह हाईकोर्ट या निचली अदालत के समक्ष एक आवेदन दायर कर सकते हैं. जज ने कहा कि अदालत आवेदन पर उचित आदेश पारित करेगी. वकील ने हालांकि इस संदर्भ में कोई आवेदन नहीं दिया.
वर्तमान मामले के अलावा, एक नाबालिग पहलवान द्वारा लगाए गए आरोपों के बाद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ एक और प्राथमिकी दर्ज की गई थी, जो यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के तहत थी. वह उन सात महिला पहलवानों में शामिल थी, जिन्होंने सिंह पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था. दोनों प्राथमिकी में, एक दशक से अधिक समय में अलग-अलग समय और स्थानों पर सिंह द्वारा अनुचित स्पर्श, छेड़छाड़, पीछा करना और धमकी जैसे यौन उत्पीड़न के कई कथित उदाहरणों का उल्लेख किया गया है.