नवाब मलिक ने कहा, महाराष्ट्र सरकार में कोई मतभेद नहीं है
देशभर में कोरोना वायरस (Coronavirus) के मामले कम होते जा रहे हैं और अब यह चर्चा है कि तीसरी लहर आएगी. हालांकि महाराष्ट्र में एक बार फिर कोरोना (Covid-19 in Maharashtra) के मामलों में थोड़ा इजाफा देखने को मिल रहा है. एक हफ्ते से लगातार महाराष्ट्र में हर दिन करीब 10 हजार नए मामले सामने आ रहे हैं. मुंबई में 30 फीसदी का उछाल देखने को मिला है, जो कि पिछले 19 दिनों में सबसे अधिक है. उधर महाराष्ट्र सरकार में भी उथलपुथल की खबरें हैं. इन सब बातों पर महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री व एनसीपी नेता नवाब मलिक (Nawab Malik) ने NDTV से बात की.
कोरोना के बढ़ते मामलों पर नवाब मलिक ने कहा, 'मामलों में उछाल नहीं आया है. पहले ही आंकड़ा बहुत पहुंच चुका है. लेकिन 10 हज़ार से कम नहीं हो रहा ये चिंताजनक है. उन्होंने कहा कि सीएम उद्धव ठाकरे इसे लेकर टास्क फ़ोर्स से बात करेंगे. कई जगहों पर स्थिति नियंत्रण में है. डेल्टा प्लस वैरिएंट भी सामने आया है और ये भी चिंता की बात है. ये नहीं कह सकते कि कोरोना खत्म हो गया. बहुत चिंताएं अभी बाकी है. कैसे दूर किया जाएगा इसका प्रयास जारी है. नवाब मलिक ने कहा कि लोग एहतियात नहीं बरतते हैं जिससे कोरोना फैलता है. लोगों की भीड़ बढ़ने लगी है. ऐसी परिस्थिति को नियंत्रण में लाना होगा. महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री ने कहा, 'ऑक्सीजन बेड बनाने से लेकर सब हम कर रहे हैं. डेल्टा प्लस जहां फैला है उसकी ट्रेसिंग करनी होगी जिससे और न फैले. ज़िलों में कड़ाई करनी होगी.'
महाराष्ट्र सरकार में चल रहे गतिरोध को लेकर नवाब मलिक ने कहा कि सरकार में कोई मतभेद नहीं है. हालांकि ज़िला परिषद के चुनावों में तीनों दल साथ नहीं लड़ेगे. कई जगह एनसीपी कांग्रेस आमने सामने हैं तो कई जगह शिवसेना एनसीपी आमने-सामने. उन्होंने कहा कि विधानसभा या लोकसभा के चुनाव अभी नहीं हैं और ये सरकार जो बनी है 5 साल चलेगी, कोई मतभेद नहीं है. उन्होंने कहा कि किसी मुलाकात को लेकर अंदाज़ा लगाना ठीक नहीं है. ना ही अनबन की बात कहना सही है. तीनों दलों में समन्वय है.
शरद पवार के घर गैर कांग्रेसी दलों की बैठक को लेकर भी नवाब मलिक ने अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि यह राषट्रीय मंच की बैठक थी, विपक्ष को एकजुट करने के लिए मीटिंग नहीं थी. कांग्रेस को अलग रखकर कोई गठबंधन बनाने का कोई प्रयास नहीं किया जा रहा है. कांग्रेस को भी ये समझना पड़ेगा कि यूपीए का विस्तार करना पड़ेगा. देश में कई राज्यों में कांग्रेस और बीजेपी आमने सामने हैं, और कोई दल है ही नहीं. बीजीपेी से अगर लड़ना है तो जहां जो दल मजबूंत हैं, जैसे अगर बंगाल में ममता मज़बूत हैं तो सबको ममता दीदी के साथ खड़ा होना चाहिए. अगर सपा मज़बूत है तो उसके साथ खड़ा होना होगा. अगर गुजरात में कांग्रेस मज़बूत है तो उसके साथ खड़ा होना होगा. पवार साहब ने यही कहा है बार-बार कि जो जहां मज़बूत है उसके साथ खड़े हों और बीजेपी को हराया जाए. और मुझे लगता है सभी लोग साथ आएंगे कोई परेशानी नहीं होगी.