सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडे ने गुरुवार को राजनीतिक उद्देश्यों के लिए संघर्ष की ओर लौट रही दुनिया की स्थिति पर चिंता व्यक्त की. एनडीटीवी के डिफेंस समिट में पहुंचे आर्मी चीफ ने कहा कि भू-राजनीतिक परिदृश्य अभूतपूर्व परिवर्तनों का सामना कर रहा है और आज राष्ट्रों ने कठोर शक्ति का उपयोग करने की इच्छा दिखाई है.
सेना प्रमुख ने कहा, "अंतरराष्ट्रीय प्रणाली में राष्ट्रीय हित की केंद्रीयता और राष्ट्रीय सुरक्षा की बढ़ती प्रमुखता स्पष्ट रूप से दिखाई दे रही है. आज राष्ट्रों ने अपने हितों को सुरक्षित करने के लिए कठोर शक्ति के उपयोग का सहारा लेने की इच्छा दिखाई है और दुनिया संघर्ष की ओर लौटती नजर आ रही है." उन्होंने आगे कहा, "हालांकि, पारंपरिक युद्ध बदल गया है, नई टेक्नोलॉजी आज केवल अमीर देशों तक केंद्रित नहीं है और तकनीक के बढ़ते इस्तेमाल से युद्ध का स्वरूप बदल रहा है."
सिर्फ महाशक्तियों तक ही सीमित नहीं नई तकनीक
सेना प्रमुख ने कहा, "आधुनिक प्रौद्योगिकियों तक पहुंच केवल महाशक्तियों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि विकासशील देश भी ऐसी टेक्नोलॉजी तक पहुंच सकते हैं." जनरल पांडे ने कहा, "कुछ सीमाओं की हमारी विरासती चुनौतियां जारी हैं और संघर्ष के बदलते दौर में नए खतरों ने जटिलताएं बढ़ा दी हैं और दुश्मनों की ग्रे ज़ोन गतिविधियां और आक्रामकताए भूमि, समुद्र और वायु क्षेत्रों में प्रकट हो रही हैं."
भविष्य के लिए सेना का दृष्टिकोण
जनरल पांडे ने इस तथ्य पर जोर दिया कि हमें अपने राष्ट्रीय हित को सुरक्षित रखने की जरूरत है और ध्यान उन क्षमताओं को रखने पर होना चाहिए जिनके लिए निरंतर प्रगति की आवश्यकता है.आर्मी चीफ ने कहा, "भारतीय सेना, एक बड़ी थल सेना को एक आधुनिक, भविष्य के लिए तैयार सेना में बदलना होगा, जो मल्टी-डोमेन वातावरण में काम कर सके और अन्य सैन्य बलों के साथ तालमेल बिठा सके. सेना को भविष्य के लिए तैयार रहने के लिए ये तत्व महत्वपूर्ण हैं.
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