Covid-19 Vaccination drive: कोरोना वायरस के खिलाफ टीकाकरण का पहला चरण मंगलवार को शुरू हुआ, इसके तहत ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की वैक्सीन कोविशील्ड (Oxford University's Covishield) के निर्माता सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) ने वैक्सीन की पहली खेप भेजी. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय (Health Ministry) ने आज एक प्रेस कान्फ्रेंस में बताया कि दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण कार्यक्रम के लिए तैयारियां पूरे जोरों पर हैं. इस दौरान मंत्रालय ने टीकाकरण अभियान की संख्या के संबंध में जानकारी भी दी.
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स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, 200 रुपये प्रति डोज (GST को छोड़कर) की दर से वैक्सीन कोविशील्ड की 1.1 करोड़ डोज की खरीदी जा रही हैं. इसी तरह हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक की ओर से विकसित कोवैक्सीन की 55 लाख डोज मिल रही है. इन दोनों ही वैक्सीन को डीसीजीआई की ओर से आपातकालीन उपयोग के लिए मंजूरी दी गई है. भारत बायोटेक 38.5 लाख डोज के लिए 295 रुपये प्रति डोज की दर से चार्ज कर रहा है. कंपनी 16.5 लाख डोज सरकार को मुफ्त में उपलब्ध कराएगी. कुल मिलाकर केंद्र सरकार को अब तक कोरोना वैक्सीन की 54,72,000 डोज मिल चुकी हैं. सभी राज्यों/यूटी को 14 जनवरी तक 100 फीसदी डोज मिल जाएंगी. यह पूछे जाने पर कि जब देश को और अधिक डोज की जरूरत है, केवल 1.1 करोड़ डोज का ऑर्डर क्यों दिया गया है, मंत्रालय ने कहा कि हम सप्लाई आर्डर को चरणों में पूरा करेंगे.
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मंत्रालय के अनुसार, भारत में विकसित या निर्मित वैक्सीन, पश्चिमी देशों के वैक्सीन की तुलना में काफी सस्ते हैं. "Pfizer's के दो डोज की कीमत ₹ 2,800 रुपये के आसपास है जबकि माडर्ना के दो डोज की कीमत 5,400 रुपये के करीब हो सकती है." स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, चार अन्य वैक्सीन भी भारत में विकसित या निर्मित किए जा रहे हैं जो अगले कुल माह में आपातकालीन उपयोग के लिए उपलब्ध होंगे. कोरोना टीकाकरण 16 जनवरी से प्रारंभ होना है और इसके पहले चरण में हेल्थ और फ्रंटलाइन वर्कर्स का टीकाकरण किया जाएगा.
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