World Population Day: साल 1987 में दुनिया की आबादी पांच अरब (5 बिलियन) के ग्राफ को पार कर गई और 1999 में 6 अरब (6 बिलियन) तक पहुंच गई. अक्टूबर 2011 में वैश्विक जनसंख्या 7 अरब होने का अनुमान लगाया गया था. यूएन के अनुसार वर्तमान में दुनिया की आबादी (7.9 बिलियन) करीब 8 अरब बताई जा रही है. वर्तमान में भारत की आबादी 139 करोड़ होने का अनुमान है.
विस्फोटक जनसंख्या वृद्धि दुनिया के सामने बड़ी समस्याओं को लेकर उभरी है. तकनीक और स्वास्थ्य सुविधाओं ने मानव जीवन को आसान बना दिया है. इससे मृत्य दर बहुत कम हो गई है. बढ़ती आबादी के कारण दुनिया के सामने जलवायु परिवर्तन और कार्बन उत्सर्जन जैसी बड़ी समस्याएं पैदा हो गई हैं. खाद्यान और रोजगार संकट पैदा हो गया है. चारों ओर हिंसा, भेदभाव और पलायन बढ़ रहा है. सामाजिक, आर्थिक और संसाधनों को लेकर असमानता बढ़ रही है. आज मनुष्य की मूलभूत आवश्यकताओं जल, जंग और जमीन के लिए युद्ध हो रहा है. कार्बन उत्सर्जन और ग्लोबल वॉर्मिंग की समस्या दुनिया के सामने बड़ी चुनौती बनकर उभरी है. इंटरगवर्नमेंटल पैनल ऑन क्लाइमेट चेंज (IPCC) ने 2021 में जारी अपनी रिपोर्ट में बताया है कि पृथ्वी की औसत सतह का तापमान 1.1 डिग्री बढ़ गया है. यह साल 2030 तक 1.5 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ जाएगा. इससे दुनिया भर में मौसम से जुड़ी भयंकर आपदाएं आएंगी. संयुक्त राष्ट्रसंघ ने साफ कहा है इसके लिए मानव जाति जिम्मेदार है.
दुनिया की कितनी आबादी कहां रहती है?
वैश्विक आबादी का 61% एशिया (4.7 अरब), अफ्रीका में 17% (1.3 अरब), यूरोप में 10% 75 करोड (750 मिलियन), लैटिन अमेरिका और कैरेबियन में 8% मतलब 65 करोड (650 मिलियन) आबादी रहती है. शेष 5% उत्तरी अमेरिका (370 मिलियन) 37 करोड़ और ओशिनिया (43 मिलियन) 4.3 करोड़ आबादी रहती है.
चीन और भारत: सबसे अधिक आबादी वाले देश
चीन (1.44 बिलियन) 144 करोड़ और भारत (1.39 बिलियन) 139 करोड़ की आबादी के साथ दुनिया के दो सबसे अधिक आबादी वाले देश हैं. दोनों देशों में 1 अरब (1 बिलियन) से अधिक लोग हैं, जो दुनिया की आबादी का क्रमशः 19 और 18 प्रतिशत है. चीन के पास दुनिया का 6.3 प्रतिशत भू-भाग है, जबकि भारत के पास दुनिया का 2.4 प्रतिशत भू-भाग है.
यूएन के एक अनुमान के मुताबिक भारत की इसी दर से जनसंख्या बढ़ती रही तो 2027 के आसपास भारत दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाले देश बन जाएगा. जबकि 2019 और 2050 के बीच चीन की आबादी में 31.4 मिलियन या लगभग 2.2 प्रतिशत की कमी होने का अनुमान है.
जनसंख्या को लेकर क्या कहते है UN के दावे
यूएन के एक अनुमान के मुताबिक अगर दुनिया की आबादी इसी रफ्तर से बढ़ती रही तो यह 2030 में 8.5 अरब, 2050 में 9.7 अरब और 2100 में 11.2 अरब के आंकड़े को छू जाएगी.
दुनिया में किस आयु वर्ग की कितने प्रतिशत आबादी
यूनाइटेड नेशन्स पॉपुलेशन फंड ने दुनिया की आबादी को तीन आयु वर्गों में बांटा है. डेटाबोर्ड के आंकड़ों के अनुसार.
0-14 वर्ष =25%
15-64 वर्ष =65%
65+ वर्ष से अधिक =10%
वैश्विक जनसंख्या वृद्धि से जुड़ी वो पांच बड़ी बातें जो आप नहीं जानते
यूनाइटेड नेशंस डिपार्टमेंट ऑफ इकोनॉमिक एंड सोशल अफेयर, पॉपुलेशन डिविजन रिपोर्ट 2021 के अनुसार वैश्विक जनसंख्या वृद्धि से जुड़े कुछ रोचक तथ्य सामने आए हैं. आइए पांच प्वाइंस में हम इनको जानते हैं.
1. 20वीं सदी के मध्य से दुनिया में अभूतपूर्व जनसंख्या वृद्धि देखने को मिली. साल 1950 से 2020 के बीच विश्व की जनसंख्या के आकार में तीन गुना से अधिक की वृद्धि हुई.
2. दुनिया में एक दौर ऐसा भी आया जब जनसंख्या वृद्धि सबसे तेज गति से हुई. साल 1965 और 1970 के बीच जनसंख्या वृद्धि चरम पर पहुंच गई. इस समयावधि में मानव संख्या औसतन 2.1% दर से प्रति वर्ष बढ़ी.
3. साल 2000 से 2020 की अवधि के दौरान वैश्विक जनसंख्या 1.2% की औसत वार्षिक दर से बढ़ी. लेकिन 48 देशों में दोगुनी तेजी से जनसंख्या वृद्धि हुई. इनमें अफ्रीका के 33 देश या क्षेत्र और एशिया में 12 देश शामिल हैं.
4. 20वीं सदी के मध्य से विकसित देशों में वयस्कों का जीवन काल बढ़ा है. 100 वर्ष की आयु तक पहुंचने वाले लोगों की संख्या आज की तुलना में कभी अधिक नहीं रही.
5. दुनिया भर में जनसंख्या के आकार की अपेक्षा मौतों की संख्या 1950 के दशक से घट रही है. संयुक्त राष्ट्र ने अगले कई दशकों में मृत्यु दर में निरंतर क्रमिक कमी का अनुमान लगाया है.
दुनिया के इन 10 देशों में तेजी से बढ़ रही है जनसंख्या
इंडेक्श मुंडी के ताजा आंकड़ों के अनुसार इन 10 देशों की आबादी तेजी से बढ़ रही है.
देश | जनसंख्या वृद्धि दर |
1 सीरिया | 4.64 |
2 नाइजर | 3.66 |
3 अंगोला | 3.4 |
4 बेनिन | 3.39 |
5 युगांडा | 3.35 |
6 मलावी | 3.29 |
7 कांगो, लोकतांत्रिक गणराज्य | 3.18 |
8 चाड | 3.16 |
9 बुरुंडी | 2.94 |
10 माली | 2.39 |