एक ऑन ड्यूटी पुलिस कॉन्स्टेबल द्वारा मानव सेवा के लिए किए गए एक अद्भुद कार्य ने एक महिला की जान बचा ली. ये महिला रास्ते में बेहोश हो गई थी और इस साहसी कॉन्स्टेबल ने इस महिला को 6 किलोमीटर तक अपनी पीठ पर लाद उन्हें तुरंत आंध्र प्रदेश के पश्चिम गोदावरी जिले में मेडिकल सहायता तक पहुंचाया.
58 वर्षीय महिला, जो हाई ब्लड प्रेशर और टखने की सर्जरी के चलते कमजोर थी, आंध्र प्रदेश के प्रसिद्ध तिरुमाला मंदिर की ओर जाने वाले 18 किलोमीटर लंबे खड़े मार्ग पर चलते समय बेहोश हो गई. ड्यूटी पर मौजूद कांस्टेबल शेख अरशद ने इस दुर्गम इलाके से महिला को अपनी पीठ पर लाद लियाऔर वह उन्हें हर 3-4 मिनट में एक ब्रेक लेकर और फल खिलाते हुए चलता रहा, ताकि उन्हें एनर्जी मिलती रहे.
करीब 6 किलोमीटर के चलने के बाद, पूर्व विधायक की एक कार निकटतम सड़कमार्ग पर पहुंची और महिला को अस्पताल ले गई.
पुलिसकर्मी द्वारा दिखाई गई कर्तव्य की भावना के लिए उनकी व्यापक रूप से सराहना की गई, जिसमें आंध्र प्रदेश पुलिस के शीर्ष अधिकारी गौतम सवांग भी शामिल रहे.
तिरुमाला मंदिर भगवान वेंकटेश्वर को समर्पित (विष्णु का एक अवतार) इसी नाम से एक शहर (तिरुमाला) के पास एक पहाड़ी पर स्थित है.
भक्ति दिखाने के एक तरीके के रूप में, कई तीर्थयात्रियों को मोटर योग्य सड़क से यात्रा करने के बजाय दुर्गम इलाके के माध्यम से पहाड़ी पर पर यात्रा के लिए जाते हैं. यह पहाड़ी बहुत खड़ी और यह एक बार में केवल एक व्यक्ति को गुजरने की अनुमति देता है.
जून में, तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम बोर्ड द्वारा प्रबंधित मंदिर कोरोनोवायरस-प्रेरित राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन को आंशिक रूप से हटाए जाने के बाद सबसे पहले खोले जाने वाले मंदिरों में से एक ता. हालांकि, यह कमजोर - बुजुर्ग, गर्भवती महिलाओं और 10 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए बंद रहा, लेकिन ये प्रतिबंध केवल दिसंबर में आसान किए गए थे.
मंदिर जाने के इच्छुक भक्तों के पास एक वैध पास होना चाहिए, जो प्रतिदिन 35,000 तक सीमित हो सकते हैं. मंदिर में प्रवेश करने का टिकट कुछ सौ रुपये में ऑनलाइन खरीदा जा सकता है. पहाड़ पर बसे मंदिर का बोर्ड देश के सबसे अमीर मंदिर ट्रस्ट में से एक है.