छत्तीसगढ़ में महिला ने कांवर में ही दिया बच्चे को जन्म, गांव में सड़क न होने की वजह से नहीं पहुंची गाड़ी

छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले के एक गांव में एक महिला ने कांवर में एक बच्चे को जन्म दिया. गांव में सड़क न होने की वजह से उसके परिजन उसे कांवर में रखकर अस्पताल ले जा रहे थे.

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अम्बिकापुर:

छत्तीसगढ़ के आदिवासी बहुल सरगुजा जिले के जनपद पंचायत बतौली में हुई एक घटना ने प्रदेश सरकार के विकास के दावों की पोल खोल कर रख दी है. वहां एक आदिवासी गर्भवती महिला को उसके परिजन गांव में सड़क न होने की वजह से झेलेगी (कांवर) में ढोकर सड़क पर खड़े वाहन के पास ले जा रहे थे. इस दौरान उसने रास्ते में ही बच्चे को जन्म दे दिया. उस महिला के साथ चल रही महिलाओं ने इसमें मदद की.

कहां की है यह घटना

मिली जानकारी के मुताबिक गांव तक सड़क नहीं होने के कारण प्रसव पीडा से कराह रही महिला को उसके परिजन उसे संभालकर लेकर आ रहे थे. इस दौरान झेलेगी में ही उक्त महिला को प्रसव पीड़ा होने लगी. इस दौरान उस महिला के साथ मौजूद उसके परिवार की एक अन्य महिला ने कंबल को ओढ़ाकर बच्चे को कपड़े में लपेटा. इस पूरी घटना को गांव के एक युवक ने अपने मोबाइल में कैद कर लिया. बताया जा रहा है महिला का नाम ललिता मांझी है. वह मैनपाट के तराई क्षेत्र के गांव कदनई के सुगाझरिया की रहने वाली है. वह माझी जनजाति समुदाय की है. उसके गांव तक आज तक सड़क नहीं बन पाई है. यही कारण है कि उसके परिजन उसे झेलेगी में बैठाकर पहाड़ के टेढ़े-मेढ़े पगडंडी रास्ते के सहारे तीन किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद मुख्य सड़क पर पहुंचाने वाले थे.लेकिन बीच रास्ते में ही उक्त महिला का प्रसव हो गया.इसके बाद मुख्य सड़क पर खड़े एक वाहन से उसे तत्काल बतौली के शांतिपारा समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में दाखिल कराया गया है. वहां जच्चा-बच्चा दोनों की हालत अब सामान्य बताई जा रही है. 

विपक्ष ने लगाया यह आरोप

यह खबर सामने आने के बाद पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंह देव ने कहा कि यह सच्चाई है कि आज भी सरगुजा सहित पूरे छत्तीसगढ़ में ऐसे ग्रामीण इलाके हैं, जहां सड़कें नहीं बन सकी है जिसके कारण ऐसी स्थिति निर्मित होती है. उन्होंने कहा कि इसके लिए भले ही राजनीतिक दल एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप करते हैं लेकिन यह एक कटु सच्चाई है इसके लिए सरकार को गंभीरता से चिंतन करने की जरूरत है. उन्होंने यह भी कहा कि जहां सड़कें नहीं पहुंची हैं, वहां संस्थागत प्रसव कराना कठिन है. यह बहुत दुखद है. उन्होंने कहा सरकार शहरों की सड़कें बनाने के लिए फंड जारी कर देती है, लेकिन जो दूरस्थ इलाकों के गांव हैं, वहां आजतक सड़क नहीं बन सकी है. वहां सरकार का ध्यान नहीं जाता है, यह असंवेदनशीलता है.

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