महिला ने चार लोगों को जीवन दिया, ग्रीन कॉरिडोर के जरिए भेजा गया हार्ट

गाजियाबाद के इंदिरापुरम की रहने वाली महिला के ब्रेन डेड होने पर उसके परिवार ने किया उसके अंगों का दान, हार्ट, लीवर और किडनियों ने चार जीवन बचाए

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प्रतीकात्मक फोटो.
नई दिल्ली:

मस्तिष्क में रक्तस्राव से पीड़ित होने के बाद मृत एक 41 वर्षीय महिला का दिल निकालकर उसे 23 किलोमीटर के ग्रीन कॉरिडोर के माध्यम से केवल 18 मिनट में गाजियाबाद से दिल्ली लाया गया. अस्पताल के अधिकारियों ने बताया कि उसे तुरंत एक पुराने हृदय रोगी को प्रत्यारोपित किया गया. महिला के लीवर और दो किडनी का भी अलग-अलग प्रत्यारोपण में इस्तेमाल किया गया.

अस्पताल ने एक बयान में कहा कि गाजियाबाद के इंदिरापुरम की रहने वाली महिला को 19 दिसंबर को सिरदर्द और चक्कर आने की शिकायत के साथ वैशाली के मैक्स सुपर स्पेशलिटी अस्पताल ले जाया गया था.

वह एन्यूरिज्मल ब्लीड (मस्तिष्क की रक्त वाहिकाओं से रक्तस्राव) से पीड़ित थी. डॉक्टरों की मल्टीडिसीप्लीनरी टीम के निरंतर प्रयासों के बावजूद उसकी हालत लगातार बिगड़ती गई और गुरुवार को उसे ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया.

समझाइश देने के बाद महिला का परिवार उसके अंग दान करने के लिए सहमत हो गया. इसके बाद उसकी देह से उसके दिल, किडनी और लिवर निकाला गया. बयान में कहा गया है कि घड़ी के सटीक अकलन के साथ मैक्स हॉस्पिटल वैशाली और मैक्स अस्पताल साकेत के बीच गाजियाबाद और दिल्ली की पुलिस ने एक ग्रीन कॉरिडोर बनाया.

अस्पताल के प्रवक्ता ने कहा कि "25 दिसंबर को रात में दो बजे 23.8 किलोमीटर की दूरी केवल 18 मिनट में कवर की गई." उन्होंने कहा कि विभिन्न टीमों ने रात में अंगों की निकालने और उनके प्रत्यारोपण का काम किया.

गाजियाबाद की किडनी की बीमारी से पीड़ित एक 37 वर्षीय महिला मरीज को किडनी प्रत्यारोपित की गई. दिल्ली की एक 59 वर्षीय महिला को लीवर का प्रत्यारोपण किया गया, वह हेपेटो-सेल्युलर कार्सिनोमा की बीमारी से पीड़ित थी.

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अस्पताल के अधिकारियों ने कहा कि दोनों का प्रत्यारोपण वैशाली के मैक्स सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में किया गया. उन्होंने कहा कि दूसरी किडनी को गुड़गांव के आर्टेमिस अस्पताल एम्बुलेंस से सिर्फ 45 मिनट में भेजा गया.

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