NEET की परीक्षा को देशमें सबसे कठिनमत परीक्षाओं में से एक माना जाता है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, हर साल लगभग 23 से 24 लाख उम्मीदवार मेडिकल कोर्स में एडमिशन लेने के लिए तैयारी करते हैं. इसी बीच नीट में धांधली की शिकायतें भी बहुत ज्यादा आती हैं. दिल्ली पुलिस ने आर्टिफिशि.ल इंटेलीजेंस की मदद से एक गिरोह का पर्दाफाश किया है. नई दिल्ली डीसीपी देवेश कुमार महला के मुताबिक नीट के एग्जाम के दौरान नकल पर बड़ी कार्रवाई करते हुए नई दिल्ली जिले के स्पेशल स्टाफ ने पेपर सॉल्व करने वाले रैकेट में शामिल चार लोगों को गिरफ्तार किया है.
बायोमेट्रिक डेटा मैच नहीं हुए
पुलिस को मुताबिक, बीती 5 मई को भारतीय विद्या भवन मेहता विद्यालय में NEET परीक्षा के दौरान दो छात्रों का बायोमेट्रिक डेटा मैच नहीं हो रहा था, ऐसे में पुलिस द्वारा उन्हे पकड़ा गया. इसके बाद तिलक मार्ग थाने में केस दर्ज किया गया. प्रॉक्सी छात्र सुमित मंडोलिया और कृष्ण केसरवानी हैं. इन्हें दिल्ली पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया.
AI की मदद से गिरफ्तार
अपराध की गंभीरता को देखते हुए स्पेशल टीम ने इसकी जांच शुरू की. टीम बाकी आरोपियों का पता लगाने के लिए दिल्ली, अलवर, जयपुर और नोएडा में सिलसिलेवार छापे मारे. ये छापे तकनीकी निगरानी से मिली खुफिया जानकारी पर आधारित थे.
ऐसे हुआ खुलासा
पूछताछ के दौरान आरोपी सुमित मंडोलिया और कृष्ण केसरवानी ने इस सिंडिकेट को चलाने वाले नामों का खुलासा किया, उनकी पहचान प्रभात कुमार और किशोर लाल के रूप में हुई. हालांकि, उन्हें पकड़ना चुनौतीपूर्ण साबित हुआ. काफी मशक्कत के बाद आखिरकार उन्हें नोएडा के एक होटल से पकड़ा लिया गया.
यूपी, बिहार, बंगाल और राजस्थान से जुड़े तार
27 साल का किशोर लाल जोधपुर का रहने वाला है. उसमे मेडिकल स्कूल एडमिशन सलाहकार के रूप में काम करते हुए अव्वल छात्रों की पहचान की और फिर उन्हे एग्जाम में हेराफेरी करने के लिए पैसे की पेशकश की, दूसरा आरोपी 37 साल का प्रभात कुमार पटना का रहने वाला है आरोपी पहले पटना में एक कोचिंग अकादमी चलाता था,तीसरा आरोपी सुमित मंडोलिया जयपुर का रहने वाला है, वह वर्तमान में पश्चिम बंगाल के एक मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस सेकेंड ईयर का छात्र है, चौथा आरोपी कृष्ण केसरवानी उत्तर प्रदेश के प्रयागराज का रहने वाला है, फिलहाल वो उत्तराखंड के एक मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस फर्स्ट ईयर का छात्र है.