लोकसभा के बाद राज्यसभा ने भी बिना चर्चा के कृषि कानून वापसी बिल (Farm laws repeal bill 2021) को मंजूरी दे दी है.विपक्ष के हंगामे के बीच तीन विवादास्पद कृषि कानूनों को निरस्त करने संबंधी Farm laws repeal bill 2021 को बिना चर्चा के ही मंजूरी देने के बाद राज्यसभा की बैठक दोपहर दो बज कर दस मिनट पर आधे घंटे के लिए स्थगित कर दी गई. इससे पहले, बिल पर चर्चा की मांग को लेकर विपक्ष के सदस्यों ने जमकर हंगामा किया. राज्यसभा में कांग्रेस सांसद मल्लिकार्जुन खडगे ने कहा, ' हम रिपील बिल का स्वागत करते हैं, कोई इसके खिलाफ नहीं है.' उन्होंने कहा कि उपचुनाव के रिजल्ट पर किसान आंदोलन का असर हुआ, इसके चलते सरकार को डर था कि अगले 5 विधानसभा चुनाव में भी इसका असर होगा. कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि रिपील बिल पर चर्चा की जरूरत नहीं है, विधेयक को पारित किया जाए. बाद में उच्च सदन ने इस बिल को मंजूरी दे दी.
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इससे पहले, विपक्ष के हंगामे के बीच The Farm Laws Repeal Bill, 2021को लोकसभा ने आज पहले ही मंजूरी दे दी थी. लोकसभा में भी चर्चा के बिना ही बिल को मंजूरी दी गई थी. कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने संबंधी कृषि विधि निरसन विधेयक 2021 पेश किया था. इसके फौरन बाद कांग्रेस सहित विपक्षी दलों ने विधेयक पर चर्चा कराने की मांग शुरू कर दी. हालांकि अध्यक्ष ने कहा कि सदन में व्यवस्था नहीं है.कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि आज सदन में नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं. इस बिल को चर्चा एवं पारित होने के लिये रखे जाने की बात कही गई लेकिन इस पर सरकार चर्चा क्यों नहीं करना चाहती है? कई अन्य विपक्षी सदस्यों को भी कुछ कहते देखा गया लेकिन शोर शराबे में उनकी बात नहीं सुनी जा सकीं.
लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि सदन में व्यवस्था नहीं है और इस हालात में चर्चा कैसे करायी जा सकती है? आप (विपक्षी सदस्य) व्यवस्था बनाये तब चर्चा करायी जा सकती है.इसके बाद सदन ने शोर शराबे में भी ही बिना चर्चा के Farm laws repeal bill 2021 को मंजूरी दे दी. गौरतलब है कि पीएम मोदी ने गुरु पर्व के मौके पर देश के नाम संबोधन में इन कृषि कानूनों को रद्द करने का ऐलान किया था. कांग्रेस नेता शशि थरूर ने फॉर्म लॉज रिपील बिल को बिना चर्चा के पास कराने का विरोध किया. थरूर ने NDTV से बातचीत में कहा, 'सरकार ने गलत किया है. इससे पहले कानून को रिपील करने के लिए लाए गए बिल पर चर्चा लोकसभा में हुई थी. हम किसानों के लिए एमएसपी कानून, आंदोलन के दौरान जिन किसानों की मृत्यु हुई है उनके परिवारजनों को मुआवजा जैसे मसले संसद में उठाना चाहते थे ...लेकिन सरकार ने हमें मौका नहीं दिया. '