हरिद्वार में नफरती भाषण देने वालों को पुलिस ने भेजा समन

तमाम आलोचना झेल रही उत्तराखंड पुलिस ने नफरती भाषण देने वाले तीन आरोपियों को आखिरकार पूछताछ के लिए बुलाया है. नफरत फैलाने वाले खुलेआम कहते घूम करे हैं कि वो हरिद्वार जैसी धर्म संसद पूरे देश में आयोजित करेंगे.

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हरिद्वार में नफरती भाषण देने वालों की अभी तक गिरफ्तारी नहीं हुई है.

हरिद्वार:

महात्मा गांधी को अपशब्द कहने वाले कालीचरण की गिरफ्तारी तो छत्तीसगढ़ पुलिस ने कर ली है पर हरिद्वार में नफरती भाषण देने वालों की अभी तक गिरफ्तारी नहीं हुई है. तमाम आलोचना झेल रही उत्तराखंड पुलिस ने नफरती भाषण देने वाले तीन आरोपियों को आखिरकार पूछताछ के लिए बुलाया है. इसी बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है. इस वीडियो में साफ दिख रहा है कि उत्तराखंड के पुलिस अधिकारी नफरती भाषण देने वालों पर कार्रवाई करने की बजाय हंसी मजाक करते नजर आ रहे हैं. इस वीडियो के वायरल होने के बाद उत्तराखंड पुलिस को तीखी आलोचना झेलनी पड़ रही है. नफरती भाषण देने वालों पर कार्रवाई न करने को लेकर घिर चुकी उत्तराखंड पुलिस ने आखिरकार मुकदमे में आरोपी वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र त्यागी, अन्नपूर्णा और स्वामी धर्मदास को पूछताछ के लिए बुलाया है.

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एनडीटीवी ने उत्तराखंड पुलिस से सवाल पूछा कि क्या जैसे छत्तीसगढ़ पुलिस ने कालीचरण को गिरफ्तार किया है क्या वैसे ही हरिद्वार पुलिस भी नफरती भाषण देनें वालों की गिरफ्तार करेगी तो पुलिस अधिकारी जांच जारी है कहकर सवाल टाल गए.

हरिद्वार सिटी के सीओ शेखर सुयाल ने कहा, "नोटिस दिया है और भी जानकारी मांगी भी नेटिस दिया जाएगा हमारी जांच अभी पूरी नहीं हुई है जो सामने आएगा उस पर वैधानिक कार्यवाही होगी."

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उत्तराखंड पुलिस के नर्म रवैये ने नफरती भाषण देने वालों के हौसले बुलंद कर दिए हैं. नफरत फैलाने वाले खुलेआम कहते घूम करे हैं कि वो हरिद्वार जैसी धर्म संसद पूरे देश में आयोजित करेंगे.

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प्रबोधानंद ने कहा, "हम पूरे देश में ऐसी धर्मसंसद आयोजित कर रहे हैं और हम पूरे देश के हिंदुओं का आह्वान करते हैं कि इनमें शामिल हों." पूछताछ के लिए बुलाई जा चुकी अन्नपूर्णा खुलेआम कहती घूम रही हैं कि उन्हें पुलिस का भय नहीं है.

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अन्नपूर्णा ने कहा, "हम नाथूराम के समर्थक हैं और पुलिस का भय कैसा. हमें धर्मयुद्ध में फांसी पर चढ़ना पड़े तो चढ़ेंगे." विश्वास दिलाने के लिए उत्तराखंड डीजीपी लगातार कह रहे हैं कि सब पर कार्रवाई होगी पर पुलिस के रवैये से नहीं लगता कि पुलिस किसी को गिरफ्तार करेगी.

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धर्म संसद का आयोजक नरसिंहानंद अब भी संविधान और कानून का मजाक उड़ाता खुला घूम रहा है, न उस पर मुकदमा हुआ न कोई चेतावनी, ऊपर से उसे यूपी पुलिस की सुरक्षा भी मिली हुई है. सवाल ये है कि सभी साक्ष्य होने बावजूद क्या उत्तराखंड पुलिस राजनीतिक दबाव के कारण गिरफ्तारी करने से बच रही है.

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