कांग्रेस के अध्यक्ष पद के चुनाव में उम्मीदवार और पार्टी के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने सोमवार को कहा कि वह सामूहिक नेतृत्व में भरोसा करते हैं और पार्टी को नयी ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए सभी के साथ मिलकर काम करेंगे.
उत्तर पूर्व के कांग्रेस कार्यकर्ताओं को यहां संबोधित करते हुए खरगे ने कहा कि उनका प्राथमिक उद्देश्य पार्टी में 50 साल से कम उम्र के लोगों को विभिन्न पदों पर बैठाकर नयी ऊर्जा का संचार करने का है, जिनमें महिलाएं और ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग), अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति के लोग होंगे.
उन्होंने कहा, ‘‘मैं सलाह-मशविरा और सामूहिक नेतृत्व में भरोसा करता हूं. मैं नहीं चाहता कि लोग मेरे पीछे चलें, बल्कि साथ में चलते हुए उनसे बात करना चाहता हूं. हम मिलकर पार्टी के सांगठनिक ढांचे को मजबूत करने के लिए काम करेंगे.
राज्यसभा सांसद ने कहा कि सोनिया गांधी ने उन्हें अपने घर बुलाया था और कांग्रेस का नेतृत्व करने को कहा था. मैंने उनसे कहा कि मैं तीन नाम सुझा सकता हूं लेकिन उन्होंने कहा कि वह नाम नहीं मांग रही हैं और मुझे पार्टी का नेतृत्व करने के लिए कहा है.
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खड़गे ने कहा कि वह चुनाव लड़ने के लिए सहमत हुए क्योंकि गांधी परिवार का कोई भी सदस्य पार्टी अध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभालने को तैयार नहीं था. चुनावों इसलिए हो रहे हैं क्योंकि सोनिया और राहुल गांधी दोनों ने एक लोकतांत्रिक प्रक्रिया का वादा किया था. उन्होंने पार्टी के सदस्यों से भाजपा के खिलाफ अपनी लड़ाई में एकजुट होने का आग्रह किया.
कांग्रेस को जवाहरलाल नेहरू की विरासत की रक्षा करनी है, जिसे पहले इंदिरा और राजीव गांधी ने आगे बढ़ाया था. उन्होंने कहा, "यह हमारा कर्तव्य है कि हम सोनिया गांधी की बात सुनें जिनके पास 20 साल तक पार्टी की कमान संभालने के बाद ज्ञान और अनुभव है.
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