West Bengal Assembly Election Date : पश्चिम बंगाल में 2016 का विधानसभा चुनाव 4 अप्रैल से 5 मई 2016 के बीच 6 चरणों में चुनाव संपन्न हुआ था. तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने 294 विधानसभा सीटों में से 211 यानी दो तिहाई से ज्यादा सीटें जीतकर दूसरी बार सरकार बनाई थी. तब कांग्रेस (Cngress) को 44, वाम दलों (Left Parties) को 33 और गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के साथ चुनाव लड़ने वाली BJP महज 3 सीटें ही जीत पाई थी. हालांकि 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने बंगाल में शानदार प्रदर्शन करते हुए 42 में से 18 लोकसभा सीटें जीतकर सबको चौंका दिया. 2016 से 2021 के बीच बंगाल में हुए विधानसभा चुनाव (West Bengal Assembly Election) के दौरान सफलता हासिलकर बीजेपी ने अपनी सीटों का आंकड़ा 15 तक पहुंचा लिया. कांग्रेस और लेफ्ट एक बार फिर मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं.
बंगाल में बहुमत का जादुई आंकड़ा 148 है. 6 चरणों के 2011 के चुनाव में ममता बनर्जी की अगुवाई वाली तृणमूल कांग्रेस ने कांग्रेस के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ा था. ममता की अगुवाई वाले इस गठबंधन ने वाम दलों के 34 साल पुराने शासन को उखाड़ फेंका था. टीएमसी को 2011 में 184 और कांग्रेस को 42 सीटें मिली थीं. 2016 के चुनाव में टीएमसी की सीट 27 सीट और बढ़ीं और वह अकेले दम पर 211 तक पहुंच गई. बंगाल में 70.55 फीसदी हिन्दू वोट और 28 फीसदी मुस्लिम वोट है.
बंगाल की अस्मिता और पहचान को मुद्दा बनाते हुए टीएमसी ने इस बार बांग्ला निजेर मेयेकेई चाये (Bangla nijer meyekei chaye) यानी बंगाल को चाहिए अपनी बेटी के स्लोगन के साथ चुनावी प्रचार तेज किया है.
टीएमसी को इस बार गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के दोनों गुटों का भी समर्थन मिल रहा है. जबकि बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष जेपी नड्डा ने 25 फरवरी को लोक्खो सोनार बांग्ला (Lokho Sonar Bangla) अभियान लांच किया है. इसके जरिये पार्टी बंगाल में पार्टी का घोषणापत्र तैयार करने के लिए पूरे राज्य से करीब दो करोड़ सुझाव इकट्ठा करेगी.
बीजेपी पूरे बंगाल के 5 हिस्सों से परिवर्तन यात्रा निकालने की तैयारी में जुटी है. खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक माह में 3 बार बंगाल की यात्रा कर चुके हैं. जबकि गृह मंत्री अमित शाह के चार दौरे हो चुके हैं. BJP ने बंगाल में भी एनआरसी लागू करने का वादा भी किया है. साथ ही भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद के मुद्दे पर टीएमसी को घेरने की कोशिश में है. चुनाव के पहले एक दर्जन से ज्यादा बड़े नेता टीएमसी छोड़ बीजेपी के पाले में जा चुके हैं.