कर्नाटक में नेतृत्व परिवर्तन को लेकर चल रही अटकलों के बीच सीएम बीएस येदियुरप्पा (BS Yediyurappa) गुरुवार को डिफेंसिव मूड में नजर आए. उन्होंने कहा, 'केंद्रीय नेतृत्व इस मामले में जो भी निर्णय लेगा, मैं उसका पालन करूंगा.' येदियुरप्पा ने गुरुवार को कहा कि हो सकता है कि 26 जुलाई के बाद वे कर्नाटक के सीएम न रहें जब उनकी सरकार के दो वर्ष पूरे हो रहे हैं. उन्होंने जोर देकर कहा कि बीजेपी जो भी फैसला करेगी, वे उसका पालन करेंगे. येदियुरप्पा ने कहा, 'आप सब जानते हैं कि मैंने दो माह पहले कहा था कि किसी और के लिए रास्ता बनाने को मैं इस्तीफा दे दूंगा. मैं पावर में रहूं या न रहूं, बीजेपी को फिर से सत्ता में लाना मेरा कर्तव्य है. मैं पार्टी कार्यकर्ताओं से सहयोग का आग्रह करता हूं.'येदियुरप्पा ने यह भी कहा कि अभी तक उनसे इस्तीफे के लिए नहीं कहा गया है. उन्होंने कहा, 'जब भी ऐसे निर्देश आएंगे, मैं पद छोड़कर पार्टी के लिए काम करूंगा. देखते हैं 26 जुलाई के बाद क्या होता है.'
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येदियुरप्पा की 16 जुलाई की दिल्ली यात्रा ने कर्नाटक में नेतृत्व परिवर्तन की अटकलों को और ज्यादा तेज कर दिया है. पिछले कुछ समय से इस मुद्दे को लेकर चर्चाओं का दौर जारी है. 78 वर्षीय येदियुरप्पा और उनके बेटे विजेन्द्र पिछले सप्ताह दिल्ली पहुंचे थे. दिल्ली में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी.
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सीएम येदियुरप्पा को हटाने को लेकर मुहिम पिछले एक साल से चल रही है. इसके पीछे की वजह येदियुरप्पा परिवार की ओर से सभी मंत्रालयों के तहत होने वाले ट्रांसफर और पोस्टिंग में हस्तक्षेप तथा सीएम की उम्र को बताया गया है. यबताया जाता है कि येदियुरप्पा के खिलाफ लंबे समय से बिगुल बजाने वाले संघ के कद्दावर नेता बीएल संतोष की शह पर यह हो रहा है. येदियुरप्पा को उनके एक पार्टी सहयोगी ने मुख्यमंत्री बने रहने के मामले में मिजाज और हिम्मत (spirit or courage) के लिहाज से 'कमजोर' बताया था. बीजेपी नेता एच विश्वनाथ ने यह फीडबैक पिछले माह, पार्टी के कर्नाटक मामलों के प्रभारी अरुण सिंह के साथ शेयर किया था.