ज्ञानवापी मस्जिद पर क्या कोर्ट को मिलेगी सर्वे रिपोर्ट? समय सीमा आज हो रही खत्म

वाराणसी की एक अदालत ने 21 जुलाई को चार महिलाओं की याचिका के बाद ज्ञानवापी परिसर (Gyanvapi Dispute) में सर्वेक्षण का आदेश दिया था. इन याचिकाकर्ताओं ने मंदिर की पश्चिमी दीवार के पीछे मौजूद श्रृंगार गौरी मंदिर में पूजा की परमिशन मांगी थी.

Advertisement
Read Time: 6 mins
ज्ञानवापी सर्वे रिपोर्ट की समय सीमा आज खत्म (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:

उत्तर प्रदेश के वाराणसी में मौजूद ज्ञानवापी मस्जिद परिसर की वैज्ञानिक सर्वेक्षण रिपोर्ट (Gyanvapi Mosque Survey Report) की समय सीमा आज यानी कि मंगलवार को समाप्त हो रही है. उम्मीद जताई जा रही है कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण अब वाराणसी जिला अदालत में रिपोर्ट जमा कर सकती है. 100 दिनों के सर्वेक्षण रिपोर्ट की समय सीमा का आज अंतिम दिन है, हालांकि एएसआई कई बार इसे आगे बढ़ाने की मांग कर चुकी है.

ये भी पढ़ें-धार्मिक, आध्यात्मिक और सांस्कृतिक नगरी काशी में गोधूलि बेला में मनाई गई देव दीपावली

एक महीने पहले पूरा हुआ सर्वे, आज रिपोर्ट दाखिल करने का दिन

दरअसल सर्वेक्षण करीब एक महीने पहले ही पूरा हो गया था. एएसआई ने अपनी रिपोर्ट दाखिल करने के लिए अतिरिक्त समय मांगा था. इसका अंतिम विस्तार 18 नवंबर को था, उसी समय एएसआई ने 15 दिन और मांगे थे. हालांकि कोर्ट ने इसके लिए 10 दिन की इजाजत दी थी. एएसआई की टीम 4 अगस्त से मस्जिद परिसर में सर्वेक्षण कर रही थी. इसमें वुजुखाने का वह हिस्सा शामिल नहीं है, जिसे सुप्रीम कोर्ट के आदेश से सील कर दिया गया था.

एएसआई ने 2 नवंबर को अदालत को बताया कि उसने सर्वेक्षण "पूरा" कर लिया है, लेकिन सर्वेक्षण में इस्तेमाल किए गए उपकरणों की डीटेल के साथ रिपोर्ट अटैच करने के लिए उनको कुछ और समय की जरूरत होगी. जिसके बाद अदालत ने दस्तावेज जमा करने के लिए 17 नवंबर तक का अतिरिक्त समय दिया था. 

कोर्ट ने 21 जुलाई को दिया था सर्वेक्षण का आदेश

बता दें कि वाराणसी की एक अदालत ने 21 जुलाई को चार महिलाओं की याचिका के बाद ज्ञानवापी परिसर में सर्वेक्षण का आदेश दिया था. इन याचिकाकर्ताओं ने मंदिर की पश्चिमी दीवार के पीछे मौजूद श्रृंगार गौरी मंदिर में पूजा की परमिशन मांगी थी. पिछले साल अप्रैल में, अदालत ने उस याचिका के आधार पर परिसर के वीडियो सर्वेक्षण का आदेश दिया था. मई में किए गए सर्वेक्षण में वुज़ुखाना में कथित शिवलिंग मिलने का दावा याचिकाकर्ताओं ने किया था. 

 राइट विंग कार्यकर्ताओं का दावा है कि इस जगह पर पहले एक मंदिर था. 17वीं शताब्दी में मुगल सम्राट औरंगजेब के आदेश पर इसे ध्वस्त कर दिया गया था. बता दें कि ज्ञानवापी मस्जिद काशी विश्वनाथ मंदिर के बगल में मौजूद है, जो कि पिछले काफी समय से चर्चा में है. 
ये भी पढ़ें-उत्तराखंड की सुरंग में फंसे 41 मजदूरों के रेस्क्यू में नई-नई चुनौतियां,पहले मशीन टूटी, अब मौसम की मार

Featured Video Of The Day
नेपाल में बारिश ने मचाई तबाही, बाढ़ जैसे हालात