"नेताजी का कोई स्मारक क्यों नहीं?" प्रधानमंत्री के दौरे से पहले ममता बनर्जी ने बोला हमला

बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती को पराक्रम दिवस के तौर पर मनाने के केंद्र सरकार के निर्णय पर भी सवाल उठाए. 

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ममता बनर्जी के नेताजी के सम्मान में कोलकाता में एक जुलूस की अगुवाई की
कोलकाता:

पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी जंग भले ही कुछ महीनों बाद होने वाली हो, लेकिन नेताजी सुभाष चंद्र बोस की विरासत को लेकर तृणमूल कांग्रेस और बीजेपी में लड़ाई तेज हो गई है. दोनों दलों में इस बात को लेकर तकरार हो रही है कि कौन नेताजी को उनकी जयंती पर बेहतर तरीके से सम्मान दे पाता है.

शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कोलकाता और नेताजी के सम्मान में कई कार्यक्रमों में हिस्सा लेने के कुछ देर पहले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने केंद्र पर हमला बोला. उन्होंने नेताजी की जयंती को राष्ट्रीय अवकाश घोषित करने और उनके नाम पर राष्ट्रीय स्मारक बनाने में नाकाम को लेकर केंद्र सरकार को घेरा.

ममता ने कहा, वह सुभाष चंद्र बोस की जयंती को राष्ट्रीय अवकाश घोषित न करने के केंद्र के फैसले का विरोध करती हैं. आप नई संसद का निर्माण कर रहे हैं, नए  विमान खरीद रहे हैं, लेकिन नेताजी के नाम पर कोई स्मारक क्यों नहीं हैं? कोलकाता में छह किलोमीटर लंबे मार्च के बाद ममता ने ये तीखे सवाल दागे.

ममता ने कहा, आप किसी भी पोर्ट का नाम श्यामा प्रसाद मुखर्जी के नाम पर रख सकते हैं, हमें कोई आपत्ति नहीं है. लेकिन मैंने खुद राजीव गांधी से कहकर कोलकाता एयरपोर्ट का नाम नेताजी सुभाष चंद्र बोस करवाया था.मुख्यमंत्री ने जनवरी में कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट का नाम श्यामा प्रसाद मुखर्जी के नाम पर रखने का जिक्र किया था.

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