राहुल गांधी अमेठी की बजाय रायबरेली से क्यों लड़ रहे हैं चुनाव? ये 5 वजह खास

सभी की नजरें इस बात पर टिकी थी कि आखिरकार कौन अमेठी और रायबरेली से कांग्रेस उम्मीदवार होगा. पहले ये माना जा रहा था कि राहुल गांधी वायनाड के अलावा एक बार फिर से अमेठी से ही चुनावी मैदान में किस्मत आजमाएंगे. लेकिन हुआ ठीक इसके उलट, राहुल गांधी अबकी बार अमेठी की बजाय अपनी मां सोनिया गांधी के गढ़ रायबरेली से चुनाव लड़ रहे हैं.

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कांग्रेस ने अमेठी से केएल शर्मा को बनाया उम्मीदवार

देशभर में पिछले कुछ दिनों से इस बात की चर्चा जोरों पर रही कि अबकी बार कांग्रेस (Congress) अमेठी और रायबरेली में किसे चुनावी मैदान में उतारेगी. इस बात के कयास लगाए जा रहे थे कि इन दोनों सीट से राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा चुनाव लड़ सकते हैं. लेकिन कांग्रेस ने देर से ही मगर इस पर सस्पेंस खत्म कर ही दिया. कांग्रेस ने जहां रायबरेली से राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को चुनावी मैदान में उतारा, वहीं अमेठी से केएल शर्मा चुनावी मैदान में हैं.

असल में यूपी की दोनों सीट अमेठी और रायबरेली कांग्रेस का गढ़ मानी जाती है. ऐसे में सभी की नजरें इस बात पर टिकी थी कि आखिरकार कौन यहां से कांग्रेस उम्मीदवार होगा? पहले ये माना जा रहा था कि राहुल गांधी वायनाड के अलावा एक बार फिर से अमेठी से ही चुनावी मैदान में किस्मत आजमाएंगे. लेकिन हुआ ठीक इसके उलट, राहुल गांधी अबकी बार अमेठी की बजाय अपनी मां सोनिया गांधी के गढ़ रायबरेली से चुनाव लड़ रहे हैं. जबकि अमेठी से कांग्रेस ने गांधी परिवार के करीबी केएल शर्मा को प्रत्याशी बनाया है.  

अब ऐसे में सवाल ये है कि राहुल गांधी अमेठी की बजाय क्यों रायबरेली से चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि राहुल गांधी 2004, 2009, 2014 में यहां से चुनाव जीत चुके हैं. लेकिन, गौर करने वाली बात ये है कि साल राहुल गांधी 2019 में यहां भाजपा नेता स्मृति ईरानी से चुनाव हार गए.

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अमेठी छोड़ रायबरेली क्यों गए राहुल? ये 5 वजहें बेहद खास

  1. पिछले लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी को अमेठी में बीजेपी नेता स्मृति ईरानी से हार का सामना करना पड़ा था. अबकी बार भी बीजेपी यहां जीत के दावे कर रही है.
  2. कहा ये भी जा रहा है कि इस बार के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस कोई जोख़िम नहीं लेना चाह रही, इसलिए राहुल गांधी अमेठी की बजाय रायबरेली से चुनावी मैदान में उतरे.
  3. बीते 5 साल में एक राहुल गांधी एक बार भी अमेठी नहीं गए. इसे भी एक प्रमुख वजह बताया जा रहा है.
  4. एक तर्क ये भी दिया जा रहा है कि गांधी परिवार के किसी सदस्य को रायबरेली से लड़ना था. क्योंकि ये लोकसभा सीट भी गांधी परिवार का मजबूत गढ़ रहा है.
  5. पिछले बार सोनिया गांधी रायबरेली में पौने दो लाख वोट से जीती थीं. ऐसे में इस सीट से राहुल गांधी की जीत की उम्मीद की जा रही है.

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