अपने पति की लंबी उम्र के लिए हमेशा प्रार्थना करने वाली महिलाओं के बीच कुछ ऐसी महिलाएं भी हैं, जो अपने ही पतियों की जान की दुश्मन बन जाती है. गुरुग्राम स्थित एकम न्याय फाउंडेशन ने पुरुषों की हत्या और आत्महत्या को लेकर एक रिपोर्ट तैयार की है. रिपोर्ट में बताया गया है कि साल 2023 में बहुत से पतियों ने अपनी पत्नियों की प्रताड़ना के कारण आत्महत्या कर ली. पत्नियों द्वारा पतियों की हत्या करने के मामलों के साथ ही महिलाओं द्वारा पुरुषों को हनी ट्रैप के जाल में फंसाकर आत्महत्या के लिए मजबूर करने के मामलों का भी रिपोर्ट में अध्ययन किया गया है.
एकम न्याय फाउंडेशन की इस रिपोर्ट में 306 पुरुषों की हत्या के मामलों का अध्ययन किया गया है. चौंकाने वाला तथ्य यह है कि इनमें से 213 मामलों में पुरुषों की हत्या के पीछे पत्नियां और उनके प्रेमी थे.
क्या है हत्या के कारण
रिपोर्ट के मुताबिक, इस तरह के मामलों की जड़ में जाएं तो पुरुषों की हत्या के लिए पत्नी के विवाहेत्तर संबंधों पर आपत्ति जताने और आर्थिक स्थिति को लेकर जोड़ों के बीच बहस मुख्य कारण है. इसके साथ ही घरेलू कलह और पत्नी द्वारा प्रेमी के साथ मिलकर पति की हत्या करने की घटनाएं भी सामने आ चुकी हैं. फाउंडेशन ने कई वीभत्स घटनाओं के सबूत जुटाए हैं.
ऐसे कई मामलों में पत्नियां शुरू में नहीं पकड़ी गईं क्योंकि उन्होंने सारे सबूत नष्ट कर दिए थे. इसके अलावा ऐसे मामले भी सामने आए हैं, जहां पुलिस को पति की हत्या को लेकर गुमराह किया गया और हत्या को आत्महत्या के रूप में दर्शाया गया. इन सभी मामलों में पीड़ितों की अधिकतम उम्र 75 साल और न्यूनतम 18 साल थी.
पुरुष आत्महत्या के मामले
फाउंडेशन ने अपने अध्ययन में पुरुषों की आत्महत्या के 517 मामलों का अध्ययन किया. इस अध्ययन में आत्महत्या के लिए सामने आए कारण काफी चौंकाने वाले हैं.
- 235 आत्महत्याएं मानसिक क्रूरता के कारण
- 47 आत्महत्याएं विवाहेत्तर संबंध के कारण
- 45 आत्महत्याएं झूठे आरोपों के कारण
- 22 आत्महत्याएं घरेलू हिंसा के कारण
- 168 आत्महत्याएं संदेह, धोखाधड़ी या वित्तीय विवादों के कारण हुईं.
रिपोर्ट के मुताबिक, पुरुषों की आत्महत्या के पीछे मानसिक क्रूरता, झूठे आरोप, पत्नी के विवाहेतर संबंध और घरेलू हिंसा प्रमुख कारण हैं.
NCRB रिपोर्ट क्या कहती है?
NCRB की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, 2022 में 1,22,724 पुरुषों ने आत्महत्या की. साथ ही इस अवधि के दौरान 48,172 महिलाओं ने आत्महत्या की. रिपोर्ट के मुताबिक, 2022 में आत्महत्या करने वाले विवाहित पुरुषों की संख्या 82,000 रही. 38,904 पुरुषों ने पारिवारिक समस्याओं के कारण आत्महत्या की और 5,891 पुरुषों ने वैवाहिक समस्याओं के कारण मौत को गले लगा लिया.
पुरुषों की आत्महत्या का सबसे आम कारण पारिवारिक समस्याएं हैं.
एकम न्याय फाउंडेशन की रिपोर्ट में कहा गया है कि समाज और सरकार महिला अपराधियों की उपेक्षा कर रही हैं. समाज, सरकार, मीडिया महिला अपराध को नजरअंदाज कर रहे हैं. महिलाओं द्वारा किए गए अपराधों पर कभी ध्यान नहीं दिया गया या उनके बारे में बात करना जरूरी नहीं समझा गया. समाज में यह धारणा है कि केवल पुरुष ही हिंसक होते हैं.
पुरुष आयोग के गठन की मांग
एकम न्याय फाउंडेशन की संस्थापक दीपिका नारायण भारद्वाज ने कहा, “एकम न्याय फाउंडेशन के माध्यम से हमारा प्रयास समाज में कानूनी और सामाजिक उपेक्षा के कारण पुरुषों और उनके परिवारों को होने वाली पीड़ा और समस्याओं पर प्रकाश डालना है. पीड़ित पुरुषों और उनके परिवारों को न्याय दिलाने और लैंगिक तटस्थता पर आधारित कानून बनाने की जरूरत है. पत्नियों द्वारा विवाहेतर संबंध और महिला साथियों द्वारा हिंसा किसी भी पुरुष को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकती है और पुरुष मूक पीड़ित होते हैं. कानून के दुरुपयोग के कारण समाज में अशांति है, जिसका सबसे अधिक शिकार आज पुरुष हो रहे हैं. इसलिए राज्य और केंद्र स्तर पर पुरुष आयोग की स्थापना करना जरूरी है.