- पश्चिम बंगाल की CM ममता बनर्जी ने कोलकाता में दुर्गंगन मंदिर की आधारशिला रखी और निर्माण कार्य शुरू किया।
- दुर्गंगन मंदिर परिसर में एक लाख श्रद्धालु समा सकेंगे और इसमें सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रतिदिन आयोजित होंगे।
- ममता बनर्जी ने धर्म को व्यक्तिगत पसंद बताया और सभी धर्मों तथा त्यौहारों का सम्मान करने की बात कही।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का एक बयान सुर्खियों में बना हुआ है. उन्होंने सोमवार को कोलकात में एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि लोगों को तब ज्यादा दिक्कत होती है जब मैं ईद में जाती हूं. मैं सेक्यूलर हूं और मैं सभी धर्मों का सम्मान करती हूं. मैं अपने राज्य और देश से बेहद प्यार करती हूं. आपको बता दें कि सीएम ममता बनर्जी ने कोलकाता में दुर्गंगन की आधारशिला रखी है. उन्होंने इस मौके पर कहा कि मैं आज का कार्यक्रम बंगाल के लोगों और बंगाल की धरती को समर्पित करती हूं.
उन्होंने आगे कहा कि इस प्रोजेक्ट के लिए टेंडर फाइनल हो चुका है,अब निर्माण शुरू होगा. आज का दिन बेहद शुभ है. हम चाहते हैं कि बंगाल के दुर्गंगन के लिए यूनेस्को मान्यता को सुरक्षित और उजागर करना चाहते हैं. पहले की साइट 12 एकड़ थी, यह बड़ी है और अधिक कार पार्किंग की आवश्यकता है. यह एक सुविधाजनक स्थान है.इसमें 1 लाख श्रद्धालुओं को रखने की क्षमता है.
सीएम ममता ने कहा कि धर्म व्यक्तिगत पसंद है लेकिन त्यौहार सभी के लिए हैं. इसमें 365 दिन मां दुर्गा को समर्पित रहेंगे. वहीं प्रतिदिन सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होंगे. परिसर में हमारी दुकानें भी होंगी.दुर्गनंग के लिए खाका तैयार है.आज से काम शुरू हो जायेगा.मंदिर प्रांगण में एक लाख श्रद्धालु समा सकते हैं. चारों ओर पेड़ होंगे. 1000 खंभे खड़े किए जाएंगे. गर्भगृह सेंटोरम 69 फीट ऊंचा होगा.
उन्होंने आगे कहा कि अगर मैं गुरुद्वारे में जाती हूं तो आप कुछ नहीं कहते.फिर जब मैं ईद मनाने जाता हूं तो तुम क्यों कहते हो? मैं मां दुर्गा से प्रार्थना करती हूं. इस दौरान उन्होंने SIR को लेकर चुनाव आयोग पर भी निशाना साधा. SIR से बंगाल में 50 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. ऐसे सवाल ये है कि हमें अपनी नागरिकता क्यों साबित करनी होगी? बांग्ला बोलना अपराध है? अगर कोई बांग्ला बोलता है तो हमें बांग्लादेशी कहा जाता है. अंग्रेजों को बंगाल को राजधानी बनाकर छोड़ना पड़ा क्योंकि यहां काम आसान नहीं है. हम बंगाल की विरासत को बचाएंगे. मां दुर्गा की सौगंध, हम बंगाल का हक बचाकर रहेंगे.
यह भी पढ़ें: महिलाओं की शक्ति, विकास की कथा और चुनावी रणनीति: ममता बनर्जी की ‘उन्नयनेर पांचाली'
यह भी पढ़ें: SIR के बाद 5 राज्यों की वोटर लिस्ट से 1 करोड़ से ज्यादा नाम हटे, बंगाल में अकेले 58 लाख मतदाता सूची से काटे













