छत्रपति शिवाजी महाराज ने क्यों बनाया था वाघ नख? बाघ के पंजों की ताकत बताती है इसकी कहानी

छत्रपति शिवाजी महाराज के बारे में इतिहासकारों का मानना है कि वह न सिर्फ वीर थे, बल्कि चतुर भी थे. नये-नये तरीके के हथियार बनवाते थे. वाघ नख इन्हीं में से एक है. ऐसे ही युद्ध के नये तरीके भी उन्होंने सिखाए. गुरिल्ला युद्ध के जनक भी वही माने जाते हैं.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
छत्रपति शिवाजी महाराज का वाघ नख.

छत्रपति शिवाजी महाराज की एक-एक से बढ़कर एक वीरता की दंत कथाएं हैं. दंत कथाएं इसलिए कि मुगलों से लड़ने वाले शिवाजी के बारे में मुगल इतिहासकार लिखते, ये तो सोचना भी मूर्खता होगा. फिर भी इतिहासकारों ने 1659 में अफजल खान की वाघ नख से एक ही वार में मार डालने की बात दर्ज की है. बताया जाता है कि शिवाजी महाराज ने ही इस तरह का हथियार पहली बार बनवाया. यूं भी शिवाजी महाराज के बारे में बताया जाता है कि वे नये-नये किस्म के हथियार बनवाकर इस्तेमाल किया करते थे. साथ ही युद्ध भी अलग-अलग तरीके से लड़ते थे. गुरिल्ला युद्ध का जनक भी छत्रपति शिवाजी महाराज को ही बताया जाता है. 

पढ़ें-बाघ सी फुर्ती और अफजल ढेर, शिवाजी महाराज के 'वाघ नख' की पूरी कहानी

वाघ नख क्या होता है?

वाघ नख को समझने के लिए सबसे वाघ का मतलब जान लें. महाराष्ट्र में बाघ को वाघ कहते हैं और नख का मतलब होता है नाखून. बाघ की ताकत की मिसाल भारतीय समाज में हजारों वर्षों से दी जाती रही है. इसी ताकत को ध्यान में रखते हुए शिवाजी महाराज ने एक हथियार बनाया. लोहे से बने इस हथियारों को बाघ के पंजे की तरह बनाया गया. यह रखने में भी काफी आसान था. इसी से शिवाजी महाराज ने अफजल खान का पेट फाड़ दिया था.

क्या सच में बाघ के पंजे घातक हैं? 

एक बाघ के पंजे का आकार 8 x 8 इंच (20 x 20 सेमी) तक होता है. यह अनुमान लगाया गया है कि बाघ के एक पंजे की मार का बल लगभग 10,000 पाउंड होता है. भालू के अलावा बाघ के पंजे का झटका सबसे घातक होता है. बाघ अपने पंजे का इस्तेमाल शिकार से पहले जानवरों की रीढ़ को तोड़ने के लिए करते हैं, जिससे वे भाग न पाएं. उनके पैरों की हड्डियां बेहद मजबूत और घनी होती हैं, जो बड़े शिकार को मारने के लिए आवश्यक विशाल और मांसल शरीर को सहारा देती हैं.
बाघ के पैर इतने मजबूत होते हैं कि जानवर के मारे जाने के बाद भी वे उन्हें पकड़कर खड़े रहेंगे.

Advertisement

ये भी पढ़ें-क्या शिवाजी का नहीं है वाघ नख? इस मामले में सामने आया नया एंगल

शेर और बाघ में एक तुलना?

बाघ लंबाई में यह चीता, तेंदुआ और शेर से बड़ा होता है. इसके शरीर पर काली धारियां होती हैं. शरीर सफेद, नीला और नारंगी रंग का होता है. यह शेर की तुलना में काफी भारी होते हैं. साथ ही उनसे अधिक फुर्तीले भी होते हैं. यह अपना शिकार अकेले करते हैं और तैरने में माहिर होते हैं. बाघ दक्षिण पूर्व एशिया, चीन और भारत में पाए जाते हैं. इनकी लंबाई सात से 10 फीट तक होती है. यह 85 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से दौड़ सकता है. बाघों का वजन 650 पाउंड तक हो सकता है तथा उनका प्रहार बल 10000 पाउंड तक हो सकता है.

Advertisement
Featured Video Of The Day
PM Modi Guyana Visit: Sudhanshu Trivedi के निशाने पर कौन है?
Topics mentioned in this article