दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. दिल्ली की शराब नीति में कथित घोटाले के मामले में आज तिहाड़ जेल में भी प्रवर्तन निदेशालय ने उनसे पूछताछ की. इस बीच मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आशंका जताई की मनीष सिसोदिया की जान को खतरा है. भाजपा ने इस पर पलटवार करते हुए कहा है कि तिहाड़ जेल का नियंत्रण दिल्ली की सरकार के हाथों में है. ऐसे में मनीष सिसोदिया को जेल में किससे खतरा?
भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने कहा, "दिल्ली के शराब मंत्री मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी के बाद भ्रष्टाचारियों में दहशत दिख रही है. दूसरे भ्रष्टाचारियों को गाली देने वाले केजरीवाल अब भ्रष्टाचारियों को गले लगा रहे हैं. नौ विपक्षी पार्टियों ने पत्र लिखा, लेकिन सवाल ये है कौन लोग हैं जो पत्र लिख रहे हैं. नौ में से ज्यादातर लोगों से केजरीवाल फोटो नहीं खिंचाते थे. पत्र लिखकर दबाव बनाने से जांच पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा.
केजरीवाल ने ये आशंका जताई है कि मनीष सिसोदिया की जान को खतरा है. इस पर पलटवार करते हुए मनोज तिवारी ने कहा, "आम आदमी पार्टी कहती है कि जेल में मनीष सिसोदिया की जान को खतरा है, जबकि दिल्ली की जेल दिल्ली की सरकार के पास है. तो क्या माना जाए केजरीवाल से मनीष सिसौदिया को खतरा है?"
उन्होंने कहा, "जेल में एक मंत्री(सतेंद्र जैन) को मसाज मिल रहा था. ये मसाज एक खूंखार अपराधी कर रहा था. मनीष सिसौदिया के पास केजरीवाल के राज हैं, वो राज उगल न दें, तो क्या केजरीवाल, मनीष सिसोदिया को रास्ते से हटाने प्लान कर रहे हैं? बीजेपी ने मांग की है कि मनीष सिसौदिया की सुरक्षा बढ़ाई जाए. अगर मनीष सिसौदिया को केजरीवाल की जेल से खतरा है तो सुरक्षा बढ़ाइए. जांच ऐजेंसियों से निवेदन है कि हर कड़ी को जोड़िए, मास्टर माइंड तक पहुंचे."
दरअसल, आम आदमी पार्टी (आप) ने तिहाड़ जेल में पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की सुरक्षा को लेकर बुधवार को चिंता जताई और आरोप लगाया कि उन्हें ‘खूंखार' अपराधियों के साथ रखा जा रहा है. जेल अधिकारियों ने इस आरोप को खारिज कर दिया है. आप के राष्ट्रीय प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने आरोप लगाया कि सिसोदिया को जेल में ‘विपश्यना प्रकोष्ठ' में रखने से इनकार कर दिया गया है तथा उन्हें अन्य अपराधियों के साथ रखा गया है. उन्होंने कहा कि मनीष सिसोदियों को जेल के विपश्यना प्रकोष्ठ में रखने का अनुरोध किया गया था जिसकी मंजूरी अदालत ने दी थी, लेकिन इसके बावजूद उन्हें जेल संख्या एक में अपराधियों के साथ रखा जा रहा है. केंद्र को इसका जवाब देना चाहिए.