कांग्रेस क्यों किसान सम्मान और फसल बीमा जैसी योजना लागू नहीं कर पाई, अमित शाह ने पूछा सवाल

अमित शाह ने कर्नाटक की एक रैली में तीनों कृषि कानूनों का समर्थन कर कहा कि इससे किसानों की आय़ कई गुना बढ़ेगी.

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Karnataka में अमित शाह ने रैली के दौरान कृषि कानूनों का किया समर्थन (फाइल)
बागलकोट:

कर्नाटक (Karnataka) में सत्तारूढ़ BJP के भीतर असंतोष के सुर के बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने रविवार को राज्य का दौरा किया. शाह ने यहां एक रैली में तीनों कृषि कानूनों का समर्थन कर कहा कि इससे किसानों की आय़ कई गुना बढ़ेगी. कांग्रेस पर हमलावर शाह ने सवाल उठाया कि कांग्रेस अपने शासनकाल में किसान सम्मान( PM Kisan Samman), पीएम फसल बीमा (PM Fasal Bima Yojna) जैसी योजना क्यों नहीं लागू कर पाई, क्योंकि उसकी नीयत सही नहीं थी. 

शाह ने बागलकोट जिले के केराकलमट्टी गांव में जनसभा के दौरान कहा कि किसानों की आय को दोगुना करना केन्द्र सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकता है. उन्होंने कहा कि सत्ता में आने के बाद से मोदी सरकार ने कृषि क्षेत्र के लिए बजट और विभिन्न फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाया था. अगर केन्द्र सरकार की कोई बड़ी प्राथमिकता है तो वह किसानों की आय को दोगुना करना है.'' शाह ने कर्नाटक के मंत्री मुरुगेश आर निरानी की अध्यक्षता वाले समूह एमआरएन की किसान-हितैषी परियोजनाओं का शिलान्यास किया.

गृह मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा (BS Yediurappa) के नेतृत्व में राज्य की भाजपा सरकार ने किसानों के कल्याण के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी है. शाह ने कहा कि मोदी सरकार किसानों के लिए समर्पित है. जो तीन नए कानून सरकार लाई है, उन्हें कर्नाटक सरकार ने भी पारित किया है. इनके कारण किसान की आय कई गुना बढ़ जाएगी. इन तीन नए कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर किसान विशेषकर पंजाब और हरियाणा के किसान दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन कर रहे हैं. गृह मंत्री ने कहा कि किसान अपनी उपज को एक स्थान पर बेचने के लिए अब मजबूर नहीं है और अपनी फसलों को वैश्विक और भारतीय बाजारों तक पहुंचा सकते हैं. 

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केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि पिछले 70 वर्षों में कश्मीर में अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35 ए के प्रावधानों को निरस्त करने का साहस किसी में नहीं था. शाह ने कहा कि जनता ने मोदी को प्रधानमंत्री बनाया और पांच अगस्त, 2019 को उन्होंने कश्मीर से अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35ए हटा दिया और इसे स्थायी रूप से भारत के साथ जोड़ दिया. वहां चुनाव भी खून की एक बूंद बहाए बिना शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुए हैं और कश्मीर स्थायी रूप से हमारा बन गया है.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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