कोवैक्सीन के आपातकालीन इस्तेमाल के लिए भारत बायोटेक के डोजियर की समीक्षा कर रहा है WHO

कोरोना वायरस के डेस्टा वेरिएंट के सबसे खतरनाक कोविड स्ट्रेन बनने की संभावना के बारे में चेतावनी देते हुए डॉ सिंह ने कहा कि कोरोना का डेल्टा वेरिएंट 100 से अधिक देशों में फैल गया है. जिस तरह से यह फैल रहा है यह वेरिएंट  दुनियाभर में परेशानी का सबब बन सकता है.

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कोवैक्सीन के आपात इस्तेमाल की मंजूरी पर WHO कर रहा है विचार
नई दिल्ली:

डब्ल्यूएचओ (WHO) कोवैक्सीन के आपातकालीन इस्तेमाल की सूची (ईयूएल) में शामिल करने के भारत बायोटेक के डोजियर की समीक्षा कर रहा है. विश्व स्वास्थ्य संगठन की दक्षिण पूर्व एशिया की क्षेत्रीय निदेशक डॉ पूनम खेत्रपाल सिंह ने कहा कि विशेषज्ञों द्वारा इस पर विचार किया जा रहा है. डॉ सिंह ने ये भी बताया कि WHO के COVID-19 वैक्सीन ग्लोबल एक्सेस (COVAX) कार्यक्रम के माध्यम से भारत को मॉडर्न वैक्सीन की 7.5 मिलियन खुराक की पेशकश की गई है.

भारत को मॉडर्ना वैक्सीन की 75 लाख खुराक कोवैक्स के तहत देने की पेशकश : डब्ल्यूएचओ

डब्ल्यूएचओ के क्षेत्रीय निदेशक ने कहा कि फाइजर, एस्ट्राजेनेका, मॉडर्न, जॉनसन एंड जॉनसन, सिनोवैक और सिनोफार्म को डब्ल्यूएचओ द्वारा ईयूएल दिया गया है. COVXIN के लिए भारत बायोटेक द्वारा डब्ल्यूएचओ को ईयूएल के लिए कहा गया है. ईयूएल के लिए तकनीकी विशेषज्ञों द्वारा भारत बायोटेक के जुलाई में दिए गए डोजियर की समीक्षा की जा रही है.

कोरोना वायरस के डेस्टा वेरिएंट के सबसे खतरनाक कोविड स्ट्रेन बनने की संभावना के बारे में चेतावनी देते हुए डॉ सिंह ने कहा कि कोरोना का डेल्टा वेरिएंट 100 से अधिक देशों में फैल गया है. जिस तरह से यह फैल रहा है यह वेरिएंट  दुनियाभर में कोरोना का प्रमुख स्ट्रेन बन जाएगा. डेल्टा वेरिएंट सबसे तेजी से फैलता है. तेजी से फैलने का मतलब है अधिक मामले और स्वास्थ्य प्रणालियों पर अधिक दबाव और अधिक मौतें. डब्ल्यूएचओ की दक्षिण पूर्व एशिया की निदेशक ने कहा कि विश्व स्तर पर कोविड-19 के मामले फिर बढ़ने लगे हैं.

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