कर्नाटक में कांग्रेस विधायक दल का नेता चुनने को लेकर नवनिर्वाचित विधायकों की राय जानने के बाद अब तीनों पर्यवेक्षक जल्द ही पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को अपनी रिपोर्ट सौंपेंगे और ऐसे में पूरी निगाहें पार्टी आलाकमान पर टिक गई हैं. इस बीच कर्नाटक में विधायकों से बात कर दिल्ली लौटे कांग्रेस के तीन पर्यवेक्षकों में से एक जितेंद्र सिंह ने NDTV से खास बातचीत में बताया कि हम लोग विधायकों से बात करके आए हैं और अपनी रिपोर्ट हाईकमान को सौंपेंगे. हमने सब विधायको से 4 से 5 घंटे तक बात करके रिपोर्ट बनाई है. डीके शिवकुमार और सिद्धारमैया दोनों के बीच साथ में मुलाकात हुई है. सभी से बातचीत कर मैं यह कह सकता हूं कि कांग्रेस पार्टी एक है, डीके शिवकुमार और सिद्धारमैया के बीच में कोई विवाद नहीं है.
जितेंद्र सिंह ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष से बात करने के बाद ही कहा जा सकता है कि कब मुख्यमंत्री पद पर कौन काबिज होगा. हालांकि, ये कोई बड़ा मुद्दा नहीं है. कांग्रेस एक अनुशासित पार्टी है, इसलिए मामला सुलझ जाएगा. राजस्थान का उदाहरण आपके सामने है, वहां अभी तक कुछ भी नहीं हुआ है.
रणदीप सुरजेवाला ने कहा, "सबसे पहले एक बार फिर साढ़े छह करोड़ कर्नाटक की जनता को धन्यवाद देना चाहूंगा. हमें 138 विधायक का समर्थन है. कल विधायक दल के नेताओ ने विधायक दल के नेता के चयन करने का अधिकार कांग्रेस अध्यक्ष को सौंप दिया है. पयर्वेक्षक अपनी रिपोर्ट आज रात तक कांग्रेस अध्यक्ष को सौंप देंगे कल कांग्रेस अध्यक्ष से महासचिव संगठन और मैं मिलकर इस मामले को आगे बढ़ाएंगे. बहुत जल्द हम सब मिलकर कांग्रेस सरकार का गठन करेंगे जो अपने पांच वायदे का पूरा करेगी और कर्नाटक को भ्रष्टाचार से मुक्ति दिलाएगी."
उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि जो मतभेद की बात की जा रही है, वह अखबारों की खबरों तक सीमित है. कल रात 1:00 बजे की एक तस्वीर है, आप देखिए डीके शिवकुमार का जन्मदिन था, वह तस्वीर सारी बातें साफ करती है. सब प्यार से मोहब्बत से जन्मदिन का सेलिब्रेशन कर रहे थे. दोनों के बीच में कोई मतभेद नहीं है. राजनीति में इच्छा स्वभाविक है, राजनीति में स्टेट को लीड करने की इच्छा में कोई गुरेज या बुराई नहीं है. सबको अपनी बात रखने का अधिकार है. याद कीजिए पहले भी टीवी चैनल इस तरह की बात चलाई थी, तब डीके शिवकुमार और सिद्धारमैया ने साफतौर पर कहा था कि मैं भी उम्मीदवार हूं और डीके भी उम्मीदवार हैं. हर कोई अपने प्रांत का नेतृत्व करना चाहता है. इसमें कोई खराबी नहीं है. बीजेपी इस इंतजार में है कि कब दोनों में झगड़ा हो. हमारा लक्ष्य अर्जुन के लक्ष्य की तरह है. एक नए कर्नाटक का निर्माण, कर्नाटक को देश का बेहतरीन प्रदेश बनाना है."
सूत्रों का कहना है कि खरगे पार्टी के वरिष्ठ नेताओं और गांधी परिवार के साथ मंत्रणा के बाद कर्नाटक के अगले मुख्यमंत्री के बारे में जल्द फैसला करेंगे. कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने कर्नाटक में कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) का नेता चुनने के लिए वरिष्ठ नेता सुशील कुमार शिंदे, जितेंद्र सिंह और दीपक बाबरिया को पर्यवेक्षक नियुक्त किया है. तीनों पर्यवेक्षकों ने पार्टी के नवनिर्वाचित विधायकों से अलग-अलग बात कर उनकी राय जानी. तीनों पर्यवेक्षक और पार्टी महासचिव एवं कांग्रेस के कर्नाटक मामलों के प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला दिल्ली पहुंच गए हैं.
रविवार रात बेंगलुरु के एक होटल में पर्यवेक्षकों ने रात्रिभोज के बाद विधायकों से अलग-अलग उनकी राय जानी कि प्रदेश का अगला मुख्यमंत्री कौन होना चाहिए. पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरमैया और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष डीके शिवकुमार मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं. कर्नाटक के नवनिर्वाचित कांग्रेस विधायकों ने रविवार को पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को विधायक दल का नेता चुनने के लिए अधिकृत कर दिया था.
कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) की रविवार शाम बेंगलुरु के एक निजी होटल में हुई बैठक में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर पार्टी अध्यक्ष को विधायक दल का नेता चुनने का अधिकार दिया गया, जो कर्नाटक का अगला मुख्यमंत्री बनेगा. राज्य में 224 सदस्यीय विधानसभा के लिए 10 मई को हुए चुनाव में कांग्रेस ने शानदार जीत हासिल करते हुए 135 सीटें अपने नाम कीं, जबकि सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवेगौड़ा नीत जनता दल (सेक्युलर) ने क्रमश: 66 और 19 सीटें जीतीं.
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