देश में जब चुनाव का दौर चल रहा है, तब नामचीन उम्मीदवारों की चर्चा तो हर हाल में होती है. कुछ उम्मीदवार ऐसे भी होते हैं, जिनका भले ही बड़ा रसूख ना हो. लेकिन वो पूरे देश में सुर्खियां बटोरते हैं. ऐसे ही एक उम्मीदवार है, जीवन सिंह मल्ला. दरअसल जीवन सिंह मल्ला पंजाब की होशियारपुर सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. जीवन सिंह चर्चा में इसलिए भी है क्योंकि वो तमिलनाडु के रहने वाले हैं और चुनाव पंजाब की होशियारपुर सीट से लड़ रहे हैं.
कौन हैं जीवन सिंह मल्ला
जीवन सिंह मल्ला एक तमिल मूल के सिख हैं जो बहुजन द्रविड़ पार्टी के प्रमुख हैं. पहले जीवन कुमार मल्ला अनुसूचित जाति (एससी) समुदाय से ताल्लुख रखते थे, उन्होंने पिछले साल जनवरी में सिख धर्म अपना लिया था. 51 वर्षीय मल्ला सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिसिंग वकील हैं और तमिलनाडु के थूथुकुडी जिले के कडोडिपन्नई गांव से हैं.
अपनी पारिवारिक पृष्ठभूमि के बारे में बात करते हुए, मल्ला ने कहा कि उनके दादा कलुंगकादिओयान एक भूमिहीन खेतिहर मजदूर थे और उनके पिता इलैया पेरुमल अपने क्षेत्र के 100 गांवों में पहले ग्रेजुएट थे. जो कि तमिलनाडु सरकार में प्रथम श्रेणी अधिकारी थे. जीवन सिंह मल्ला के परिवार में उनकी पत्नी और दो बच्चे हैं. उनके तीन भाई और एक बहन हैं.
जीवन सिंह मल्ला ने क्यों अपनाया सिख धर्म
न्यू इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक धर्म बदलने के बारे में जीवन सिंह मल्ला कहते हैं कि सिख धर्म एससी, एसटी और ओबीसी आबादी को जाति व्यवस्था से मुक्ति प्रदान करता है. सिख धर्म ही आत्म-सम्मान और गरिमा सुनिश्चित करता है और शांति के संदेश को बढ़ावा देता है, क्योंकि कृपाण शांति का प्रतीक है.नउन्होंने कहा कि सिख धर्म अपनाना उनका निजी फैसला था, हालांकि उनकी पत्नी और बच्चों ने सिख धर्म नहीं अपनाया है.
उन्होंने कहा, "मुझे गुरु गोबिंद सिंह के बारे में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) नेता कांशीराम से पता चला." ''शुरुआत में मुझे ओशो के प्रवचनों से सिख गुरुओं के बारे में पता चला.''
2019 में बीडीपी का गठन किया
लॉ और राजनीति विज्ञान की पढ़ाई करने वाले जीवन सिंह मल्ला ने 2019 में बीडीपी का गठन किया. यह उनकी पार्टी का पहला चुनाव है. बीडीपी ने तमिलनाडु की सात लोकसभा सीटों पर तमिल सिखों को और अन्य राज्यों की सीटों पर 40 अन्य को मैदान में उतारा है.
होशियारपुर से क्यों लड़ रहे हैं चुनाव
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक जीवन सिंह मल्ला ने इस बारे में बात करते हुए बताया,“बहुजन समाज पार्टी के संस्थापक कांशी राम ने इस सीट से चुनाव लड़ा और 1996 में वहां से सांसद बने. वह हमारे लिए प्रेरणा का स्रोत बने हुए हैं.” पेरियार और कांशीराम हमारी पार्टी के प्रतीक हैं. बीडीपी के प्रदेश अध्यक्ष, तीरथ सिंह, जो 1981 में कांशीराम के आंदोलन में शामिल हुए और 2003 तक बसपा के साथ निकटता से जुड़े रहे. वो भी मल्ला के राजनीतिक सफर के साथी हैं. तमिल सिख चेन्नई और रामेश्वरम के गुरुद्वारों में प्रार्थना करते हैं. मल्ला का संगठन, तमिल सिख ब्रदरहुड एंड एजुकेशन फाउंडेशन, थूथुकुडी, पूर्व में तूतीकोरिन में एक गुरुद्वारा बनाने की योजना बना रहा है.