RPN सिंह: दून स्कूल से की है पढ़ाई, पहली बार MP बनते ही कांग्रेस ने बनाया था केंद्रीय मंत्री, राजा साहब कहते हैं लोग

आरपीएन सिंह उन नेताओं में शामिल रहे हैं, जिन पर कांग्रेस ने खूब भरोसा किया था. यहां तक कि वो कई बार लोकसभा का चुनाव लड़े लेकिन हारते रहे और जब 2009 में जीते तो पहली बार संसद पहुंचने पर ही कांग्रेस ने उन्हें केंद्रीय मंत्री बना दिया था.

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पूर्व केंद्रीय मंत्री RPN सिंह ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है. (फाइल फोटो)

नई दिल्ली:

कांग्रेस (Congress) के युवा ब्रिगेड की टीम में शामिल रहे कुंवर रतनजीत प्रताप नारायण सिंह (RPN Singh) ने उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनावों से ऐन पहले हाथ का साथ छोड़ दिया है. उन्होंने खुद कमल दल (BJP) में शामिल होने की सूचना दी है. आरपीएन सिंह उन नेताओं में शामिल रहे हैं, जिन पर कांग्रेस खासकर गांधी परिवार ने खूब भरोसा किया था. यहां तक कि वो कई बार लोकसभा का चुनाव लड़े लेकिन हारते रहे और जब 2009 में जीते तो पहली बार संसद पहुंचने पर ही कांग्रेस ने उन्हें केंद्रीय भूतल परिवहन राज्य मंत्री बना दिया था. बाद में उन्हें केंद्रीय गृह राज्य मंत्री भी बनाया गया था.

RPN सिंह यूपी के कुशीनगर जिले के पडरौना राजघराने के सदस्य हैं. उन्हें पडरौना का राजा साहब भी कहा जाता है. कुशीनगर में उन्हें लोग राजा साहब ही कहकर बुलाते हैं. पडरौना वही जगह है, जहां भगवान बुद्ध ने आखिरी बार भोजन किया था और भगवान श्रीराम ने भी वनवास के दौरान कुछ दिन बिताए थे. 

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आरपीएन सिंह का जन्म 25 अप्रैल 1964 को दिल्ली में हुआ था. वह पिछड़ा वर्ग से ताल्लुक रखते हैं. आरपीएन के पिता कुंवर सीपीएन सिंह कुशीनगर से सांसद थे. वह 1980 में इंदिरा गांधी की कैबिनेट में रक्षा राज्यमंत्री थे.

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कैसा रहा सियासी सफर

प्रसिद्ध दून स्कूल से पढ़े कुंवर रतनजीत प्रताप नारायण सिंह पडरौना विधान सभा सीट से 3 बार 1996, 2002 और 2007 में कांग्रेस के विधायक रहे हैं. 2009 में वह लोकसभा चुनाव जीतकर सांसद बने. तब उन्होंने स्वामी प्रसाद मौर्ट को हराया था. यूपीए सरकार में उन्होंने पेट्रोलियम, राजमार्ग और भूतल परिवहन मंत्री का पद भी संभाला. मनमोहन सिंह की सरकार में वह गृह राज्यमंत्री भी रहे हैं. हाल तक वह झारखंड कांग्रेस के प्रभारी रहे. RPN सिंह ने दिल्ली के सेंट स्टीफन कॉलेज से इतिहास में डिग्री प्राप्त की है. 1997 से 1999 तक वह यूपी यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष भी रहे.

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उन्होंने पहली बार लोकसभा चुनाव 1996 में लड़ा था तब बीजेपी के रामनगीना मिश्रा ने उन्हें हरा दिया था. इससे पहले वह कई बार लोकसभा का चुनाव लड़े लेकिन जीत नहीं सके थे. कांग्रेस में उनके कद का अंदाजा इससे भी लगाया जा सकता है कि एक दिन पहले ही कांग्रेस ने यूपी चुनावों में स्टार प्रचारकों की लिस्ट में आरपीएन सिंह को भी जगह दी थी.

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इस बार भी चर्चा है कि बीजेपी आरपीएन सिंह को स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ चुनाव में उतारेगी., स्वामी प्रसाद मौर्य ने कुछ दिनों पहले ही बीजेपी और योगी मंत्रिमंडल से इस्तीफा देकर सपा की साइकिल पकड़ ली है.

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