- भारत की डिप्लोमेट पेटल गहलोत ने संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के आतंकवाद को बेनकाब किया.
- पेटल गहलोत 33 वर्ष की हैं और 2015 में इंडियन फॉरेन सर्विस में शामिल होकर विभिन्न पदों पर कार्य कर चुकी हैं.
- भारत ने स्पष्ट किया कि वह आतंकवादी घटनाओं को कभी स्वीकार नहीं करेगा और किसी भी हमले का कड़ा जवाब देगा.
संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान का भारत ने धुआं उड़ा दिया. भारत की डिप्लोमेट पेटल गहलोत ने आतंक पर पाकिस्तान को न सिर्फ बेनकाब किया, बल्कि ये भी साफ-साफ कह दिया कि अगर आगे कोई भी गलत हरकत होगी तो भारत करारा जवाब देगा. हालत ये हो गई कि पाकिस्तान को भरे मंच पर शर्मिंदा होना पड़ा. पेटल गहलोत का पूरा भाषण सुनने से पहले ये भी जान लीजिए कि पेटल महज 33 साल की हैं. वो एक आईएफएस अधिकारी हैं. 2015 में उन्होंने इंडियन फॉरेन सर्विस ज्वाइन किया. वो संयुक्त राष्ट्र में भारतीय मिशन की फर्स्ट सेक्रेटरी हैं. इसके पहले वो भारतीय विदेश मंत्रालय के यूरोप वेस्ट डिवीजन, पेरिस और सैन फ्रांसिस्को के भारतीय मिश में अंडर सेक्रेटरी के तौर पर काम कर चुकी हैं.
गिटार और सिंगिंग हैं पेटल का प्यार
पेटल को गिटार और सिंगिंग से प्यार है. वो अक्सर गाने गाती हैं और गिटार बजाती हैं. अपने शौक को वो अक्सर अपने एक्स सोशल हैंडल पर भी साझा करती हैं. इसके साथ ही उनके सोशल हैंडल को देखकर लगता है कि उन्हें प्रकृति से भी बेहद लगाव है. अपनी टीम के साथ वो दोस्ताना संबंध रखती हैं और उन्हें भी अपनी जिंदगी का अहम हिस्सा मानती हैं. पेटल की खासियत ये है कि वो डिप्लोमेसी को पर्सनल टच देती हैं. वो दूसरे देशों के डिप्लोमेट्स के साथ अपनी मीटिंग के दौरान ज्यादा कूल नजर आती हैं. यही कारण है कि उनसे मिलने के बाद दूसरे देशों के डिप्लोमेट भी उनसे तुरंत घुलमिल जाते हैं.
पेटल गहलोत की पढ़ाई-लिखाई
पेटल गहलोत ने मंबई के सेंट जेवियर कॉलेज से पढ़ाई की है. उन्होंने यहां से पॉलिटिकल साइंस में ग्रैजुएशन किया है. इसके बाद दिल्ली के लेडी श्रीराम कॉलेज से पॉलिटिकल साइंस में ही एमए की डिग्री ली है.
पाकिस्तान को कैसे सुनाया
पेटल ने यूएन में कहा, "मिस्टर प्रेजिडेंट, इस सभा ने आज सुबह एक बार फिर पाकिस्तान के पीएम का आतंक पर वही पुराना राग सुना. उस आतंकवाद का महिमामंडन किया गया, जो उसकी विदेश नीति के केंद्र में रहा है. यह वही पाकिस्तान है जिसने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में 25 अप्रैल 2025 को रेजिस्टेंस फ्रंट का बचाव किया था. पाकिस्तान समर्थित इस आतंकी संगठन ने पहलगाम में निहत्थे पर्यटकों का कत्लेआम किया.
मिस्टर प्रेजिडेंट, पाकिस्तान का आतंकवाद को पालने-पोसने और बढ़ाने का लंबा इतिहास रहा है. बावजूद इसके उसे कोई शर्म नहीं है. याद करिए, पाकिस्तान ने हो दशकों तक ओसामा बिन लादेन को पनाह दी और इस दौरान वह खुद को आतंक के खिलाफ अहम साझेदार के तौर पर पेश करता रहा. भारत किसी भी आतंकवादी घटना को ना कभी सहा था, ना कभी सहेगा. अगर आगे भी किसी ने ऐसी हिमाकत की तो उसे करारा जवाब दिया जाएगा. हम पहले भी ऐसा करते रहे हैं."
शहबाज ने क्या कहा था
संयुक्त राष्ट्र में शहबाज शरीफ ने कहा, 'दुनिया में हेट स्पीच और किसी भी धर्म या व्यक्ति के खिलाफ हिंसा को बढ़ावा नहीं देना चाहिए. नफरत आधारित विचारधाराएं जैसे भारत का हिंदुत्ववाद चरमपंथ को बढ़ावा देती हैं और दुनिया के लिए खतरा पैदा करती हैं.' पीएम शरीफ ने यहां पर जिक्र किया कि कैसे ऑपरेशन सिंदूर के दौरान उनके देश की वायुसेना ने भारतीय वायुसेना के फाइटर जेट्स को ढेर किया. शरीफ ने एक बार फिर कश्मीर का मसला उठाया.