नसीम सोलंकी को टिकट देकर सपा ने चला कौन सा दांव? जानिए हाजी मुश्ताक से उनका कनेक्शन

UP Byelection: नसीम सोलंकी अपने पति इरफान के जेल जाने से पहले बहुत कम ही सार्वजनिक जगहों पर दिखतीं थीं. हालांकि जेल जाने के बाद न सिर्फ परिवार को संभाल रही हैं, बल्कि उनकी राजनीतिक उत्तराधिकारी भी बन गईं हैं...

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
U

UP Byelection: समाजवादी पार्टी (SP) ने सीसामऊ सीट पर निवर्तमान विधायक इरफान सोलंकी (Irfan Solanki) की पत्नी नसीम सोलंकी (Naseem Solanki) को टिकट दिया है. एक आपराधिक मामले में सजा सुनाये जाने के कारण इरफान की सदस्यता खत्म किए जाने की वजह से यह सीट रिक्त हुई है.उत्तर प्रदेश की 10 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिये छह सीटों पर बुधवार को सपा ने अपने प्रत्याशियों के नाम का ऐलान कर दिया.इन सीटों पर साल के आखिर में उपचुनाव होने हैं, हालांकि इसके लिए तारीख की घोषणा अभी नहीं की गई है. छह सीटों में सबसे ज्यादा चर्चा नसीम सोलंकी को लेकर हो रही है. 

नसीम को टिकट मिलने की सूचना मिली तो उनके आंखों से आंसू निकल गए. अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के प्रति भी उन्होंने काफी आभार जताया. इरफान सोलंकी के जेल जाने से उन्हें भी डर था कि कहीं परिवार की राजनीतिक विरासत किसी और हाथ में न चली जाए, लेकिन टिकट मिलने के बाद अब परिवार का राजनीतिक रसूख पहले की तरह कायम रहेगा.

क्या करती हैं नसीम?

पूर्व विधायक हाजी मुश्ताक सोलंकी की बहू नसीम सोलंकी घरेलू महिला हैं. साल 2022 में हुए जाजमऊ आगजनी मामले में उनके पति इरफान सोलंकी को 7 साल की कैद हुई तो उन्होंने ही कोर्ट से लेकर घर संभाला. सीसामऊ इलाके में सोलंकी परिवार का काफी नाम है. सपा ने सोलंकी परिवार के नाम और इरफान के जेल जाने से उत्पन्न सहानुभूति को भुनाने के लिए नसीम को टिकट देकर बड़ा दांव चला है.

Advertisement

सीसामऊ सीट पर मुस्लिम वोटर निर्णायक भूमिका में हैं. ऐसे में मुस्लिम परिवारों में लोकप्रिय परिवार की महिला को उतारकर सपा ने अपने मुस्लिम वोट पक्के कर लिए. अब अगर कांग्रेस यहां से उम्मीदवार उतारती भी है तो उसे समस्या नहीं होगी.

Advertisement

महाराजगंज से रवाना हुईं

संवाददाता अरुण अग्रवाल के अनुसार, समाजवादी पार्टी से अपने नाम का ऐलान होने के बाद नसीम सोलंकी महाराजगंज से रवाना हो गईं. गौरतलब हो कि जबसे महाराजगंज जेल में पूर्व विधायक और उनके पति ​इरफान सोलंकी जेल में बंद हैं, तब से नसीम ने वहीं पर अपना दूसरा ठिकाना बना रखा है. आपको बता दें कि नसीम सोलंकी के घर पिछले दिनों विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय भी आए थे. पूर्व में आर्यनगर और फिर बदले परिसीमन के बाद सोलंकी परिवार का इस सीट पर करीब 22 साल से कब्जा है. प्रचंड मोदी लहर में भी इरफान सोलंकी ने सीसामऊ सीट पर पहले भाजपा के सुरेश अवस्थी और फिर सलिल विश्नोई को हराकर अपना परचम फहराया था. नसीम सोलंकी के ससुर हाजी मुश्ताक सोलंकी दो बार आर्यनगर सीट से विधायक रहे. उनके इंतकाल के बाद उनकी राजनीतिक विरासत को इरफान ने संभाला और उपचुनाव में जीत हासिल की और फिर अब तक अजेय बने रहे.

Advertisement

अखिलेश-मुलायम से करीबी

सोलंकी परिवार हमेशा से सपा मुखिया का करीबी रहा है. फिर चाहे वह मुलायम सिंह यादव हों या फिर अखिलेश यादव. इरफान को जब कानपुर में गिरफ्तार किया गया था, तब सपा मुखिया अखिलेश यादव उनसे मिलने भी आए थे. इसके बाद सुरक्षा कारणों का हवाला बताकर उन्हें महाराजगंज जेल में शिफ्ट कर दिया गया था.

Advertisement

लालू यादव के दामाद तेज प्रताप यादव ने करहल सीट से टिकट मिलने के बाद किया बड़ा दावा

Featured Video Of The Day
PM Modi on Congress: UP के पूर्व DGP Vikram Singh का Congress पर बड़ा आरोप