दारू पीने के बाद खुद को टाइगर समझने लगता था...4 शादियां, नीयत में खोट... संजय रॉय के दोस्तों ने खोली उसकी पोल

संजय रॉय के दोस्त और पड़ोसी ने बताया कि उसकी नीयत में ही खोट थी. एकदम घटिया आदमी था. वह लड़कियों से छेड़छाड़ भी करता था. उससे कोई भी बात करना पसंद नहीं करता था.

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कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर से रेप और हत्या की घटना ने पूरे देश को झकझोरकर रख दिया है. इसके मुख्य आरोपी संजय रॉय को लेकर कई जानकारियां सामने आ रही हैं, जो साफ-साफ बता रही हैं कि आरोपी कितनी घृणित मानसिकता का था. वह लड़कियों को छेड़ता था, दिन-रात शराब पीता था, पुलिस को धमकाता था, उसने चार-चार शादियां की थीं,लेकिन उसके बुरे बर्ताव की वजह से बीवियां भाग गईं.  ये सब आरोप उसके पड़ोस में रहने वाले दोस्त ही लगा रहे हैं.

शराब पीने के बाद खुद को शेर समझता था संजय रॉय

एनडीटीवी से खास बातचीत में एक दोस्त ने बताया कि संजय रॉय पीने के बाद खुद को टाइगर समझने लगता था. ऐसा शेर जो कुछ भी कर सकता है, उसके किसी बात की चिंता नहीं था. वह लड़कियों को छेड़ता था. उसे किसी का डर नहीं था, बोलता था कि पुलिस का काम करता है. एकदम बेकार आदमी था, वह दिन में भी दारू पीकर रहता था. पड़ोस के लोग उससे बात करना पसंद नहीं करते थे. वो पहले तो अक्सर यहां आता था, लेकिन बीच में उसने आना बंद कर दिया. उसकी नीयत में ही खोट थी. संजय रॉय के एक अन्य पड़ोसी ने बताया कि वह बहुत घटिया इंसान था. उसकी तीन बीवियां भाग गईं और एक मर गई. रात-दिन दारू पीता था. पीकर गाली-गलौच करता था. साथ ही उसके लड़कियों के चक्कर बहुत थे. अक्सर उसकी कोई ना कोई शिकायत ही मिलती थी. उसकी बुरी आदतों की वजह से ही तीन बीवियां छोड़कर चली गईं.

संजय रॉय का पॉलीग्राफ टेस्ट

पुलिस की मानें तो वह 2019 में नागरिक स्वयंसेवक के रूप में कोलकाता पुलिस में शामिल हुआ था. फिलहाल सीबीआई उसका पॉलीग्राफ टेस्ट कर रही है और डीएनए और मनोविश्लेषण रिपोर्ट का इंतजार कर रही है, जो उसकी जांच की आगे की दिशा को तय करेगी. सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को बताया था कि स्थानीय पुलिस ने पहले बलात्कार और हत्या के मामले को छुपाने का प्रयास किया. साथ ही सीबीआई के जांच का जिम्मा संभालने से पहले अपराध स्थल के साथ छेड़छाड़ की गई.

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9 अगस्त को मिला था शव

ट्रेनी डॉक्टर का शव 9 अगस्त की सुबह अस्पताल के सेमिनार हॉल के अंदर पाया गया था और संजय रॉय को अगले दिन अरेस्ट कर लिया गया था.कलकत्ता हाईकोर्ट ने 13 अगस्त को जांच कोलकाता पुलिस से सीबीआई को देने का आदेश दिया था. सीबीआई ने 14 अगस्त को मामले की जांच शुरू की थी.
 

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