बिहार की राजधानी पटना में गुरुवार को हथियारों से लैस पांच बदमाशों ने दिनदहाड़े शहर के नामी अस्पताल में घुसकर कुख्यात अपराधी चंदन मिश्रा को गोलियों से भून डाला. चंदन मिश्रा का बक्सर जिले का रहने वाला था और उसकी डेढ़ दशक से इलाके में दबंगई थी. चंदन मिश्रा को 12 फरवरी 2020 को पटना हाईकोर्ट ने एक मामले में सजा सुनाई थी. उसे थोड़े समय पहले भागलपुर जेल से पटना की बेउर जेल में शिफ्ट किया गया था. पैरोल पर रिहाई के बाद वो अस्पताल में भर्ती था और 18 जुलाई को उसे दोबारा जेल वापस लौटना था, लेकिन इसके पहले ही उसे मार डाला गया.
कौन था चंदन मिश्रा
जानकारी के मुताबिक, इंडस्ट्रियल थाना क्षेत्र में 2011 में दो चर्चित हत्याकांडों में उसका नाम सामने आया था.
इसमें पहला मर्डर 20 अप्रैल को भरत राय का हुआ था. दूसरा 26 जुलाई को शिवजी खरवार की हत्या कर दी गई. चंदन मिश्रा जेल क्लर्क हैदर अली के मर्डर केस में भी नामजद था. नामी अपराधी चंदन ने रंगदारी नहीं देने पर एक चूना कारोबारी राजेंद्र केसरी की हत्या कर दी थी. इसी मामले में उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी. ताबड़तोड़ हत्याओं के बाद चंदन मिश्रा बिहार के कुख्यात अपराधियों की लिस्ट में शुमार हो गया था.
मर्डर के पीछे गैंगवार की आशंका
चंदन मिश्रा के मर्डर के पीछे गैंगवार की आशंका जताई जा रही है. जिस अंदाज में पिस्टल से लैस हमलावर अस्पताल में दाखिल हुए, वो संकेत दिखाता है कि मर्डर पूरी तरह सुनियोजित था. चंदन मिश्रा बक्सर का शेरू नाम से गैंग चलाता था.
मुखबिरी का शक
पुलिस इस हत्याकांड की जांच में जुट गई है. लेकिन पैरोल खत्म होने के ठीक 24 घंटे पहले जिस तरीके से उसका मर्डर किया गया, उससे जेल या अस्पताल से किसी के मुखबिरी करने की आशंका से भी इनकार नहीं किया जा सकता. चंदन मिश्रा खुद कई शातिर अपराधियों और गैंग के संपर्क में था.