इंदौर लोकसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार अक्षय कांति बम ने पर्चा वापस ले लिया है. अटकलें लग रही हैं कि अक्षय कांति बम भाजपा में शामिल होंगे. इंदौर सीट के उम्मीदवारों के नामांकन वापस लेने की आखिरी तारीख 29 अप्रैल यानि आज थी. ऐसे में कांग्रेस के पास कोई विकल्प नहीं बचा है. इस तरह अक्षय कांति बम ने एक तरह से सियासी बम फोड़ दिया है. इससे पहले सूरत सीट पर भी ऐसा ही कुछ हुआ था, जहां बीजेपी उम्मीदवार को निर्विरोध जीत मिल गई थी. आइए आपको बताते हैं कि कौन हैं अक्षय कांति बम...!
बम समेत 3 उम्मीदवारों ने वापस लिया पर्चा
पिछले 35 साल से इंदौर लोकसभा सीट पर जीत की बाट जोह रही कांग्रेस के उम्मीदवार अक्षय कांति बम ने पार्टी को तगड़ा झटका दिया है. अक्षय कांति बम समेत तीन उम्मीदवारों ने आज तय प्रक्रिया के तहत अपना नामांकन वापस लिया. इस प्रक्रिया की वीडियोग्राफी भी कराई गई है. ऐसे में सूरत लोकसभा सीट की तरह, इंदौर में भी भाजपा उम्मीदवार शंकर लालवानी की जीत तय मानी जा रही है. इस क्षेत्र में 13 मई को मतदान होना था, लेकिन अब इसकी जरूरत नहीं पड़ेगी.
भाजपा ने बम का किया स्वागत
इस बीच, प्रदेश के कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने अपने ‘एक्स' पर एक तस्वीर पोस्ट की, जिसमें अक्षय कांति बम उनके साथ कार में बैठे नजर आ रहे हैं. गाड़ी में उनके साथ भाजपा विधायक मेंदोला भी नजर आए. मेंदोला को विजयवर्गीय का विश्वस्त माना जाता है. विजयवर्गीय ने तस्वीर के साथ लिखा, "इंदौर से कांग्रेस के लोकसभा प्रत्याशी अक्षय कांति बम का प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, मुख्यमंत्री मोहन यादव और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के नेतृत्व में भाजपा में स्वागत है."
कौन है अक्षय कांति बम?
इस बार भाजपा का मजबूत गढ़ कहे जाने इंदौर में कांग्रेस ने एकदम नये-नवेले चेहरे अक्षय कांति बम (45) को अपना उम्मीदवार बनाया था. कांग्रेस को उम्मीद थी कि बम इंदौर में इस बार बड़ा धमाका करेंगे. लेकिन यहां नजारा कुछ और ही देखने को मिला है. अक्षय कांति बम पेशे से कारोबारी हैं और उनका परिवार शहर में निजी महाविद्यालयों का संचालन करता है. बम ने अपने राजनीतिक करियर में अब तक एक भी चुनाव नहीं लड़ा है. अगर वह चुनाव लड़ते, तो यह राजनीति में उनका पहला मुकाबला होता. बता दें कि कांग्रेस ने उन्हें इंदौर से ऐसे वक्त उम्मीदवारी का मौका दिया था, जब जिले में कांग्रेस के तीन पूर्व विधायकों समेत पार्टी के सैकड़ों कार्यकर्ता लोकसभा चुनावों से पहले पाला बदलकर भाजपा में शामिल हो चुके हैं.
जैन समुदाय से ताल्लुक रखते हैं अक्षय कांति बम
अक्षय कांति बम जैन समुदाय से ताल्लुक रखते हैं. इस समुदाय के इंदौर लोकसभा क्षेत्र में करीब दो लाख मतदाता हैं. ऐसे में कांग्रेस को अक्षय कांति बम से काफी उम्मीदें थीं. शुरुआत में बम के तेवर भी काफी कड़े नजर आ रहे थे, लेकिन अब उन्होंने पाला बदलने की योजना बना ली है. वैसे बता दें कि बम ने 2023 के विधानसभा चुनावों में इंदौर-4 सीट से टिकट की दावेदारी की थी, लेकिन कांग्रेस ने उन्हें उम्मीदवार नहीं बनाया था.
इंदौर सीट पर मुख्य मुकाबला भाजपा के निवर्तमान सांसद शंकर लालवानी (62) और बम के बीच होना माना जा रहा था. मतदाताओं की तादाद के लिहाज से प्रदेश में सबसे बड़े इंदौर लोकसभा क्षेत्र में 25.13 लाख लोगों को मताधिकार हासिल है, जहां भाजपा ने इस बार आठ लाख मतों के अंतर से जीत का नारा दिया है.
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