म्यूटेंट वायरस कई देशों में हो सकता है मौजूद : WHO की मुख्य वैज्ञानिक ने NDTV से कहा

ब्रिटेन में कोरोनावायरस का नया स्ट्रेन या टाइप (mutant coronavirus strain) मिलने के बाद से पूरी दुनिया में कोविड-19 को लेकर चिंता बढ़ गई है.

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नई दिल्ली:

ब्रिटेन में कोरोनावायरस का नया स्ट्रेन या टाइप (mutant coronavirus strain) मिलने के बाद से पूरी दुनिया में कोविड-19 को लेकर चिंता बढ़ गई है. इधर सोमवार रात NDTV से बात करते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुख्य वैज्ञानिक सौम्या स्वामीनाथन (Dr Soumya Swaminathan) ने कहा कि म्यूटेंट वायरस (mutant virus)पहले से ही कई देशों में मौजूद हो सकता है. हालांकि साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि नए संकट को लेकर निष्कर्ष निकालना अभी जल्दबाजी है - शुरुआती आंकड़ों से पता चलता है कि यह 70 प्रतिशत तक अधिक संचरित हो रहा है. संभवत: इसके भीतर दो बार म्यूटेशन की प्रक्रिया हुई है. और इसकी प्रतिरोधी क्षमता मौजूद वायरस से अधिक हो.

डॉ. स्वामीनाथन ने कहा कि यूके उन देशों में से एक है जिसने जीनोम अनुक्रमण पर काफी काम किया है. इस कारण उम्मीद है कि वो जल्द ही इस समस्या को समझ लेगा. साथ ही उन्होंने कहा कि बाकि देश भी जब अपने यहां के डेटा को देखेंगे तो उन्हें भी इस तरह की समस्या देखने को मिलेगी और संभव है कि उनके यहां भी म्यूटेंट वायरस पहले से मौजूद हो.

गौरतलब है कि रविवार को यूके ने कहा था कि इटली ने नए स्ट्रेन से संक्रमित एक व्यक्ति की सूचना दी है, जिसके वायरल आनुवंशिक कोड में लगभग 17 संभावित महत्वपूर्ण बदलाव देखे गए हैं. ऑस्ट्रेलिया, डेनमार्क और नीदरलैंड्स के साथ-साथ दक्षिण अफ्रीका में भी मामले सामने आए हैं.

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उन्होंने कहा कि पूर्व में अन्य वायरसों में भी म्यूटेशन हुए हैं जोआगे चल कर प्रमुख संस्करण बन गए हैं.यह भी एक ऐसा ही हो सकता है.अपनी बातों को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने कहा कि दो बार हुए म्यूटेशन के कारण वायरस की प्रतिरोधी क्षमता बढ़ गयी होगी और संभव है कि वो वैक्सीन के प्रभाव पर भी असर करें. डॉ. स्वामीनाथन ने कहा कि नए यूके स्ट्रेन को बेहतर ढंग से समझने के लिए प्रयोगों को B.1.1.7 लेबल किया गया है, लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि परिणाम प्राप्त करने में कुछ हफ़्ते लगेंगे.

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उन्होंने कहा, "अभी के लिए, हम देशों को और अधिक अनुक्रमण करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं. भारत में पूरी जीनोम अनुक्रमण करने की विशाल क्षमता है. वास्तव में, भारत पहले से ही एक वैश्विक डेटाबेस में काफी योगदान दे रहा है.डॉ. स्वामीनाथन ने कहा कि यह वास्तव में महत्वपूर्ण है कि सभी देश वायरस को नियंत्रित करने और संचरण को कम करने के उपायों को लागू करें. हम जानते हैं कि ये उपाय क्या हैं - टेस्टिंग और कॉन्ट्रेक्ट ट्रेसिंग और संक्रमित लोगों को अलग करना.

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बता दें कि ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने रविवार को घोषणा की कि ब्रिटेन में लंदन सहित कई इलाकों में कोरोनावायरस का नया स्ट्रेन मिला है, जो पहले से ज्यादा संक्रामक है. ब्रिटेन में पिछले कुछ दिनों में तेजी से संक्रमण बढ़ा भी था, जिसके बाद रविवार से ही यूके का अधिकतर हिस्सा या तो लॉकडाउन में है या फिर क्रिसमस के बाद लॉकडाउन में जा रहा है. सोमवार को स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने इस संबंध में सवाल में कहा था कि सरकार मामले को लेकर अलर्ट है, लेकिन उन्हें नहीं लगता कि अभी बहुत घबराने की जरूरत है.

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