पीएम मोदी ने जहां 'भ्रष्टाचार' और 'परिवारवाद' पर निशाना साधा वहीं देश को 'तरक्की के नए मंत्र' भी दिए

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज अपने संबोधन में कहा कि आज देश को आज़ादी के दीवानों को सपनों को पूरा करने का समय आ गया है. उन्होंने देशवासियों से कहा कि देश को तरक्की की बुलंदियों पर पहुंचाने के लिए उन्हें पांच संकल्प लेने होंगे. उन्होंने कहा कि आने वाले 25 व्रषों में हमें पांच प्रण पर अपने संकल्पों को केंद्रित करना होगा.

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लाल किले से पीएम मोदी का संबोधन
नई दिल्ली:

आज पूरा देश आजादी का 76वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है. हर्षोल्लास के साथ जश्न में आज हमारा देश डूबा हुआ है. इस शुभ अवसर पर लाल किले की प्राचीर पर आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नौवीं बार तिरंगा फहराया. अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्र निर्माण की जरूरत को रेखांकित करते हुए जहां एक तरफ देशवासियों को संकल्प लेने के लिए प्रेरित किया वहीं भ्रष्टाचार और परिवारवाद पर तीखा हमला भी बोला. गौरतलब है कि इस बार के संबोधन में उन्होंने किसी नए सरकारी कार्यक्रम की घोषणा नहीं की. लेकिन कुछ नए नारों के जरिए उन्होंने देश को तरक्की की बुलंदियों पर पहुंचाने का संकल्प जरूर देश को दिया.

अपने 80 मिनट के भाषण को विराम देने से पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने परिवारवाद और भ्रष्टाचार पर तीखा हमला बोला. पिवारवाद को निशाने पर लेते हुए उन्होंने कहा,”मैं भाई भतीजावाद, परिवारवाद की बात करता हूं तो लोगों को लगता है मैं सिर्फ राजनीतिक क्षेत्र की बात कर रहा हूं. दुर्भाग्य से राजनीति की इस बुराई ने हिन्दुस्तान की सभी संस्थाओं में परिवारवाद को पोषित कर दिया है. इससे मेरे देश की प्रतिभा को नुकसान होता है”.”  उन्होंने कहा,”आज हम दो बड़ी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं. भ्रष्टाचार और 'परिवारवाद' या भाई-भतीजावाद. हमें अपनी संस्थाओं की ताकत का एहसास करने के लिए, योग्यता के आधार पर देश को आगे ले जाने के लिए 'परिवारवाद' के खिलाफ जागरूकता बढ़ानी होगी.”

भ्रष्टाचार के खिलाफ हल्ला बोलते हुए उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार देश को दीमक की तरह खोखला कर रहा है और हमें इससे लड़ना है। उन्होंने कहा कि जिन्होंने देश को लूटा है उन्हें वो सारे पैसे लौटाने होंगे. पीएम मोदी ने देश को भरोसा दिलाते हुए कहा,” जो लोग पिछली सरकारों में देश को लूटकर भाग गए, उनकी संपत्तियां ज़ब्त करके वापिस लाने की कोशिश कर रहे हैं. हमारी कोशिश है कि जिन्होंने देश को लूटा है उन्हें लौटाना पड़े …वो स्थिति हम पैदा कर रहे हैं. हम भ्रष्टाचार के खिलाफ एक निर्णायक कालखंड में कदम रख रहे हैं.” 

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में आज देश के विकास का खास जिक्र किया. उन्होंने कहा कि 2047 में देश की आजादी के 100 साल पूरे हो जाएंगे. और तब तक हमें आजादी के दिवानों के सारे सपने पूरे करने की जिम्मेदारी उठानी होगी. और यह तभी मुमकीन होगा जब आने वाले 25 वर्षों में हम पांच प्रण पर अपने संकल्पों को केंद्रित कर लेते हैं. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अनुसार पहला प्रण यह होना चाहिए कि देश को विकसित बनाना है. इसी बड़े संकल्प के साथ आगे बढ़ना है. उन्होंने देश को तेजी से विकास के रास्ते पर ले जाने के साथ ही मानसिकता में बदलाव और एकता व एकजुटता पर जोर दिया.

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पीएम मोदी ने अपने भाषण में जिन पांच प्रण का जिक्र किया वे हैं.... विकसित भारत, गुलामी से मुक्ति, विरासत पर गर्व, एकता और एकजुटता और नागरिकों का कर्तव्य.

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा,” कि अब देश बड़े संकल्प लेकर चलेगा, और वो बड़ा संकल्प है विकसित भारत और उससे कुछ कम नहीं होना चाहिए। दूसरा प्राण है किसी भी कोने में हमारे मन के भीतर अगर गुलामी का एक भी अंश हो उसे किसी भी हालत में बचने नहीं देना.” शेष प्रण के बारे में कहते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा,” तीसरी प्राण शक्ति- हमें अपनी विरासत पर गर्व होना चाहिए... चौथा प्राण है- एकता और एकजुटता... पांचवां प्राण है- नागरिकों का कर्तव्य, इसमें प्रधानमंत्री भी बाहर नहीं होता है, राष्ट्रपति भी बाहर नहीं है.”

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इसके अलावा पीएम मोदी ने राष्ट्र तरककी के लिए एक नया मंत्र दियाः जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान, जय अनुसंधान'. लाल किले की प्राचीर से देश को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि आज समय आ गया है जब हमें नए संकल्प के साथ नई दिशा की ओर कदम बद़ाने की जरूरत है. इस मौके पर उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री को याद किया और कहा कि उन्होंने “ जय जवान-जय किसान” का नारा दिया था. पीएम मोदी ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने इसमें विज्ञान शब्द जोड़ा था. पीएम मोदी ने कहा कि अब समय आ गया है जब हम इस नारे में अनुसंधान शब्द जोड़ दें. अनुसंधान मतलब Innovations और नए आइडिया के साथ देश को आगे बढ़ाने का संकल्प . उन्होंने कहा,” अब जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान और जय अनुसंधान हो.”

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