PM मोदी कौन सी 'इंटरनेशनल साजिश' का कर रहे जिक्र?

एक राष्ट्रीय पार्टी विदेशी ताकतों के टुकड़ों पर पलने की कोशिश कर रही है. पांच एनजीओ तो एक मुखौटा है.

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हरियाणा में जीत की ऐतिहासिक हैट्रिक के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कांग्रेस पर हमलावर हैं. मंगलवार को बीजेपी मुख्यालय में पीएम मोदी ने कांग्रेस पर देश विरोधी अंतरराष्ट्रीय साजिश में शामिल होने का बड़ा आरोप लगाया.  पीएम मोदी ने कहा कि, ''देशविरोधी राजनीति नहीं चलेगी. देश को बांटने की अंतरराष्ट्रीय साजिश हो रही है. इस साजिश में कांग्रेस के चट्टे-बट्टे शामिल हैं. देशभक्त हरियाणा ने इसका मुंहतोड़ जवाब दिया है." इस हमले के बाद 24 घंटे भी नहीं बीते थे कि पीएम मोदी ने कांग्रेस पर दूसरी बार जोरदार हमला तब बोला जब वे महाराष्ट्र को 7,600 करोड़ की विकास परियोजनाओं की सौगात दे रहे थे. 

पीएम मोदी कांग्रेस को किस इंटरनेशनल साजिश का हिस्सा बता रहे हैं? हाल ही में इनकम टैक्स छापे के बाद आई एक रिपोर्ट को इंडियन एक्सप्रेस से प्रमुखता से छापा है. इस रिपोर्ट में देश के कुछ बड़े एनजीओ की भूमिका को लेकर गंभीर खुलासे सामने आए हैं. इसमें पांच बड़े एनजीओ पर देश में विकास के विरोध में एजेंडा चलाने का आरोप लगा है. उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह से समझिए पीएम मोदी कौन सी  'इंटरनेशनल साजिश' का जिक्र कर रहे?

"एक सामान्य भारतीय होने के नाते मैं बहुत ज्यादा दुखी, व्यथित और चिंतित हूं. क्या कारण है कि एक राष्ट्रीय पार्टी विदेशी ताकतों के टुकड़ों पर पलने की कोशिश कर रही है.  पांच एनजीओ तो एक मुखौटा है, लेकिन प्रधानमंत्री जी ने जो कहा अर्बन नक्सल, यह अर्बन नक्सल एक ऐसा स्लो पॉइजनिंग है जो हमारे पूरे वातावरण को विषाक्त कर रहा है. किस तरीके से हमारे विकास को अवरुद्ध करे, रोड़ा अटकाए, मनमाने तरीके से आंदोलन करे और एक नैरेटिव पैदा करे जैसा कि माननीय प्रधानमंत्री जी ने कहा, जातीयता की बात. जातीयता जहां समाप्त होनी चाहिए, वहां जातीयता का जहर घोलकर समाज में विघटन पैदा किया जा रहा है. यह कहा जा रहा है कि सिख अब कृपाण और पगड़ी नहीं पहन सकते हैं. जिन्होंने 84 में सिखों का नरसंहार किया उनकी कोई औकात है कि सिखों के बारे में ऐसी अनर्गल और बेबुनियाद बात करें. 

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क्या संविधान खतरे में है? संविधान तब खतरे में नहीं था जब 1975 में आपने आंतरिक इमरजेंसी लागू की थी? इसके अलावा ऐसा कौन सा हथकंडा है.. आपने फौज को हल्का करने की कोशिश की, आपने ज्यूडीशरी पर आक्रमण किया. आज आपने निर्वाचन आयोग  पर कहा कि हरियाणा इलेक्शन के बारे में आप पर गंभीर आरोप है.  आपका उल्लू सीधा न हो तो आप हमारी संवैधानिक संस्थाओं पर, उनके पवित्र दामन पर आप कीचड़ उछालते हैं. यह जो पांच एनजीओ हैं इनमें ऑक्सफेम है. आर्थिक संपदा इनको प्राप्त हो रही है, आपस में नेटवर्किंग है. यह एक क्रिमिनल आर्गनाइजेशन की तरह राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में संलिप्त हैं.  यह बड़ी खतरनाक खेल है. मेरा आह्वान है कि इनको एकदम खत्म करने का समय आ गया है. इन्हें देश बर्दाश्त नहीं करेगा.        

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कांग्रेस सोची समझी रणनीति के तहत भ्रम की स्थिति उत्पन्न कर रही है, जिससे की हमारी अर्थव्यवस्था को क्षति हो और जो छोटे निवेशक हैं, वे किंकर्तव्यविमूढ़ होने की स्थिति में आ जाएं. आप हिंडनबर्ग के कंधे पर बंदूक रखकर बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं. हिंडनबर्ग क्या है, एक छोटा सा स्टडी ग्रुप होगा और यह प्रायोजित रिसर्च वर्क होता है. आप जैसा चाहेंगे नेत्र, वैसे ही होंगे दर्शन. इस तरह की घटिया रिसर्च करते हैं जिसका कि न कोई सिर है न पैर है. हमारे देश में उद्योग घरानों को बदनाम करना, हमारे आर्थिक विकास पर स्पीड ब्रेकर लगाना और व्यवधान उत्पन्न करना, भ्रम की स्थिति उत्पन्न करना.. जहां-जहां उद्योग फल फूल रहे हैं, वहां जाकर उनके विरुद्ध जैसे जिंदल स्टील है, अदाणी पोर्ट वगैरह हैं.. वहां जाकर मनमाने तरीके से आंदोलन खड़े कर देना, जिसका कि कोई औचित्य ही नहीं है. यह सिर्फ इसलिए कि औद्योगिक घरनों का मनोबल गिराएं और एक अलंबरदार बनकर जनता के हितैषी बनकर उनकी आड़ में इस तरह के फर्जी आंदोलन चलाएं. अब वे बेनकाब हो चुके हैं. सुप्रीम कोर्ट ने भी यह मान लिया है हिंडनबर्ग कोई लास्ट वर्ड नहीं है. यह अच्छा हुआ, सुप्रीम कोर्ट की मुहर लगने के बाद पूरे भारत ही नहीं, पूरे विश्व में ये बेनकाब हो चुके हैं. अब भारत के विकास को कोई रोक नहीं सकता. अब समय आ गया है कि इनको बेनकाब करें, इन पांचों एनजीओ को और जो विदेशी षड्यंत्रकारी हैं जिनके कंधे पर बंदूक रखी जी रही है, हम सक्षम हैं, अपनी समीक्षा करने के लिए. हमें ऑक्सफैम और हिंडनबर्ग की जरूरत नहीं है."

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(Disclaimer: New Delhi Television is a subsidiary of AMG Media Networks Limited, an Adani Group Company.)

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