भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत आतंकवाद के खिलाफ जंग छेड़ दी है. ऐसे में सवाल उठता है कि भारत का मोस्ट वांटेड आतंकवादी दाऊद इब्राहिम इस वक्त कहां है. क्या वह अभी भी कराची के क्लिफ्टन इलाके में है या फिर उसे किसी महफूज जगह भेज दिया गया है? अपुष्ट खबरों के मुताबिक, पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई ने भारत-पाक तनाव को देखते हुए दाऊद इब्राहिम और उसके घरवालों को कराची से हटाकर पाकिस्तान के किसी और ठिकाने पर भेज दिया है. दाऊद 2001 से कराची में रह रहा था, चूंकि भारतीय फौज लगातार आतंकियों के अड्डों को निशाना बना रही है, तो ये डर था कि कहीं दाऊद भी न मारा जाए. भारतीय एजेंसियां तीन बार उसे खत्म करने की कोशिश कर चुकी हैं, लेकिन हर बार नाकाम रहींय
दाऊद 1986 में हिंदुस्तान से भागकर दुबई चला गया था. वहीं उसने 'व्हाइट हाउस' नाम का एक बंगला खरीदा और अपने पूरे गैंग को वहीं से चलाने लगा. 12 मार्च 1993 के मुंबई बम धमाकों की प्लानिंग भी इसी बंगले में हुई थी, जहां टाइगर मेमन और उसके लैंडिंग एजेंटों के साथ दाऊद की मीटिंग हुई थी. इन धमाकों के बाद भारत सरकार ने दाऊद को आतंकवादी घोषित कर दिया. उसके बाद वो दुबई और कराची के बीच आता-जाता रहा.
2001 में अमेरिका में जब 9/11 का हमला हुआ तो पूरी दुनिया में आतंकियों के खिलाफ कार्रवाइयां शुरू हो गईं. भारत और अमेरिका की नजदीकियां बढ़ने लगीं. इस माहौल में दाऊद घबरा गया और उसने कराची को अपना परमानेंट ठिकाना बना लिया.
कराची में उसने पोस्ट क्लिफ्टन नाम के इलाके में घर बसाया. ये जगह डिफेंस कॉलोनी के बगल में है और कराची का सबसे ज्यादा सुरक्षित इलाका माना जाता है. दाऊद यहां अपनी बीवी महजबीन, बेटे मोइन, भाइयों अनीश, हुमायूं, मुस्तफा और बेटे नूर के साथ रहता था. नूर की कुछ साल पहले मौत हो गई; वो बॉलीवुड फिल्मों के लिए गाने लिखा करता था. दाऊद के साथ उसके गैंग के खास लोग भी आस-पास ही रहते थे. जैसे उसका सबसे भरोसेमंद आदमी छोटा शकील, जिसका घर भी पास ही था.
बताया जाता है कि पहलगाम हमले के बाद भारत-पाक रिश्तों में जो तनाव बढ़ा, उसे देखते हुए ऑपरेशन सिंदूर शुरू होने से पहले ही दाऊद, उसके घरवालों और खास गुर्गों को कराची से हटा लिया गया था. मुन्ना झिंगाड़ा - वही डी कंपनी का शूटर जिसने 2000 में बैंकॉक में छोटा राजन पर हमला किया था — उसे भी किसी अज्ञात जगह पर छिपा दिया गया है.
पाकिस्तान के लिए दाऊद एक बड़ा ‘एसेट' रहा है. न सिर्फ 1993 के धमाकों में, बल्कि उसके बाद भी कई खून-खराबे और हाई-प्रोफाइल मर्डर की साजिशें आईएसआई ने उसके नेटवर्क के ज़रिए अंजाम दीं. फर्जी नोट और हथियारों की सप्लाई भी डी कंपनी के जरिए ही होती रही.
दाऊद अब पाकिस्तान छोड़कर कहीं नहीं जा सकता क्योंकि भारत ने इंटरपोल से उसके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी करवा रखा है. अमेरिका ने भी उसे ग्लोबल टेररिस्ट घोषित किया है और यूनाइटेड नेशंस की नजर में भी वो इंटरनेशनल आतंकवादी है. अगर वो पाकिस्तान से बाहर निकलने की कोशिश करता है, तो उसके पकड़े जाने का खतरा बहुत बड़ा है.