शराब घोटाला मामले (Delhi Liquor Scam) में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) को प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ्तार कर लिया है. गिरफ्तारी के बाद केजरीवाल की पहली रात ईडी हेडक्वार्टर में गुजरी. रात को केजरीवाल ठीक से सो नहीं पाए और सुबह जल्दी जाग गए. केजरीवाल से पहले आम आदमी पार्टी के कई नेता जेल में पहले ही बंद हैं. अगर केजरीवाल भी जेल जाते हैं, तो उनकी मुश्किलें बढ़ सकती हैं... क्योंकि उन्हें जेल मैनुअल के हिसाब से ही चलना पड़ेगा.
जेल मैनुअल के नियम...
- दिल्ली की जेलों में हफ्ते में दो बार मुलाकात करवाते हैं. चाहे अंडर ट्रायल हो या फिर कनविक्ट हो. जैसे ही परिजन जेल में आता है उसको नाम देने होते हैं कि वह किस-किस से मिलना चाहेगा.
- जेल में बंद शख्स को 10 लोगों के नाम देने होते हैं, उनमें से ही कोई बंदा जेल में टेलीफोन करेगा, (उसे टेली बुकिंग कहते हैं) वह बतायेगा कि उसे किस तारीख को प्रिजनर से मिलने के लिए आना है...
- जेल ऑपरेटर उसको बताता है कि हां इस दिन आ जाइए, ताकि उसको सुविधा रहे.
- एक बार मुलाकातत में तीन लोग जेल में आकर मिल सकते हैं.
- मुलाकात के लिए एक जंगला होता है... जंगले में एक तरफ तो प्रिजनर खड़ा होता है और दूसरी तरफ उसके मिलने वाले खड़े होते हैं और बीच में आयरन ग्रिल और जाली होती है, जिससे कोई भी चीज उसमें पास ओवर न हो.
- मुलाकात का समय 9:30 बजे शुरू हो जाती है...12:30 तक मुलाकात चलती है.. मतलब 3 घंटे तक यह मुलाकात होती है...
सुत्रों के मुताबिक, जेल सुपरिटेंडेंट को पावर है कि वह सबको बताता है और उस समय पर मुलाकात होती है. किस जगह पर मुलाकात करवानी है, वह भी यह सुपरिटेंडेंट की डिस्क्रिप्शन होती है. अगर किसी को सिक्योरिटी का खतरा है, कोई वीआईपी है... उसको सिक्योरिटी का खतरा है की कोई आदमी उसको नुकसान पहुंचा सकता है, तो उसमें किसी भी जगह जैसे देओडी में मुलाकात करवा सकते.
अगर कोई बहुत ही हाई सिक्योरिटी जेली है, डेथ सेंटेंस प्रिजनर है, तो उसकी सेल या जेल सुपरिटेंडेंट के कमरे में भी मुलाकात कराई जा सकती है. जहां तक फाइलें साइन करने की बात है, तो जेल से फ़ाइल साइन नहीं कराई जा सकती. सुपरिटेंडेंट के ऊपर है कि अगर कोई इंपॉर्टेंट फाइल साइन करनी है, तो जेल सुपरिटेंडेंट इजाजत दे सकता है.
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