- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत में हो रहा परिवर्तन जीवन, सोच और दिशा की वास्तविक गाथा है
- मोदी ने 21वीं सदी के 25 वर्षों के वैश्विक परिदृश्य में वित्तीय संकट, महामारी और युद्धों का उल्लेख किया
- उन्होंने कहा कि आज की अनिश्चित दुनिया में भारत एक अलग लीग में आत्मविश्वास से खड़ा है
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कहना है कि भारत में हो रहा परिवर्तन अब केवल संभावनाओं की बात नहीं है, बल्कि यह बदलते हुए जीवन, बदलती हुई सोच और बदलती हुई दिशा की सच्ची गाथा है'. एचटी समिट में 'ट्रांसफॉर्मिंग टुमॉरो' थीम पर पीएम मोदी ने 21वीं सदी के बीते 25 सालों के वैश्विक परिदृश्य पर बात की. इस अवसर पर बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस पर उन्हें श्रद्धांजलि भी अर्पित की.
अनिश्चितता भरे दौर में अलग लीग में भारत
पीएम मोदी ने 21वीं सदी के बीते 25 सालों के वैश्विक परिदृश्य पर बात की. उन्होंने कहा कि दुनिया ने इन वर्षों में कई बड़े उतार-चढ़ाव देखे हैं, जिनमें वित्तीय संकट, वैश्विक महामारी , तकनीकी चुनौतियां, बिखरती दुनिया और युद्ध शामिल हैं. पीएम ने कहा, "ये सारी स्थिति किसी न किसी रूप में दुनिया को चैलेंज कर रही है. आज दुनिया अनिश्चितताओं से भरी हुई है, लेकिन इस दौर में हमारा भारत एक अलग ही लीग में दिख रहा है. भारत आत्मविश्वास से भरा हुआ है."
ग्रोथ का पिलर बन रहा देश
प्रधानमंत्री ने स्पष्ट किया कि जब दुनिया भर में आर्थिक सुस्ती (स्लोडाउन) की बात हो रही है, तब भारत असाधारण वृद्धि (ग्रोथ) की कहानी लिख रहा है. उन्होंने दुनिया को भारत की भूमिका के बारे में बताते हुए तीन महत्वपूर्ण बातें कहीं. जब दुनिया में स्लोडाउन की बात होती है, तब भारत ग्रोथ की कहानी लिखता है. जब दुनिया में ट्रस्ट का संकट दिखता है, तब भारत ट्रस्ट का पिलर बन रहा है. जब दुनिया फ्रैगमेंटेशन (विखंडन) की तरफ जा रही है, तब भारत ब्रिज बिल्डर बन रहा है. पीएम मोदी ने जोर देकर कहा कि भारत का आत्मविश्वास ही उसे इस अनिश्चित दौर में वैश्विक मंच पर एक मजबूत और विश्वसनीय स्तंभ बना रहा है.














