प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को कहा कि ‘विकसित भारत संकल्प यात्रा' केवल सरकार की ही नहीं बल्कि देश की यात्रा बन गई है और जब गरीब, किसान, महिलाएं तथा युवा सशक्त होंगे तो राष्ट्र शक्तिशाली बनेगा.
उन्होंने कहा कि वर्तमान केंद्र सरकार छोटे किसानों को मुसीबतों से बाहर निकालने के लिए निरंतर काम कर रही है जबकि पूर्व की सरकारों में किसान के सशक्तीकरण की चर्चा सिर्फ पैदावार व उसकी उपज की बिक्री के इर्द-गिर्द ही सीमित रही.
उन्होंने कहा, ‘‘कई बार जागरूकता की कमी से या दूसरे कारणों से कुछ लोग सरकारी योजनाओं के लाभ से वंचित रह जाते हैं. ऐसे लोगों तक पहुंचना हमारी सरकार अपना दायित्व समझती है. आज देश में ही नहीं बल्कि दुनिया में भी मोदी की गारंटी की बहुत चर्चा हो रही है.''
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘पहले की सरकारों में देश में कृषि नीति का दायरा बहुत सीमित था और किसानों के सशक्तीकरण की चर्चा सिर्फ पैदावार और उसकी उपज की बिक्री के इर्द-गिर्द ही सीमित रही जबकि किसान को अपने दैनिक जीवन में भांति-भांति की समस्याओं का सामना करना पड़ता है. इसलिए हमारी सरकार ने किसान की हर मुश्किल को आसान करने के लिए चौतरफा प्रयास किए हैं. पीएम किसान सम्मान निधि के माध्यम से हर किसान को कम से कम 30,000 रुपये दिए जा चुके हैं.''
पीएम मोदी ने कहा कि उनके लिए गरीब, किसान, महिलाएं और युवा चार सबसे बड़ी जातियां हैं तथा जब ये सशक्त होंगी तो एक सशक्त भारत सुनिश्चित होगा. पिछले दिनों न्यूनतम समर्थन मूल्य पर तुअर की दाल की ऑनलाइन खरीद किए जाने की घोषणा का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि अभी यह सुविधा तुअर या अरहर दाल के लिए दी गई है लेकिन आने वाले समय में दूसरी दालों के लिए भी इसका दायरा बढ़ाया जाएगा.
उन्होंने कहा, ‘‘हमारा प्रयास है कि दाल खरीदने के लिए जो पैसा हम विदेश भेजते हैं, वह देश के ही किसानों को मिले.'' प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘विकसित भारत संकल्प यात्रा' के दौरान दो करोड़ से ज्यादा गरीबों के स्वास्थ्य की जांच हुई है और इसी दौरान एक करोड़ लोगों की टीबी की बीमारी की भी जांच हुई है.
उन्होंने कहा कि 22 लाख लोगों की सिकल सेल एनीमिया संबंधी जांच हुई है और ये सारे लोग गांव, गरीब, दलित, पिछड़े और आदिवासी समाज के लोग हैं. लाभार्थियों ने सरकार की पहल की सराहना की.
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘मोदी की गारंटी वाली गाड़ी देश के कोने-कोने तक पहुंच रही है. सरकारी योजनाओं का लाभ पाने के इंतजार में अपना जीवन व्यतीत करने वाले गरीब लोग आज एक सार्थक बदलाव देख रहे हैं.'' पीएम मोदी ने कहा, ‘‘सरकार लाभार्थियों के दरवाजे तक पहुंच रही है और लोगों को सारी सुविधाएं मुहैया करा रही है.''
उन्होंने कहा कि ‘मोदी की गारंटी' की गाड़ी के साथ-साथ सरकारी अधिकारी और जनप्रतिनिधि जन-जन तक पहुंच रहे हैं. प्रधानमंत्री ने गरीबों, युवाओं, महिलाओं और किसानों के पीढ़ीगत संघर्ष पर भी प्रकाश डाला.
उन्होंने कहा, ‘‘हमारी सरकार चाहती है कि वर्तमान और भविष्य की पीढ़ियों को वह जीवन नहीं जीना पड़े जो पहले की पीढ़ी जीती थी. हम देश की एक बड़ी आबादी को छोटी-छोटी दैनिक जरूरतों के संघर्ष से बाहर निकालना चाहते हैं.''
पीएम मोदी ने कहा कि यात्रा शुरू होने के बाद से उज्ज्वला कनेक्शन के लिए 12 लाख नए आवेदन और सुरक्षा बीमा योजना, जीवन ज्योति योजना, प्रधानमंत्री स्वनिधि के लिए लाखों आवेदन प्राप्त हुए हैं.
यात्रा के प्रभाव को रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आज डॉक्टर गरीबों, दलितों, वंचितों और आदिवासियों के दरवाजे तक पहुंच रहे हैं, जिसे पिछली सरकारों ने चुनौती माना था.
उन्होंने आयुष्मान योजना पर भी प्रकाश डाला जो पांच लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा और गरीबों के लिए मुफ्त डायलिसिस जैसी सुविधाएं प्रदान करती है.
किफायती दरों पर दवाओं की उपलब्धता वाले जन आरोग्य केंद्रों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘देश भर में बने आयुष्मान आरोग्य मंदिर गांवों और गरीबों के लिए बड़े स्वास्थ्य केंद्र बन गए हैं.''
पीएम मोदी ने देश में महिला सशक्तीकरण के लिए सरकार की ओर से किए जा रहे प्रयासों को भी रेखांकित किया और बताया कि कैसे मुद्रा योजना के माध्यम से उन्हें आसानी से ऋण उपलब्ध हो रहा है.
उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्षों में 10 करोड़ महिलाएं महिला स्वयं सहायता समूहों में शामिल हुई हैं, जहां उन्हें 7.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक प्रदान किए गए हैं.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इसके कारण कई बहनें ‘लखपति दीदी' बन गई हैं. इसकी सफलता का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि उनका सपना ‘लखपति दीदियों' की संख्या को दो करोड़ तक पहुंचाने का है. पीएम मोदी ने कहा, ‘‘हमें भारत को एक विकसित देश बनाने के लिए अपने कर्तव्यों का पालन करना चाहिए.''
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