दिल्ली में एक कमाल का मामला आया है. पूर्वी दिल्ली के थाना कल्याणपुरी इलाके में मंगलवार रात तकरीबन रात दस बजे तीन बदमाश एक घर के सामने पिस्तौल से गोली दागते हुए निकल जाते हैं. पीड़ित परिवार इसकी शिकायत लेकर थाने पहुंचता है तो पुलिस पीड़ित परिवार को बताती है कि हमारी छानबीन में पिस्तौल से फायरिंग का आरोप है, वह खिलौना था, असली पिस्तौल नहीं थी.
इसके बाद पीड़ित परिवार ने डीसीपी ईस्ट दिल्ली को दी लिखित शिकायत में बताया कि मामूली कहासुनी के बाद धमकाने के लिए इलाके के ही पवन बिरयानी गैंग अंकुश और सुनील ने इस वारदात को अंजाम दिया है और थाना कल्याणपुरी सीसीटीवी में दिख रही पिस्तौल को खिलौना बता मामले को रफा-दफा कर रहा है.
डीसीपी ईस्ट को दी लिखित शिकायत में जान की रक्षा करते हुए पीड़ित परिवार ने न्याय की मांग की. पीड़ित परिवार का यह भी कहना है कि पुलिस हमेशा रक्षा के लिए होती है, लेकिन यहां देखें तो पुलिस गुंडे बदमाशों की रक्षा कर रही है, उन्हें बचा रही है और क्राइम करने का बढ़ावा दे रही है. अब देखना यह होगा कि असली को नकली बंदूक बताने वाली पुलिस आगे की क्या कार्रवाई करती है, क्योंकि अब यह मामला पूर्वी दिल्ली की डीपी अपूर्वा गुप्ता के संज्ञान में भी आ गया है.
इस मामले से दिल्ली पुलिस की छवि को भी काफी नुकसान पहुंचा है. आमतौर पर दिल्ली पुलिस की गिनती देश के सबसे अच्छे पुलिसफोर्स के रूप में होती है. अगर इस मामले में नकली पिस्तौल के जरिए भी पीड़ित को धमकाने की कोशिश की गई तो यह अपराध तो बनता ही है.