G20 समिट के बाद अब भारत मंडपम का क्या होगा? जानें क्या आप कर सकेंगे बुकिंग?

भारत मंडपम के आर्किटेक्ट संजय सिंह हैं, जो ARCOP Associates PVT LTD के डायरेक्टर हैं. ARCOP ने इसे सिंगापुर की एडास के साथ मिलकर तैयार किया है. इस प्रोजेक्ट की शुरुआत 2016 में की गई थी. 2023 में बनकर ये तैयार हुआ. इसे बनाने में 2700 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं.

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'भारत मंडपम' को बनाने में 2700 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं.

नई दिल्ली:

भारत की अध्यक्षता में G20 समिट(G20 Summit 2023) के भव्य आयोजन का गवाह बना दिल्ली के प्रगति मैदान का ‘भारत मंडपम' (Bharat Mandapam)अब लोगों के बीच चर्चा का विषय बन चुका है. ज्यादातर लोग इस कंवेंशन सेंटर को देखना चाहते हैं. समिट खत्म होने के बाद एक सवाल भी उठ रहा है कि भारत मंडपम का अब क्या होगा? क्या इसे किसी दूसरे इवेंट के लिए बुक किया जा सकता है? ITPO से जुड़े सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक ट्रेड और बिजनेस से जुड़ी गतिविधियों के लिए ‘भारत मंडपम' अगले 3 महीने तक बुक हो चुका है. हालांकि, सुरक्षा कारणों से इस बात का खुलासा नहीं किया गया है कि किस इवेंट के लिए और कितने दिनों के लिए इसे बुक किया गया है.

प्रगति मैदान पहले दिल्ली-एनसीआर में बिजनेस इवेंट्स की पहली पसंद हुआ करता था. अब G20 की सफलता के बाद 'भारत मंडपम' की भी डिमांड बहुत ज्यादा है. आप ITPO के दफ्तर जाकर या उसकी साइट से 'भारत मंडपम' की ऑनलाइन बुकिंग कर सकते हैं. इसके लिए आपको  ITPO यानी इंडियन ट्रेड प्रमोशन ऑर्गेनाइजेशन को किराया (Charge) देना होगा. भारत मंडपम की बुकिंग के लिए जितनी कीमत कॉरपोरेट हाउसेस चुकाएगी. इसकी बुकिंग के लिए उतनी ही कीमत सरकार को भी चुकानी होगी.

'भारत मंडपम' में कैसी है सुविधाएं?
'भारत मंडपम' अपने आप में काफी अनोखा है. इसे शंख के आकार में बनाया गया है. ये पूरे 123 एकड़ में फैला है, जो फुटबाल के 26 स्टेडियम के बराबर है. इसमें 24 मीटिंग रूम, 27 हॉल हैं. मल्टीपर्पस हॉल में 4 हजार लोगों की क्षमता है. प्लेनरी हॉल में 3 हजार लोगों के एक साथ बैठने की क्षमता है. इसके एम्फीथिएटर में एक साथ 4 हजार लोग बैठ सकते हैं. जबकि दो ऑडिटोरियम में 600 और 900 लोग बैठ सकते हैं.  यहां 5500 गाड़ियां पार्क की जा सकती हैं. G20 समिट के बाद अब यहां से कुछ चीजों को हटाया जाएगा. हालांकि, मंडपम के सामने लगी नटराज की प्रतिमा लगी रहेगी.

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फर्स्ट लेवल पर प्रधानमंत्री के बैठने की व्यवस्था
भारत मंडपम का डिजाइन इलिप्टिकल यानी अंडाकार रखा गया है. बाहर से देखने पर ये घुमावदार दिखाई देता है. इसकी ऊंचाई 35 मीटर है. फर्स्ट लेवल पर प्रधानमंत्री के बैठने की व्यवस्था है. ये 6 मीटर ऊंचा है. PM लाउंज, बाइलैट्रल लाउंज और मीटिंग रूम बना है. मीटिंग रूम की कैपेसिटी 600 लोगों की है. इसमें 50 और 100 लोगों की कैपेसिटी वाला मीटिंग रूम भी बनाया गया है.

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चौथे फ्लोर से राष्ट्रपति भवन और संसद भवन दिखता है
चौथे फ्लोर को विंडो टु दिल्ली कहते हैं. इस फ्लोर से कर्तव्य पथ के साथ इंडिया गेट और राष्ट्रपति भवन के सभी गुंबद नजर आते हैं. भारत मंडपम के पीछे बनी बिल्डिंग में किचन है. इसमें एक बार में 10 हजार लोगों के लिए खाना बनाया जा सकता है.

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चेक रिपब्लिक से मंगाया गया झूमर, भदोही से कालीन
भारत मंडपम के आर्किटेक्ट संजय सिंह हैं, जो ARCOP Associates PVT LTD के डायरेक्टर हैं. ARCOP ने इसे सिंगापुर की एडास के साथ मिलकर तैयार किया है. इस प्रोजेक्ट की शुरुआत 2016 में की गई थी. 2023 में बनकर ये तैयार हुआ. इसे बनाने में 2700 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं. 'भारत मंडपम' की सजावट में हर राज्य के आर्टवर्क का इस्तेमाल हुआ है. इसमें 15 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं. समिट हॉल में लगे झूमर को चेक रिपब्लिक से मंगाया गया है. भारत मंडपम में कश्मीर और भदोही (यूपी) के कालीन लगाए गए हैं.    

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