- नवजोत सिंह, जो वित्त मंत्रालय में कार्यरत थे, अपनी नई ट्रायम्फ बाइक पर पत्नी के साथ जा रहे थे जब दुर्घटना हुई.
- बीएमडब्ल्यू कार, जिसे गगनप्रीत चला रही थी, ओवरटेक करते हुए बाइक को टक्कर मारकर पलट गई और बस से टकराई.
- दुर्घटना में नवजोत सिंह की मृत्यु हो गई जबकि उनकी पत्नी संदीप कौर गंभीर रूप से घायल हो गईं.
वित्त मंत्रालय में काम करने वाले नवजोत सिंह को बाइक चलाने का बहुत शौक था. रविवार को वह अपनी नई ट्रायम्फ (Triumph) को लेकर गुरुद्वारा बंगला साहिब गए थे और उनकी पत्नी पीछे बैठी थीं. ये बाइक उन्हें पिता ने तोहफे में दी थी, लेकिन पिता को भी क्या पता था कि बेटे को जो तोहफा वो दे रहे हैं वो उनका आखिरी तोहफा होगा. दोनों पति-पत्नी घर लौट रहे थे और लौटते समय एक BMW कार ने उन्हें टक्कर मार दी, जिसमें नवजोत सिंह की मौत हो गई और पत्नी संदीप कौर घायल हो गईं.
बीएमडब्ल्यू लग्जरी कार गगनप्रीत नाम की महिला चला रही थी और उसका पति परीक्षित गाड़ी में पीछे बैठा था. पुलिस के अनुसार- ये कपल गुरुग्राम में घोड़े की काठी, सीट कवर और बेल्ट आदि का व्यवसाय करता है.
बता दें कि BMW ने कथित तौर पर ओवरटेक करने की कोशिश में बाइक को टक्कर मार दी, पलट गई और सीधे बस से जा टकराई. टक्कर इतनी जोरदार थी कि बीएमडब्ल्यू पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई और उसका बंपर भी चकनाचूर हो गया. वीडियो में कार साइडव्यू मिरर भी टूटा हुआ है. पार्किंग लाइट और पिछला शीशा बिखरा हुआ दिखाई दिया.
टक्कर लगते ही एयरबैग खुल गए. कार का फ्यूल टैंक टूट गया और पेट्रोल रीसकर नीचे गिरने लगा. कार की छत पर भी कई खरोंचें दिखाई दीं. दुर्घटना के बाद गगनप्रीत और उनके पति ने एक ऐप-आधारित टैक्सी बुक की और वित्त मंत्रालय के अधिकारी और उनकी पत्नी को जीटीबी नगर स्थित न्यूलाइफ अस्पताल ले गए, जो दुर्घटनास्थल से लगभग 19 किलोमीटर दूर था. संदीप कौर ने उनसे अपने पति को घटनास्थल के पास के किसी अस्पताल में ले जाने की विनती की थी, लेकिन कथित तौर पर उन्होंने उनकी बात अनसुनी कर दी. सूत्रों ने बाद में बताया कि न्यूलाइफ अस्पताल गगनप्रीत के पिता का है.
अस्पताल का दावा है कि नवजोत सिंह को मृत अवस्था में लाया गया था. अधिकारियों के अनुसार, उनकी पत्नी की हालत अभी गंभीर है.
वित्त मंत्रालय के अधिकारी के बेटे नवनूर सिंह कहते हैं कि अगर उनके पिता को नज़दीकी अस्पताल ले जाया जाता तो उनकी जान बच सकती थी. उन्होंने कहा कि समय बहुत अहम है. अगर उन्हें पास के किसी अस्पताल में ले जाया जाता, तो शायद उनकी जान बच जाती.
नवनूर ने बताया कि उन्हें अपने माता-पिता के साथ हुई दुर्घटना के बारे में एक फैमिली फ्रेंड का फोन आया था. मुझे लगा कि यह कोई मामूली दुर्घटना होगी क्योंकि मेरे पिता एक अच्छे और सावधानी से ड्राइविंग करते हैं. मुझे ज्यादा चिंता नहीं हुई, लेकिन जब हम अस्पताल गए तो मुझे समझ नहीं आया कि मेरे माता-पिता को जीटीबी नगर के अस्पताल में क्यों भर्ती कराया गया, जबकि दुर्घटना धौला कुआं के पास हुई थी. मैं अस्पताल के कर्मचारियों से पूछता रहा कि मेरे माता-पिता को यहां कौन लाया. और नर्सों से लेकर डॉक्टरों तक, सभी ने कहा कि वे यहीं हैं, बाहर बैठे हैं, लेकिन मुझे कोई नहीं मिला. गगनप्रीत पर लापरवाही से गाड़ी चलाने, गैर इरादतन हत्या और सबूत नष्ट करने से संबंधित धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं.