Explainer : मोहन चरण माझी को मुख्यमंत्री बनाकर BJP ने क्या संदेश दिया, जानें कहां-कहां होगा इसका असर

बीजेपी हर हाल में ओडिशा में अपनी सरकार बनाना चाहती थी, जहां वह तीसरे नंबर की पार्टी थी. ओडिशा की 15 विधानसभा की सीटों पर आदिवासी आबादी 55 फीसदी से ज्यादा है,वहीं करीब 35 सीटों पर आदिवासी आबादी करीब 30 फीसद है.बीजेपी ने इन सीटों के लिए खास रणनीति बनाई.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
नई दिल्ली:

भारतीय जनता पार्टी ने ओडिशा के नए मुख्यमंत्री के नाम का ऐलान कर दिया है. मोहन चरण माझी प्रदेश के नए मुख्यमंत्री होंगे. इसके साथ ही ओडिशा में दो उपमुख्यमंत्री भी बनाए जाएंगे. इसके लिए कणकवर्धन सिंह देव और पारवती परिदा के नाम का चुनाव किया गया है.ओडिशा के नए मुख्यमंत्री का चुनाव करने के लिए आयोजित बैठक में पर्यवेक्षक के रूप में राजनाथ सिंह और और भूपेंद्र यादव मौजूद थे. आदिवासी बहुल इस राज्य के मुख्यमंत्री के लिए बीजेपी ने एक आदिवासी का चयन किया है. ओडिशा की चार करोड़ से अधिक की आबादी में आदिवासियों की जनसंख्या करीब एक करोड़ है.

बीजेपी की आदिवासी राजनीति

छत्तीसगढ़ के बाद ओडिशा दूसरा ऐसा राज्य है, जहां बीजेपी ने आदिवासी को मुख्यमंत्री के रूप में चुना है. दरअसल बीजेपी नजर देश के आदिवासी वोटों पर है.इसी उद्देश्य के लिए बीजेपी ने राष्ट्रपति पद के लिए ओडिशा की आदिवासी नेता द्रौपदी मुर्मु के नाम का चयन किया था. वहीं आदिवासियों को संदेश देने के लिए ही बीजेपी ने ओडिशा के पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ में आदिवासी विष्णुदेवा साय को मुख्यमंत्री बनाया था.साय को मुख्यमंत्री बनाने में आदिवासी समाज का योगदान भी बड़ा था. बीजेपी ने आदिवासियों के लिए आरक्षित 20 सीटों में से 16 सीटों पर जीत दर्ज की थी.

ओडिशा के लिए बीजेपी की रणनीति

छत्तीसगढ़ में सरकार बनाने के बाद बीजेपी हर हाल में ओडिशा में अपनी सरकार बनाना चाहती थी, जहां वह तीसरे नंबर की पार्टी थी. ओडिशा की 15 विधानसभा की सीटों पर आदिवासियों की आबादी 55 फीसदी से ज्यादा है, वहीं करीब 35 सीटों पर आदिवासी आबादी 30 फीसदी के आसपास है.बीजेपी ने इन सीटों के लिए खास रणनीति बनाई. एक आदिवासी को राष्ट्रपति बनाने और छत्तीसगढ़ का मुख्यमंत्री एक आदिवासी को बनाने ने बीजेपी को ओडिशा में बड़ी सफलता दिला दी.ओडिशा में आदिवासियों के लिए 24 सीटें आरक्षित हैं. इनमें से अधिकांश सीटों पर बीजेपी ने जीत दर्ज की है.

Advertisement

झारखंड का फेल प्रयोग

इससे पहले बीजेपी ने आदिवासी बहुल झारखंड में गैर आदिवासी रघुवर दास को वहां का मु्ख्यमंत्री बनाया था. लेकिन बीजेपी को उनका कोई फायदा नहीं मिला था.साल 2019 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को हार मिली.रघुवर दास खुद चुनाव हार गए थे. बीजेपी झारखंड में आदिवासी के लिए आरक्षित 28 में से 26 सीटें हार गई थी. उसका यही हाल छत्तीसगढ़ में भी हुआ था. आदिवासी सीटें हारने की वजह से छत्तीसगढ़ की सरकार उसके हाथ से निकल गई थी. इससे सबक लेते हुए बीजेपी ने छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री एक आदिवासी को बनाया तो झारखंड बीजेपी की कमान एक आदिवासी बाबूलाल मरांडी को सौंपी है. लेकिन यह भी संयोग ही होगा कि मोहन चरण माझी को शपथ रघुवर दास ही दिलाएंगे.

Advertisement

ओडिशा में बीजेपी का प्रदर्शन

हाल में हुए ओडिशा विधानसभा के चुनाव में बीजेपी ने पहली बार बहुमत के साथ जीत दर्ज की है. ओडिशा की विधानसभा में कुल 147 सीटें हैं. बीजेपी ने इनमें से 78 सीटों को जीत दर्ज की है. नवीन पटनायक की बीजेडी को 51, कांग्रेस को 14, सीपीआईएम को एक और अन्य को तीन सीटें मिली हैं. 

Advertisement
Featured Video Of The Day
India Vs Canada: China के चक्कर में India से पंगा ले रहा Canada! Justin Trudeau चल रहे शातिर चाल
Topics mentioned in this article