दक्षिण कश्मीर के कुलगाम में युवक की मौत का मामला गरमा गया है. रविवार को कुलगाम के तंगमार्ग के 22 साल के इम्तियाज अहमद मागरे का शव अदबल नाले से बरामद किया गया था. पुलिस का कहना है कि मागरे एक ओवरग्राउंड वर्कर था और उसने सेना को आतंकियों का एक ठिकाना भी दिखाया था. इसके बाद वह रविवार को एक बार फिर आतंकियों का दूसरा ठिकाना दिखाने के लिए जा रहा था, लेकिन तभी उसने नाले में छलांग मार ली और डूबकर मर गया. दरअसल, इम्तियाज अहमद मागरे को 3 मई को पकड़ा गया था और जांच में सामने आया था कि वह आतंकियों का ओवर ग्राउंड वर्कर है और लंबे वक्त से आतंकियों की मदद कर रहा है.
सुरक्षा एजेंसियों का मानना है इन कारणों से वो कूदा होगा
- पहला- सुरक्षाबलों ने बचकर भागा कि कहीं वे ज्यादा सख्त पूछताछ ना करें.
- दूसरा- आतंकियों का ठिकाना दिखाने से उसका आतंक फैलाने का मकसद पूरा नहीं हो पाता
- तीसरा- आतंकियों का ठिकाना दिखाने के बाद आतंकियों से भी वह खतरा महसूस करता
जंगल में आतंकियों का ठिकाना बताने जा रहा था मागरे
पूछताछ के दौरान उसने बताया था कि कुलगाम में ही एक जंगल में आतंकियों के छिपने का ठिकान है और 4 मई को सेना उसे हाइडआउट का रास्ता बताने के लिए अपने साथ ले जा रही थी. इसी बीच इम्तियाज ने नाले में कूदकर अपनी जान दे दी और ये पूरी घटना कैमरा में कैप्चर हो गई क्योंकि सेना के जवान ड्रोन का भी इस्तेमाल कर रहे थे. इस मामले को लेकर इम्तियाज के घरवाले सेना और पुलिस पर आरोप लगा रहे हैं लेकिन फुटेज में साफ तौर पर देखा जा सकता है कि वो किस तरह से कूदा और उसकी मौत हो गई.
ओवरग्राउंड वर्कर्स करते हैं आतंकवादियों की मदद
इस तरह के ओवरग्राउंड वर्कर्स आतंकियों की कई स्तर पर मदद करते हैं. वो आतंकियों को लॉजिस्टिक सपोर्ट देते हैं. साथ ही खाने-पीने रहने की व्यवस्था में भी मदद करते हैं. माना जा रहा है कि पहलगाम हमले में भी कई ओवरग्राउंड वर्कर्स शामिल हैं. कहा जाता है कि ये लोग मारने या फिर मरने के लिए तैयार रहते हैं और इसलिए शायद यही वजह है कि वह नाले में कूद गया. इस मामले को लेकर राजनीतिक माहौल गर्म हो गया है क्योंकि विपक्षी पक्ष सेना और पुलिस पर सवाल खड़े कर रहे हैं लेकिन सेना और पुलिस ने वीडियो फुटेज जारी किया है, जिसमें वह खुद नाले में कूदते हुए नजर आ रहा है.
100 से ज्यादा ओवरग्राउंड वर्कर पुलिस कस्टडी में
केवल इम्तियाज ही नहीं बल्कि 100 से ज्यादा ओवरग्राउंड वर्कर फिलहाल पुलिस कस्टडी में हैं जिनसे पूछताछ की जा रही है और कुछ लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है. इन ओवरग्राउंड वर्कर्स से सेना और पुलिस को काफी जानकारी भी मिली है. जैसे जो आतंकी पहलगाम में आए थे उनके पास कैसे हथियार थे, किन रास्तों से आए थे और किन रास्तों से भागे थे. इस हमले के पीछे कौन लोग थे. इसे लेकर पाकिस्तान का नाम सीधे सामने आया है. लश्कर-ए-तइबा का भी नाम इसमें सामने आया है. पहलगाम में एनआईए की टीम लगातार काम कर रही है.
पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने मामले की जांच की मांग उठाई
इसी घटना का एक ड्रोन फुटेज भी जारी किया गया है लेकिन पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने मामले को बांदीपुर और कुपवाड़ा में हुई दो संदिग्द मृत्यु के साथ जोड़ते हुवे न्यायिक जांच की मांग उठा दी है. वहीं उमर अब्दुल्ला सरकार में स्वास्थ मंत्री ने मृतक के घर जाकर मामले की पूरी जांच का भरोसा परिवार को दिया है. मागरे उसी गांव में रहता था जहां पहलगाम हमले के एक दिन बाद सुरक्षा बलों और आतंकियों के बीच गोली बारी भी हुई थी.