प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सोमवार को ओडिशा में थे.वो लोकसभा (LokSabha Election 2024) और ओडिशा विधानसभा (Odisha Assembly Election 2024)चुनाव के लिए बीजेपी का प्रचार करने गए थे. पुरी में जगन्नाथ मंदिर (Jagannath Temple) में दर्शन करने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने रत्न भंडार (Ratan Bhandar of Jagannath Temple) का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि जगन्नाथ मंदिर सुरक्षित नहीं है. मंदिर के रत्न भंडार की चाबी पिछले 6 साल से गायब है. उन्होंने चाबी को तमिलनाडु भेजे जाने का जिक्र किया. प्रधानमंत्री के इस बयान पर तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन (MK Stalin) ने पटलवार किया है. उन्होंने कहा है कि प्रधानमंत्री को वोट के लिए तमिलों को बदनाम करना बंद करना चाहिए.
रत्न भंडार का मुद्दा पीएम मोदी ने ट्विटर पर उठाया. उन्होंने एक ट्वीट में ओडिशा की बीजू जनता दल पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि बीजू जनता दल की सरकार में पुरी का जगन्नाथ मंदिर सुरक्षित नहीं है.रत्न भंडार की चाबी पिछले 6 साल से गायब है. उनका कहना था कि चाबी तमिलनाडु चली गई है.दरअसल उनका इशारा आईएएस की नौकरी छोड़कर राजनीति में आए वीके पांडियन की तरफ था. पांडियन को बीजद प्रमुख नवीन पटनायक का करीबी माना जाता है.
पीएम मोदी के बयान पर वीके पांडियन ने भी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने मंगलवार को कहा,''प्रधानमंत्री को पता लगाना चाहिए कि यह (जगन्नाथ मंदिर की चाबियां) कहां गईं. अगर उनके पास इतनी जानकारी है तो मैं माननीय प्रधानमंत्री से अनुरोध करता हूं कि उनके अधीन बहुत सारे प्राधिकरण हैं…उन्हें कुछ ज्ञान होगा,वह ओडिशा के लोगों की जानकारी बढ़ा सकते हैं. वह एक राजनीतिक बयान दे रहे हैं, इसलिए हम इसे उसी तरह लेंगे.'' उन्होंने बताया कि इस साल रथयात्रा के दौरान रत्न भंडार को खोला जाएगा. इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आकर इस प्रक्रिया को देखना चाहिए.
जगन्नाथ मंदिर का रत्न भंडार
चार धामों में से एक जगन्नाथ मंदिर का निर्माण 12वीं शताब्दी में हुआ था. कलिंग वास्तुकला के आधार पर बने इस मंदिर में एक रत्न भंडार भी बनाया गया है. इसी रत्न भंडार में जगन्नाथ मंदिर के तीनों देवताओं जगन्नाथ, बालभद्र और सुभद्रा के गहने रखे गए हैं. कई राजाओं और भक्तों ने भगवान को जेवरात चढ़ाए थे. उन सभी को रत्न भंडार में रखा जाता है. इस रत्न भंडार में मौजूद जेवरात की कीमत अरबों-खरबों में बताई जाती है.
जगन्नाथ मंदिर का यह रत्न भंडार दो भागों में बंटा हुआ है, भीतर भंडार और बाहर भंडार.बाहरी भंडार में भगवान को अक्सर पहनाए जाने वाले जेवरात रखे जाते हैं. वहीं जो जेवरात उपयोग में नहीं लाए जाते हैं, उन्हें भीतरी भंडार में रखा जाता है. रत्न भंडार का बाहरी हिस्सा अभी भी खुला है.लेकिन भीतरी भंडार की चाबी पिछले छह साल से गायब है.रत्न भंडार को अंतिम बार 14 जुलाई 1985 में खोला गया था और उसमें रखे जेवरात की सूची बनाई गई थी. इसके बाद रत्न भंडार कभी नहीं खुला और उसकी चाबी भी गायब है.
बीजेपी नेता समीर मोहंती ने पिछले साल जुलाई में ओडिशा हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका (पीआईएल) दाखिल कर रत्न भंडार खोलने के लिए अदालत से हस्तक्षेप करने की मांग की थी. उन्होंने चाबी गायब होने की सीबीआई से जांच कराने की मांग की थी.याचिका दायर होने के एक दिन बाद ओडिशा के कानून मंत्री ने कहा था कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है कि रत्न भंडार की चाबी गायब हो गई है या है.
मंदिर के खजाने को खोलने की मांग
जगन्नाथ मंदिर के रत्न भंडार को खोलने की मांग काफी लंबे समय से की जा रही है. इसको लेकर हाई कोर्ट में कई पीआईएल भी दाखिल की गईं.इनमें रत्न भंडार खोलने के लिए सरकार को निर्देश देने की मांग की गई थी.इन पर सुनवाई करते हुए 2018 में ओडिशा हाई कोर्ट ने खजाने की जांच-पड़ताल के लिए रत्न भंडार को खोलने का आदेश दिया था.लेकिन चाबी न होने की वजह से यह काम नहीं हो पाया. ओडिशा के कानून मंत्री जगन्नाथ सरकार ने इस साल फरवरी में विधानसभा में बताया था कि जगन्नाथ मंदिर के रत्न भंडार को इस साल रथ यात्रा के दौरान खोला जाएगा.इस साल रथयात्रा का आयोजन सात जुलाई को प्रस्तावित है.
पुरी की राजनीतिक लड़ाई
पुरी में लोकसभा चुनाव के छठवे चरण में 25 मई को मतदान होगा. पुरी में भाजपा की ओर से डॉक्टर संबित पात्रा चुनाव मैदान में है. वो भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता भी हैं. वो 2019 का चुनाव बीजू जनता दल के पिनाकी मिश्र से हार गए थे. इस बार उनका मुकाबला बीजद के अरुप पटनायक और कांग्रेस के जयनारायण पटनायक से है.अरुप मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर हैं.इस सीट पर कांग्रेस ने पहले सुचित्रा मोहंती को उम्मीदवार बनाया था. लेकिन मोहंती ने प्रचार के लिए पार्टी पर पैसा न देने का आरोप लगाकर टिकट लौटा दिया था.
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