लोकसभा चुनाव के पांचवें चरण में सोमवार शाम सात बजकर 45 मिनट तक 57.47 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया. पांचवें चरण के मतदान के साथ ही, 25 राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों और 428 निर्वाचन क्षेत्रों में लोकसभा चुनाव के लिए मतदान संपन्न हो चुका है. अब दो और चरण के मतदान बाकी है, जो कि 25 मई और एक जून को होने हैं. निर्वाचन आयोग ने बताया कि शाम छह बजे तक भी बड़ी तादाद में मतदाता मतदान केंद्रों पर कतार में मौजूद थे. वर्ष 2019 के चुनाव में पांचवें चरण में 51 सीट पर मतदान हुआ था और उस समय 64.16 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया था.
निर्वाचन आयोग के अनुसार, चौथे चरण में मतदान प्रतिशत 69.16 प्रतिशत रहा, जो 2019 के चुनाव के इसी चरण की तुलना में 3.65 प्रतिशत अधिक है. लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण के मतदान का अद्यतन आंकड़ा 65.68 प्रतिशत है, जबकि 2019 चुनाव के तीसरे चरण में यह 68.4 प्रतिशत था. इसी तरह, इस बार के चुनाव के दूसरे चरण में 66.71 प्रतिशत मतदान हुआ, जबकि 2019 में यह आंकड़ा 69.64 प्रतिशत था.
मौजूदा आम चुनाव के पहले चरण में 66.14 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया वहीं 2019 के चुनाव के पहले चरण में 69.43 फीसदी मतदान हुआ था. आयोग ने कहा कि डाक मतपत्रों की गिनती और इसे कुल मतदान प्रतिशत में जोड़ने के साथ ही मतदान का अंतिम आंकड़ा परिणाम के बाद ही उपलब्ध होगा.
शाम पांच बजे तक 56.7 फीसदी वोटिंग
लोकसभा चुनाव के पांचवें चरण के मतदान में 8 राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों की 49 लोकसभा सीटों पर शाम पांच बजे तक 56.7 फीसदी वोट डाले गए. शाम पांच बजे तक भी सबसे कम वोटिंग महाराष्ट्र में 48.7 फीसदी दर्ज की गई. वहीं, सबसे ज्यादा वोटिंग पश्चिम बंगाल में 73.0 फीसदी हुई है. इसके अलावा बिहार में 52.4%, जम्मू-कश्मीर में 54.2 फीसदी, लद्दाख में 67.2 फीसदी, झारखंड में 61.9 फीसदी, ओडिशा में 60.6 फीसदी और उत्तर प्रदेश में 55.8 फीसदी वोटिंग दर्ज की गई.
राज्य | 9 बजे | 11 बजे | 1 बजे | 3 बजे | 5 बजे | 6 बजे | कुल% |
उत्तर प्रदेश | 12.89% | 27.76% | 39.55% | 47.6% | 55.8% | 57.8% | |
बिहार | 8.86% | 21.11% | 34.62% | 45.3% | 52.4% | 52.6% | |
जम्मू-कश्मीर | 7.63% | 21.37% | 34.79% | 44.9% | 54.2% | 54.7% | |
झारखंड | 11.68% | 26.18% | 41.89% | 53.9% | 61.9% | 63.0% | |
लद्दाख | 10.51% | 27.87% | 52.02% | 61.3% | 67.2% | 67.2% | |
महाराष्ट्र | 6.33% | 15.93% | 27.78% | 38.8% | 48.7% | 49.0% | |
ओडिशा | 6.87% | 21.07% | 35.31% | 49.0% | 60.6% | 60.7% | |
पश्चिम बंगाल | 15.35% | 32.70% | 48.41% | 62.0% | 73.0% | 73.0% | |
कुल मतदान% |
दोपहर तीन बजे तक 47.5% मतदान
लोकसभा चुनाव की पांचवें चरण की वोटिंग में दोपहर तीन बजे तक 47.5% मतदान दर्ज किया गया. तीन बजे तक सबसे ज्यादा वोटिंग पश्चिम बंगाल में 62.7 फीसदी दर्ज की गई है. वहीं, सबसे कम वोट महाराष्ट्र में 38.8 फीसदी डाले गए हैं. इस चरण में बिहार की पांच सीटों के लिए वोट डाले जा रहे हैं. बिहार में अब तक 45.3 फीसद वोटर्स ने वोट डाले. वहीं, जम्मू-कश्मीर में 44.9 फीसदी वोटिंग हो चुकी हैं, यहां 2019 में कुल मतदान ही 34.6 फीसदी था. लद्दाख में 61.3%, झारखंड में 53.9%, ओडिशा में 49.0% और यूपी में 14 सीटों पर 47.6 फीसदी मतदान हुआ है.
दोपहर 1 बजे तक 36.73% मतदान
लोकसभा चुनाव के पांचवें चरण के तहत देश के 8 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 49 लोकसभा सीटों पर मतदान जारी है. इन सभी सीटों पर दोपहर 1 बजे तक 36.73 प्रतिशत मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग कर चुके हैं. दोपहर 1 बजे तक सबसे ज्यादा 52.02 प्रतिशत मतदान केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में दर्ज किया है. वहीं, सबसे कम वोटिंग महाराष्ट्र में दर्ज हुई है, जहां दोपहर 1 बजे तक सिर्फ 27.78 प्रतिशत मतदाताओं ने ही वोट किया है.
लोकसभा चुनाव : 11 बजे तक करीब 24% मतदान
लोकसभा चुनाव के पांचवे चरण के तहत देश के 8 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 49 सीटों पर 11 बजे तक 24 प्रतिशत के लगभग ( 23.66 प्रतिशत ) मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग कर चुके हैं. मतदान के राज्यवार आंकड़ों की बात करें तो, 11 बजे तक सबसे ज्यादा पश्चिम बंगाल में 32.70 प्रतिशत वोटिंग दर्ज की गई है, वहीं सबसे कम मतदान महाराष्ट्र में दर्ज किया गया है जहां 11 बजे तक सिर्फ 15.93 प्रतिशत मतदाताओं ने ही वोट किया.
49 सीटों पर सुबह 9 बजे तक 10.28% मतदान
पांचवें चरण के चुनाव में सुबह 9 बजे तक 10.28% मतदान दर्ज़ किया गया. उत्तर प्रदेश में 12.89%, बिहार में 8.86%, जम्मू और कश्मीर में 7.63%, झारखंड में 11.68%, लद्दाख 10.51%, महाराष्ट्र में 6.33%, ओडिशा में 6.87% और पश्चिम बंगाल में 15.35 प्रतिशत मतदान शुरुआती दो घंटों में दर्ज किया गया है. उत्तर प्रदेश के रायबरेली, अमेठी और लखनऊ सीट पर सबकी नजरें बनी हुई हैं, जिन पर क्रमश: राहुल गांधी, स्मृति ईरानी और राजनाथ सिंह जैसे दिग्गज चुनाव लड़ रहे हैं. लोकसभा के पांचवें चरण में उत्तर प्रदेश में 14 सीट पर सोमवार सुबह नौ बजे तक 12.89 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया. निर्वाचन आयोग के अनुसार, सुबह नौ बजे तक अमेठी में 13.45 प्रतिशत, बांदा में 14.57 प्रतिशत, बाराबंकी में 12.73 प्रतिशत, फैजाबाद में 14 प्रतिशत, फतेहपुर में 14.28 प्रतिशत, गोंडा में 9.55 प्रतिशत, हमीरपुर में 13.61 प्रतिशत, जालौन में 12.80 प्रतिशत, झांसी में 14.26 प्रतिशत, कैसरगंज में 13.04 प्रतिशत, कौशांबी में10.49 प्रतिशत, लखनऊ में 10.39 प्रतिशत, मोहनलालगंज में 13.86 प्रतिशत और रायबरेली में 13.60 प्रतिशत मतदान हुआ। वहीं लखनऊ पूर्व विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए 10.88 प्रतिशत वोट पड़े हैं
2019 लोकसभा चुनाव से कम रहा है मतदान प्रतिशत
लोकसभा चुनाव 2024 के पहले फेज की वोटिंग में 65.5 प्रतिशत वोट डाले गए थे. दूसरे फेज में 66.00% मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया. वहीं, तीसरे चरण में 65.68 प्रतिशत मतदान हुआ और चौथे चरण में 69.16 प्रतिशत मतदान हुआ. अगर 2019 के मुकाबले तीनों चरणों में इस बार कम वोटिंग हुई है. चौथे दौर में जिन 96 सीटों पर मतदान हो रहा है उनमें 2019 में 69.12% मतदान हुआ था. इसके अलावा 2019 लोकसभा चुनाव के पहले चरण में 69.96 प्रतिशत, दूसरे चरण में 70.09% और तीसरे चरण में 66.89 फीसदी और चौथे चरण में 69.12 मतदान हुआ था.
क्या है मतदाताओं का मूड...?
चुनाव के दौरान मतदाताओं के मूड को समझना आसान नहीं होता, क्योंकि इसमें कई फेक्टर काम करते हैं. लेकिन कम वोटिंग प्रतिशत को आमतौर पर सत्ता पक्ष के विरूद्ध देखा जाता है. पिछले 12 में से 5 चुनावों में मतदान प्रतिशत में गिरावट देखने को मिले है. जब-जब मतदान प्रतिशत में कमी आई है, तब 4 बार सरकार बदल गयी है. वहीं एक बार सत्ताधारी दल की वापसी हुई है. 1980 के चुनाव में मतदान प्रतिशत में गिरावट हुई थी और जनता पार्टी की सरकार सत्ता से हट गयी. जनता पार्टी की जगह कांग्रेस की सरकार बन गयी थी. वहीं 1989 में एक बार फिर मत प्रतिशत में गिरावट दर्ज की गयी और कांग्रेस की सरकार चली गयी थी. विश्वनाथ प्रताप सिंह के नेतृत्व में केंद्र में सरकार बनी थी. 1991 में एक बार फिर मतदान में गिरावट हुई और केंद्र में कांग्रेस की वापसी हो गयी. 1999 में मतदान में गिरावट हुई लेकिन सत्ता में परिवर्तन नहीं हुआ. वहीं 2004 में एक बार फिर मतदान में गिरावट का फायदा विपक्षी दलों को मिला था. हालांकि, राजनीति के जानकारों का मानना है कि इस बार ऐसा देखने को नहीं मिलेगा.
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