केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने कहा है कि पश्चिम बंगाल ने कांग्रेस का शासन देखा, वाम दलों का शासन देखा और अब तृणमूल कांग्रेस पार्टी का शासन भी देख लिया है. वहां के लोग बदलाव चाहते हं और इस बार बीजेपी को मौका देना चाहते हैं. गडकरी ने यह बात NDTV से विशेष बातचीत में कही. उन्होंने कहा कि हमें विश्वास है कि बंगाल में बीजेपी इस बार बहुमत हासिल करने में सफल रहेगी. गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस सरकार को बेदखल करने के लिए भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने पूरी ताकत झोंक दी है. इसके अंतर्गत बीजेपी सरकार के कद्दावर नेता प्रचार के लिए लगातार राज्य का दौरा कर रहे हैं. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी भी पार्टी के लिए प्रचार के लिए पश्चिम बंगाल पहुंचे हैं.
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यह पूछे जाने पर कि तृणमूल कांग्रेस कहती है कि बंगाल के लोग 'अपनी बेटी' को वोट देंगे, 'बाहरी' को स्वीकार नहीं करेंगे, गडकरी ने कहा कि हम बंगाल की संस्कृति और विरासत का सम्मान करते हैं. बंगाल, महाराष्ट्र, गुजरात सब अलग-अलग राज्य हैं, भाषा अलग है लेकिन देश तो एक है. 'बाहरी' जैसी बातें चुनाव के समय ही उठती हैं. राज्य में 'बीजेपी के पास सीएम पद के लिए चेहरा' नहीं संबंधी प्रश्न पर गडकरी ने कहा- हमारे पास चेहरे ही चेहरे हैं. उन्होंने कहा कि चेहरे से भी ज्यादा लोगों का विश्वास नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में है. केंद्र में हमारा प्रदर्शन लोगों को विश्वास दिलाता है कि बीजेपी बंगाल की तस्वीर भी बदलेगी. उन्होंने जोर देकर कहा कि बंगाल का सीएम इसी राज्य से होगा.
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तृणमूल के कई लोगों के बीजेपी में शिफ्ट होने से पार्टी की 'छवि' पर विपरीत असर तो नहीं, होगा, इसके जवाब में गडकरी ने मुस्कुराते हुए कहा-हमारे पास आकर लोग बदल जाते हैं. तृणमूल कांग्रेस से निराश हो चुके लोग हमारे पास आ रहे हैं. उनका पार्टी से मोहभंग हो रहा है. यह हमारे लिए अनुकूल स्थिति है. पश्चिम बंगाल में कांग्रेस पार्टी के सांप्रदायिक माने जाने वाले ISF के साथ गठबंधन पर बीजेपी नेता ने कहा-यह कांग्रेस का आंतरिक मामला है. वैसे भी कांग्रेस से लोगों का मोह भंग हो चुका है. कांग्रेस के असंतुष्ट G-23 ग्रुप के मामले में भी उन्होंने यही बात कही. गडकरी ने कहा कि कांग्रेस समाप्ति की कगार पर है और अपनी ही समस्याओं से जूझ रही है. कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी के G-23 नेताओं की बीजेपी के साथ अंडरस्टेंडिंग संबधी सवाल पर गडकरी ने कहा-ऐसी कोई बात नहीं है.
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कांग्रेस नेता राहुल गांधी के इमरजेंसी को चूक बताने संबंधी बयान को गडकरी ने अच्छा बताया. हालांकि वे यह कहने से भी नहीं चूके कि राहुल का यह कहना गलत है कि आज के समय के हालात आपातकाल से भी बदतर हैं. उन्होंने कहा कि राहुल को इमरजेंसी के बारे में ज्यादा पता नहीं है. दरअसल, राहुल गांधी ने जिस तरह से आपातकाल को लेकर के बयान दिया है, बीजेपी के भीतर अंदरूनी लोकतंत्र न होनी की बात कही है, और साथ ही आरएसएस (RSS) पर तीखा हमला बोला है. उसके बाद बीजेपी का जवाब देना तो जाहिर सी बात है.किसान आंदोलन को लेकर देश के समर्थन में ट्वीट करने वाले लता मंगेशकर, सचिन तेंदुलकर के मामले में गडकरी ने कहा कि इन शख्सियतों के बारे में यह कहना कि इन्होंने किसके इशारे पर ट्वीट किए, वाकई हास्यास्पद है. गौरतलब है कि महाराष्ट्र सरकार ने कहा है कि वह इस बात की जांच करेगी कि ये ट्वीट किसके इशारे पर किए गए.
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