- 21 नवंबर 2021 को चंदननगर के मुथूट फिनकॉर्प में चार हथियारबंद अपराधियों ने दिनदहाड़े डकैती की थी.
- अपराधी आधुनिक हथियारों के साथ जैमर, GPS ट्रैकर और RF डिटेक्टर जैसे हाईटेक उपकरणों से लैस थे.
- इस घटना में IPS विदित राज भुंडेश ने नेतृत्व करते हुए बहादुरी और रणनीति से पुलिस टीम का मार्गदर्शन किया.
डकैती का एक ऐसा मामला जहां न सिर्फ अपराधी आधुनिक हथियार लेकर आए थे बल्कि बल्कि जैमर ,GPS ट्रैकर और RF डिटेक्टर जैसे हाइटेक उपकरणों से लैस थे. करीब 15 मिनट तक फायरिंग के बीच पुलिस ने एक बड़े ऑपरेशन को अंजाम दिया और अपराधियों को उनके अंजाम तक पहुंचा दिया. इस ऑपरेशन में बड़ी भूमिका निभाने वाले पश्चिम बंगाल के 2016 बैच के IPS विदित राज भुंडेश को स्वतंत्रता दिवस कर शौर्य पदक से नवाजा गया.
उस दिन क्या हुआ था?
21 नवंबर 2021 को दोपहर 14:45 बजे दिनदहाड़े चार हथियारबंद अपराधी ऑटोमैटिक हथियारों और खतरनाक सामान से लैस होकर पश्चिम बंगाल के चंदननगर, लक्ष्मिगंज बाज़ार स्थित मुथूट फिनकॉर्प लिमिटेड में डकैती के इरादे से घुस गए थे. अपराधियों ने सिक्योरिटी गार्ड,ब्रांच के कर्मचारियों और कस्टमर्स को काबू में कर लिया और हथियार दिखाकर धमकाने, मारपीट करने और भयभीत करने लगे. एक कर्मचारी का पिस्टल से हमला कर सिर फोड़ दिया और उसका खून बहने लगा.
डकैती के दौरान एक कर्मचारी ने किसी तरह अलार्म (HOB स्विच) दबा दिया. अलार्म से मुथूट के ज़ोनल सिक्योरिटी कंट्रोल, विशाखापट्टनम को सूचना मिली और वहां से कोलकाता स्थित अधिकारी और संबंधित पुलिस को तुरंत सूचित किया गया.
तुरंत एक्शन में आई पुलिस
चंदननगर थाना प्रभारी अधिकारी से सूचना मिलते ही SI अतनु माजी पुलिस टीम के साथ 7 मिनट के अंदर मौके पर पहुंच गए और इमारत को घेर लिया. इसके साथ ही चंदननगर के डीसीपी आईपीएस विदित राज भुंडेश भी मात्र 3 मिनट में घटनास्थल पर पहुंचे और स्थिति का आकलन कर तुरंत सीमित संसाधनों में ऑपरेशन की योजना बनाई.
पुलिस टीम जब पहली मंजिल पर ब्रांच की ओर बढ रही थी तभी एक अपराधी सेंटी ने पुलिस को देखकर शोर मचाया और कहा “पुलिस आ गई” अन्य अपराधी हथियार तानकर बाहर निकले और गोली चलाने की कोशिश की.
SI अतनु माजी ने बहादुरी दिखाते हुए एक हथियार लिए अपराधी को कॉलर पकड़कर सीढ़ियों से नीचे गिरा दिया.
एक दूसरे अपराधी ने पुलिस पर गोली चलाई लेकिन मिसफायर हो गई. घटनास्थल से बाद में मिसफायर कारतूस बरामद हुआ. इसी दौरान एक अपराधी ने गोली चलाई लेकिन SI अतनु माजी ने उसकी हथेली को कसकर पकड़ लिया जिससे गोली सीढ़ियों के नीचे लगी और पुलिस टीम सुरक्षित बच गई. एक अन्य अपराधी ने पुलिस टीम पर करीब से फायरिंग की, लेकिन गोली पुलिस को छूकर निकल गई और सड़क पार दीवार में लगी.
डकैतों ने ज्यादा हथियार और गोला-बारूद होने और इमारत के अंदर से छिपकर पुलिस पर कई राउंड फायरिंग की और नेटवर्क ब्लॉक करने के लिए पोर्टेबल जैमर का इस्तेमाल किया. इस तनावपूर्ण स्थिति में DCP विदित राज भुंडेश ने आगे बढ़कर पुलिस दल का हौसला बढ़ाया और बेहतरीन ऑपरेशन को अंजाम दिया. इसके चलते
तीन अपराधियों करन ,बिट्टू कुमार और गुड्डू कुमार को गिरफ्तार कर लिया गया.
हालांकि, पुलिस टीम की संख्या कम होने का फायदा उठाकर एक अपराधी संकरी गली से भाग निकला. इसके बाद बिल्डिंग को सुरक्षित किया गया, सभी कर्मचारियों और ग्राहकों को बचाया गया और घायलों को अस्पताल भेजा गया.पुलिस ने मौके से बड़ी मात्रा में गोला बारूद और हाइटेक उपकरण बरामद किए.
पुलिस को क्या-क्या मिला?
- 70 कारतूस इनमें 4 खाली कारतूस
- 3 ऑटोमैटिक गन
- 7 लोडेड मैगज़ीन
- 2 नेटवर्क ब्लॉकर (पोर्टेबल जैमर), 2 GPS ट्रैकर, RF डिटेक्टर
- लूटी गई नकदी और सोना
- ब्रेकिंग टूल्स व अन्य उपकरण
पश्चिम बंगाल की CID के रिकॉर्ड के मुताबिक पहले ऐसे 10 मामलों में अपराधी सोना और नकदी मिलाकर लगभग 100 करोड़ लूट चुके थे. लेकिन पहली बार पश्चिम बंगाल पुलिस ने वारदात के दौरान ही तीन खतरनाक अपराधियों को गिरफ्तार किया. पुलिस ने महज 15 - 20 मिनट के अंदर ही इस पूरे ऑपरेशन को अंजाम दिया. इस तरह अपराधी अंजाम तक पहुंचे.
थाना चंदननगर में 392/397/307/34 IPC और 25/27 Arms Act के तहत केस दर्ज किया गया. SI अतनु माजी ने जांच को DCP विदित राज भुंडेश की निगरानी में जांच को आगे बढ़ाया और महज 77 दिन में चार्जशीट दाखिल कर दी. इस केस को “Specially Reported Case” माना गया.
- 11 जनवरी 2022 को सभी आरोपियों पर आरोप तय हुए
- 22 फरवरी 2022 को मामले का ट्रायल शुरू हुआ
- 16 मई 2023 ट्रायल खत्म हुआ
- 17 जुलाई 2023 कोर्ट ने तीनों अपराधियों को दोषी करार दिया
पुलिस की बहादुरी,फॉरेंसिक जांच, CCTV फुटेज, फिंगरप्रिंट, गवाहों के बयानों से ये केस 2 साल में अपने अंजाम तक पहुंचा. इन अपराधियों की गिरफ्तारी से 3 अन्य मामलों का खुलासा हुआ,जिसमें 2020 में टिटागढ़ में मनीष शुक्ला हत्याकां[,2021 में आसनसोल मुथूट फिनकॉर्प डकैती और 2017 में दुर्गापुर मनप्पुरम डकैती के मामले शामिल हैं.अपराधियों द्वारा पोर्टेबल जैमर का उपयोग पुलिस और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर चुनौती थी