हाईकोर्ट ने हावड़ा में रामनवमी पर शर्तों के साथ दी शोभायात्रा की इजाजत, गरमाया हुआ है माहौल

रामनवमी को देखते हुए पश्चिम बंगाल में माहौल गरमाता जा रहा है. बीजेपी और राज्य सरकार इस बार आमने-सामने आ गए हैं. इस बीच कलकत्ता हाई कोर्ट ने कहा है कि हाबड़ा में रामनवमी का जुलूस निकाला जा सकता है.

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नई दिल्ली:

रामनवमी का त्योहार जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है पश्चिम बंगाल में तनाव बढ़ता जा रहा है.बीजेपी ने कहा है कि राज्य रामनवमी पर करीब डेढ़ करोड़ लोग शोभा यात्राओं में शामिल होंगे.वहीं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने लोगों से शांतिपूर्वक रामनवमी का त्योहार माने की अपील की है. इस बीच कलकत्ता हाई कोर्ट ने कोलकाता से सटे हाबड़ा में रामनवमी का जुलूस निकालने की इजाजत दे दी है.रामनवमी छह अप्रैल को मनाई जाएगी.

हाई कोर्ट ने कौन कौन सी शर्तें लगाई हैं

हाई कोर्ट ने हावड़ा में रामनवमी का जुलूस निकालने की इजाजत देते हुए कहा है कि इसमें हथियारों की इजाजत नहीं रहेगी.अदालत ने बाइक रैली निकालने या डीजे बजाने पर भी पाबंदी लगाई है. अदालत ने अंजनी पुत्र सेना, विश्व हिंदू परिषद और दुर्गा वाहिनी को रैली को निकालन की इजाजत दी है. अदालत ने रैली में 500 लोगों को ही शामिल होने की इजाजत दी है. अदालत ने कहा है कि सभी जुलूस जीटी रोड के एक ही मार्ग से होकर पर निकलेंगे.इसके साथ ही अदालत ने पुलिस को हालात पर नजर बनाए रखने को कहा है.

दरअसल हावड़ा में रामनवमी पर शोभायात्राएं निकालने की परंपरा है. इस दौरान विवाद भी होते रहे हैं. पुलिस ने इस साल सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए जीटी रोड के रास्ते पिछले 15 सालों से चली आ रही पारंपरिक रामनवमी शोभायात्रा की इजाजत देने से इनकार कर दिया था. पुलिस के इस आदेश के खिलाफ अंजनी पुत्र सेना नामक के हिंदूवादी संगठन ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.

साल 2023 में रामनवमी पर हुई कथित हिंसा के खिलाफ कोलकाता में प्रदर्शन करते बीजेपी कार्यकर्ता.

राज्यपाल ने ममती बनर्जी सरकार को दिया निर्देश

पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने तृणमूल काग्रेस सरकार को निर्देश दिया था कि वह राज्य में रामनवमी का त्योहार शांतिपूर्ण तरीके से मनाना सुनिश्चित करने के लिए एहतियाती कदम उठाए. बोस ने सरकार को किसी भी अप्रिय घटना रोकने के लिए पर्याप्त बल तैनात करने का भी निर्देश दिया है. 

राजभवन की ओर से जारी बयान के मुताबिक,"यह सुनिश्चित करने के लिए कि उत्सव में किसी भी तरह से बाधा न आए, राज्यपाल ने राज्य सरकार को सख्त सलाह दी है कि वह पूरे राज्य में रामनवमी शांतिपूर्ण तरीके से मनाने के लिए सभी एहतियाती कदम उठाए.'' इसमें कहा गया है,''राज्य सरकार को यह सलाह भी दी गई है कि वह राज्य के किसी भी हिस्से में किसी भी अप्रिय घटना के बारे में राजभवन को तत्काल सूचित करे.''

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की अपील

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य के सभी समुदायों से अपील की है कि वे अफवाहों पर ध्यान दिए बिना रामनवमी का त्योहार शांतिपूर्वक मनाएं.उन्होंने बीजेपी पर निशाना साधते हुए उसे एक जुमला संगठन बताया.उन्होंने कहा कि इसका एकमात्र एजेंडा देश को धर्म के आधार पर बांटना है.उन्होंन बुधवार को राज्य सचिवालय में कहा था, "मैं सभी समुदायों से रामनवमी के दौरान शांति बनाए रखने, अफवाहों पर ध्यान न देने और सतर्क रहने की अपील करती हूं.मैं आपसे अनुरोध करती हूं कि आप किसी भी दंगे में शामिल न हों...याद रखें, यह उनकी योजना है. पश्चिम बंगाल में हम रामकृष्ण, विवेकानंद की शिक्षाओं का पालन करते हैं, न कि जुमला पार्टी की.''

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मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने लोगों से अफवाहों पर ध्यान दिए बिना रामनवमी का त्यौहार मनाने की अपील की है.

बीजेपी ने की हिंदुओं से घर से बाहर निकलने की अपील

इससे पहले भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की पश्चिम बंगाल इकाई के वरिष्ठ नेता और विधानसभा में नेता विपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने कहा था कि छह अप्रैल को राज्य भर में आयोजित होने वाली रामनवमी रैलियों में करीब डेढ़ करोड़ हिंदू भाग लेंगे.अधिकारी ने हिंदुओं से अपील की है कि वे अपने घरों से बाहर निकलें और शोभायात्राओं में शामिल होकर 'जय श्रीराम' के नारे को बुलंद करें. 

उन्होंने कहा,''रामनवमी के पवित्र दिन कम से कम डेढ़ करोड़ हिंदू सड़कों पर उतरेंगे. कृपया घर पर बेकार न बैठें. अपनी ताकत दिखाएं. दिखाएं कि हिंदू एकजुट हैं. यह स्वामी विवेकानंद, स्वामी रामकृष्ण और मां शारदा की धरती है. हम शांतिपूर्वक रामनवमी मनाएंगे.''

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अधिकारी ने पहले कहा था कि करीब दो हजार रैलियों में एक करोड़ हिंदू भाग लेंगे, लेकिन बुधवार को उन्होंने यह आंकड़ा संशोधित कर डेढ़ करोड़ बताया.

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