बंगाल में देवदूत बना डॉक्टर, भूस्खलन के बाद भी जान हथेली पर लेकर ऐसे गया अस्पताल, देखें VIDEO

बंगाल में लगातार भारी बारिश से आए भयंकर भूस्खलन और बाढ़ ने तबाही मचा दी है. ऐसे में नागराकाटा के ब्लॉक चिकित्सा अधिकारी इरफान मोल्ला ने मानवता की अद्भुत मिसाल पेश की है.

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  • उत्तरी पश्चिम बंगाल में भारी बारिश से भूस्खलन और बाढ़ ने व्यापक तबाही मचा दी है, जिससे 28 लोगों की मौत हुई है
  • डॉक्टर इरफान मोल्ला ने खाई के ऊपर रस्सी से झूलकर बाढ़ प्रभावित मरीजों तक पहुंचकर चिकित्सा सहायता दी
  • ममता बनर्जी ने मृतक के परिवारों को मुआवजा और परिवारों के सदस्यों को होम गार्ड की नौकरी देने की घोषणा की है
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कोलकाता:

उत्तरी पश्चिम बंगाल में लगातार भारी बारिश से आए भयंकर भूस्खलन और बाढ़ ने तबाही मचा दी है. इस आपदा के बीच, नागराकाटा के ब्लॉक चिकित्सा अधिकारी (BMOH) इरफान मोल्ला ने मानवता की अद्भुत मिसाल पेश की है. जब भूस्खलन की वजह से अस्पताल जाने वाले रास्ता पूरी तरह से तबाह हो गया, तब डॉ. मोल्ला रस्सी के सहारे एक खाई के ऊपर से झूलकर बामनडांगा क्षेत्र में फंसे मरीजों तक पहुंचे.

जान जोखिम में डालकर पहुंचे बामनडांगा

डॉ. इरफान मोल्ला ने बचाव दल और सुरक्षा उपकरणों की मदद से एक ज़िपलाइन का इस्तेमाल किया. सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे फुटेज में देखा जा सकता है कि डॉक्टर मोल्ला धीरे-धीरे खाई को पार कर रहे हैं और फिर जमीन पर उतरकर घायलों को चिकित्सा सहायता दे रहे हैं. 

इस वीडियो को शेयर करते हुए लोगों ने लिखा, "सभी हीरो टोपी नहीं पहनते. सच्चे हीरो वे हैं जो सबसे बुरे समय में लोगों की मदद करते हैं." एक अन्य कैप्शन में कहा गया, "जब एक डॉक्टर अपनी जान जोखिम में डालकर, रस्सी से लटककर खतरनाक इलाके को पार करता है ताकि बाढ़ प्रभावित लोगों का इलाज कर सके, तो वह वास्तव में हमारे सलाम का हकदार है. मानवता का सर्वोच्च उदाहरण."

उत्तरी बंगाल में भीषण तबाही

उत्तरी पश्चिम बंगाल में विनाशकारी भूस्खलन और बाढ़ के कारण अब तक 28 लोगों की मौत हो चुकी है. सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र दार्जिलिंग, मिरिक, सुकियापोखरी और जोरबंगलो हैं. पड़ोसी देश नेपाल में भी मरने वालों की संख्या 50 को पार कर गई है, जहां इलाम जिला सबसे बुरी तरह प्रभावित है. NDRF की टीमों को अलीपुरद्वार और अन्य प्रभावित क्षेत्रों में तैनात कर दिया गया है.

सीएम ने किया मुआवजे का ऐलान

CM ममता बनर्जी ने मृतकों के प्रत्येक परिवार को 5 लाख रुपये के मुआवजे और नागराकाटा में प्रत्येक प्रभावित परिवार के एक सदस्य को होम गार्ड की विशेष नौकरी देने की घोषणा की है.

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राहत और बचाव कार्य जोर-शोर से जारी है. मलबे के नीचे फंसे लोगों का पता लगाने के लिए अर्थ-मूविंग मशीनरी और हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल किया जा रहा है. इस आपदा से दार्जिलिंग, मिरिक और डुआर्स में पर्यटन उद्योग बुरी तरह प्रभावित हुआ है, जहां होटल और होमस्टे कैंसिलेशन 70 प्रतिशत तक पहुंच चुके हैं.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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